अपनी ही पार्टी की सरकार पर भड़के कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा

पश्चिमी मध्यप्रदेश में तीन मार्च से शुरू होने वाले भगोरिया हाटों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने जनजातीय संस्कृति के इस प्रमुख आयोजन को बढ़ावा नहीं दिया, तो वह विधानसभा में यह मुद्दा उठायेंगे। अलावा, धार जिले के मनावर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक और जनजातीय संगठन "जय आदिवासी युवा शक्ति" के राष्ट्रीय संरक्षक हैं। उन्होंने "पीटीआई-भाषा" से कहा, "मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश सरकार आदिवासियों की कला, संस्कृति, परम्पराओं और रीति-रिवाजों को प्रोत्साहित करने के लिये भगोरिया हाटों में जनजातीय मेले लगाये। लेकिन न तो इस दिशा में कोई पहल होती नजर आ रही है, न ही सैलानियों को लुभाने के लिये भगोरिया का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया गया है।" उन्होंने कहा, "भगोरिया हाटों को बढ़ावा दिया जाना बेहद जरूरी है क्योंकि ये आदिवासियों की संस्कृति से गहरे जुड़े हैं। अगर भगोरिया हाटों की उपेक्षा जारी रही, तो हम विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के लिये तैयार हैं।" जानकारों ने बताया कि भगोरिया हाट झाबुआ, धार, खरगोन और बड़वानी जैसे आदिवासी बहुल जिलों के 100 से ज्यादा स्थानों पर तीन से नौ मार्च के बीच अलग-अलग दिनों में लगने वाले हैं। भगोरिया हाट इन इलाकों में होली के त्योहार से पहले हर साल लगते हैं जिनमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे पड़ोसी सूबों में काम करने वाले पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी भी बड़ी संख्या में भगोरिया हाटों में शामिल होने के लिये घर लौटते हैं। इससे चारों आदिवासी बहुल जिलों में उत्सव का माहौल बन जाता है। आदिवासी टोलियां ढोल और मांदल (पारंपरिक बाजा) की थाप तथा बांसुरी की स्वर लहरियों पर थिरकते हुए भगोरिया हाटों में पहुंचती हैं और होली के त्योहार से पहले जरूरी खरीदारी करने के साथ फागुनी उल्लास में डूब जाती है।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें