सिंधिया जी के विधायक श्री जज्जी बनाम सिंधिया जी को पराजय का स्वाद चखाने वाले के पी सिंह यादव


आजकल मध्यप्रदेश का अशोकनगर जिला दो शासकीय निर्णयों को लेकर ख़ासा चर्चा में है .... पहला मामला है अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित विधायक श्री जजपाल सिंह जी जज्जी का ... 

इन साहब के भूमि संबंधी राजस्व दस्तावेज की सिजरा वंशावली में चाचा, पिता और दादा की जाति सिख अंकित है | जज्जी के शैक्षणिक दस्तावेजों में भी उनकी जाती सिख लिखी गई है | इन्हीं आधारों पर ओबीसी समिति ने 2004 में उनका 'कीर" जाति का प्रमाण पत्र रद्द किया था और कहा था कि जज्जी ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ओबीसी का प्रमाण पत्र बनवाया। इतना ही नहीं तो उसमें यह भी लिखा था कि इससे पहले जज्जी ने अजा का प्रमाण पत्र भी बनवाया था। 

तो अब सवाल उठता है कि आखिर जज्जी हैं क्या ? उक्त निर्णयों के अनुसार तो वे न पिछड़ा हैं, नाही अनुसूचित .... लेकिन इसके बाद भी वे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं .... अर्थात सीधे तौर पर अपने कूटरचित प्रमाण पत्रों का सहारा लेकर लाभ ले रहे हैं ! उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर जिन्हें 2013 में गठित छानबीन समिति ने कूटरचित माना था ! अब सरकार बदली तो नई छानबीन समिति गठित हुई और नई समिति ने निर्णय दिया कि .... जज्जी साहब अनुसूचित जाति के 'नट" है ... बेचारे समिति के सरकारी मुलाजिम दबे दबे से यह भी लिखते हैं कि .... 

पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में जज्जी के अजा प्रमाण पत्र के बारे में कोई स्पष्ट अभिमत नहीं दिया है। समिति के अनुसार जज्जी के पूर्वज बूढ़ सिंह की जाती पंजाब के तरनतारन जिले के खारा ग्राम के पटवारी हल्के में नट दर्ज है। इस आधार पर जज्जी के अजा प्रमाण पत्र को वैध माना गया है। 

अब दूसरा मामला अशोकनगर के उन सांसद के पी यादव का, जिन्होंने स्वनामधन्य कांग्रेसी क्षत्रप श्री(मंत) ज्योतिरादित्य जी सिंधिया को पराजित करने का गौरव प्राप्त किया है .... 2014 में जब वे सिंधिया जी के सांसद प्रतिनिधि थे, तब उनका व उनके पुत्र का ओबीसी सर्टीफिकेट बना जिसमें उन्हें क्रीमी लेयर से कम का माना गया था .... मजा यह की उस प्रमाण पत्र का कोई लाभ भी उन्होंने नहीं उठाया.... इसके बाद भी कल रात को डेढ़ बजे दोनों पिता पुत्र पर एफआईआर दर्ज कर दी गई .... ना खाता न बही... जो सरकार कहे बही सही ! कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि विधायक जज्जी साहब को सजा मिलना तय है, बशर्ते कोई चुनौती दे... और सांसद के पी सिंह जी का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता, कोई कितने भी जतन कर ले !

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