हारेगा कोरोना पर घर में तो रहो न – दिवाकर शर्मा

पूरा विश्व आज कोरोना के नाम से ही खौफजदा है | चीन के वुहान से निकले इस वायरस नें पूरे विश्व में दहशत फैलाई हुई है | इटली के प्रधानमंत्री यह कहते हए रो दिए कि हम धरती पर हर संभव कोशिश कर चुके है, अब में आसमान की तरफ देख रहा हूँ, भगवान सभी को माफ करे । यह उस इटली के प्रधानमंत्री का वक्तव्य है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मेडिकल सुविधा और हेल्थ केअर के मामले में समूचे विश्व मे दूसरे स्थान पर रखा है | वो इटली आज कोरोना के सामने लाचार है विवश है | अब बात भारत की करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मेडिकल सुविधा और हेल्थ केअर के मामले में समूचे विश्व मे भारत को 145 वे स्थान पर रखा हुआ है | जनसँख्या की बात करें तो इटली की जनसंख्या 6 करोड़ है ओर भारत की 140 करोड़ | यह आंकड़े बहुत कुछ बयां करते है | 

कोरोना पूरे विश्व को आज रुला रहा है परन्तु अफ़सोस कि हमारे देश में एक बड़ा वर्ग कोरोना की भयावहता की कल्पना तक नहीं कर पा रहा है | इस वर्ग के लिए कोरोना एक सामान्य सी बीमारी है और कोरोना से लड़ने का एकमात्र जो विकल्प लॉक डाउन या जनता कर्फ्यू हमारे सामने है, यह उनके लिए महज पिकनिक मनाने के समान कोई दिन है | देश के प्रधानमंत्री नें देशवासियों से एक भावनात्मक अपील की कि मात्र एक दिन के लिए देश की समूची जनता स्वयं कि इच्छा से घरों में ही रहे | लोगों ने उनकी इस अपील का सम्मान भी किया और अपने अपने घरों में ही बंद रहे | शाम 5 बजे कोरोना को हराने की इस जंग में किसी सैनिक की तरह योगदान दे रहे लोगों का भी अभिवादन ताली, थाली, घंटियाँ, मंजीरे इत्यादि बजा बजा कर भी किया | इसके बाद से लोगों को लगा कि उनकी जिम्मेदारी समाप्त हो चुकी है | अगले दिन यह जानकर भी कि सम्पूर्ण देश में लॉक डाउन की घोषणा की जा चुकी है, लोग इसकी गंभीरता को न समझते हुए, मोदी के द्वारा की गयी अपील - जिसमें उन्होंने देश की जनता को कोरोना की गंभीरता समझाते हुए उन्हें घरों में रहने का आव्हान किया था, उसे भुला कर सड़कों पर सैर सपाटा करने निकल गए | कुछ लोग गली मोहल्लों में ही झुण्ड बना कर ताश-पत्ते, जुआ खेलते नजर आ रहे है | महिलाएं भी गली मोहल्लों में समूहों में बैठ कर सास बहुओं की बुराइयों में मशगूल नजर आ रही है और अपने बच्चों को गली मोहल्लें में अन्य बच्चों के साथ खेलने को खुला छोड रही है | क्या इसके लिए जनता कर्फ्यू या लॉक डाउन किया गया है ? क्या ऐसे लड़ेंगे हम कोरोना जैसी अदृश्य शक्ति से ? 

लोगों को यह क्यों समझ नहीं आ रहा कि मात्र एक दो दिन घर में निकालने से कोरोना से जंग नहीं जीती जा सकती है | बल्कि कोरोना से लंबी लड़ाई हमें लड़ना है जिसकी अभी शुरूआत मात्र हुई है | देशवासियों को अपने दिमाग से इस गलतफहमी को निकाल देना होगा कि ताली, शंख या वाइब्रेशन से कोरोना मर गया है, लोग यह भी भूल जाये कि इसका इलाज पुराण कुरान या बाइबल में पहले से था, यह भी अपने दिमाग से निकाल देना होगा कि 14 घन्टें से ज्यादा वायरस जिंदा नहीं रहता, गोमूत्र, परसिटोमोल या कोई भी व्हाट्सएप की दवाई काम करेगी या ज्योतिष या कोई मन्त्र कुछ काम करेगा, यह भी सब काल्पनिक बातें है | कोरोना को केवल और केवल लोगों की सतर्कता और जागरूकता ही हरा सकती है, जो केवल आने वाले कुछ दिनों तक घर में अपने परिजनों के साथ रहकर ही संभव है | इसके अलावा कोरोना से बचने का कोई इलाज नहीं है | 

यदि अभी भी लोगों ने कोरोना की गंभीरता को नहीं समझा तो हमारे देश की स्थिति इटली से भी ज्यादा भयावह हो सकती है | इटली में 12 मार्च से ही लॉकडाउन है | पहले लॉकडाउन को 25 मार्च तक जारी रखे जाने की योजना थी, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इसे बढ़ा दिया गया है | आम जनता से लॉकडाउन के नियमों का सख़्ती से पालन करने के लिए कहा जा रहा है | नियम इतने सख़्त हैं कि इमरजेंसी की स्थिति में ही लोगों को बाहर निकलने की इजाज़त है और वो भी प्रमाण के साथ | अगर कोई झूठ बोलता पाया गया तो उसे जेल की सज़ा भी हो सकती है | हालात इतने ख़राब हैं कि लोग बाल्कनी और छत से तालियां बजाकर और संगीत के ज़रिए एक-दूसरे की हौसला अफ़जाई कर रहे हैं | हालांकि इन सारी कोशिशों के बावजूद वहां मौतों और नए मामलों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है | लगातार बढ़ते संक्रमण और मौतों के मामलों से जूझते इटली की हालत किसी बेबस देश जैसी हो गई है | मरीज़ इस कदर बढ़ते जा रहे हैं कि अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ गए हैं और डॉक्टरों के सामने ये दुविधा है कि वो किसका इलाज करें और किसे छोड़ें | आमतौर पर जंग में इस तरह के हालात पैदा होते हैं, लेकिन इटली को शांतिकाल में इस तरह की चुनौती भरी स्थिति से दो-चार होना पड़ रहा है | इटली के नागरिकों ने भी कोरोना को सामान्य सा वायरस समझने की भूल की थी तो इटली की स्थिति आज सभी के सामने है | ईश्वर न करे हमारे देश के हालात भी इटली के समान हो | हम कोरोना को हरा सकते है उसके लिए बस नियमों का पालन करें - मण्डली न करें। सावधानी बरतें।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें