अतिक्रमण मुहिम को लेकर पूर्व मंत्री सिंधिया को विधायक पीए ओपी शर्मा ने की शिकायत

शिवपुरी- विधायक सुरेश रांठखेड़ा के निज सहायक (पीए)ओ.पी.शर्मा द्वारा अतिक्रमुण मुहिम के द्वारा अपने तोड़े गए मकान की बाउण्ड्रीबाल को लेकर इस मुहिम को ही सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। इस मुहिम को लेकर विधायक निज सहायक ओपी शर्मा द्वारा गत दिवस करैरा प्रवास पर आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लिखित शिकायत की और इस मुहिम को भेदभावपूर्ण अंजाम देने, गरीबों को दोषी बताकर रसूखदारों को बख्शा गया है। यहां पीएम ओपी शर्मा द्वारा शिकायत में बताया गया कि जिस हैवी टै्रफिक को 2000 से लेकर 2019 तक कोई समस्या नहीं रही वह महज पांच माह के लिए हैवी टैफिक बन गया और इस हैवी टै्रफिक की आड़ में एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर व यातायात सूबेदार द्वारा अतिक्रमण मुहिम को चलाया गया लेकिन वह यह नहीं बता सके कि यह मुहिम किसके द्वारा और कौन से आदेश से चलाई जा रही है इसके अलावा अतिक्रमण मुहिम में कितनी रोड़ लेना है कितना अतिक्रमण हटाया जाना है और वहां लाईन डालकर अतिक्रमण चिह्नित करना चाहिए ऐसा कोई भी निर्देश या कोई भी सूचना किसी भी भवन स्वामी को नहीं दी गई और इस अतिक्रमण मुहिम के माध्यम से गरीबों को निशाना बनाया गया जबकि रसूखदारों से अच्छा खासा लेन-देन कर उन्हें बख्श दिया गया है। इसके अलावा विधायक निज सहायक ओपी शर्मा ने बताया कि उनके पास लोक निर्माण विभाग द्वार वर्ष 2002 में भवन निर्माण की स्वीकृति निर्धारित मानदण्डों के तहत है बाबजूद इसके उनके इस आदेश को इस मुहिम को चलाने वाले एसडीएम व यातायात सूबेदार ने नहीं माना और अपनी मनमर्जीपूर्वक स्वीकृत निर्माण को भी जेसीबी के द्वारा तहस-नहस कर दिया गया। इस दौरान इस मामले की शिकायत ओपी शर्मा द्वारा पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को करने पर उन्होंने मौके पर ही कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. को भी मामले में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद ओपी शर्मा द्वारा मामले की शिकायत और तथ्यों के साथ कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. को भी शिकायती पत्र सौंपा और इस अतिक्रमण मुहिम को लेकर कौन सा आदेश पारित हुआ, किसके आदेश से यह मुहिम चलाई गई इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए लेकिन कलेक्टर द्वारा कोई भी संतुष्टिपूर्ण जबाब नहीं दिया जा सका। मामले को लेकर निज सहायक ओपी शर्मा ने प्रायवेट इस्तगासा के माध्यम से न्याय के लिए माननीय न्यायालय की शरण ली है।

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