आखिर किन गलतियों के कारण दो दिन में भोपाल बना कोरोना का हॉट स्पॉट ?





इंदौर के बाद भोपाल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, दो दिन के अंदर ही भोपाल में 18 से आंकड़ा 63 पर पहुंच गया है। भोपाल के लिए चिंता की बात यह है कि यहां स्वास्थ्य विभाग के 29 अफसर और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं। सात पुलिसकर्मी भी इसके चपेट में हैं। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान के तेवर भी शख्त हैं। उन्होंने साफ कहा है कि कोरोना छिपाया या जांच में असहयोग किया तो जेल भेजेंगे। परन्तु सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि आखिर वह कौन सी ऐसी गलतियाँ है कि भोपाल अचानक से महज 48 घंटों के भीतर कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में बदल गया।

जिस भोपाल में कोरोना का पहला मामले सामने आने के 15 दिन के अंदर केवल 17 मामले सामने आए थे वहां 48 घंटों में ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा देखते ही देखते 63 तक पहुंच गया । पिछले 48 घंटे में भोपाल में अचानक से कोरोना के 50 के करीब पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश की राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के लिए स्वयं स्वास्थ्य विभाग के वह आला अफसर जिम्मेदार है जिनके कंधों पर पूरे राज्य को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी थी। अब तक भोपाल में जो 63 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए उनमें 29 मरीज स्वास्थ्य विभाग से जुड़े टॉप अफसर और उनसे जुड़े कर्मचारी है। इसके साथ ही अब भी करीब दर्जन भर से अधिक स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसर और 150 से अधिक कर्मचारी संदेह के दायरे में होकर क्वारेंटाइन है। हेल्थ कॉरर्पोरेशन के एमडी जे. विजय कुमार जो स्वास्थ्य विभाग के पहले अधिकारी थे जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे परन्तु इसके बाद भी वे लगातार बैठकें करते रहे | इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की कोरोना पॉजिटिव पाई गई प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल का अपने बेटे की अमेरिका से आने की जानकारी छिपाकर लगातार मंत्रालय और सतपुड़ा भवन में अधिकारियों के साथ बैठक करना भी एक बड़ी लापरवाही थी जिसका खामियाजा अब पूरे महकमे के साथ भोपाल को भुगतना पड़ रहा है |

जमातियों की बाहर से आई भीड़ ने डाला गंभीर समस्या में

भोपाल में अब तक कोरोना के जो 63 मरीज सामने आए है उसमें दो दर्जन से अधिक मामले जमातियों और उनसे जुड़े हुए लोगों के है। इस दौरान पांच मस्जिदों से 57 विदेशी जमातों के लोग मिले थे। फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, बर्लिन, म्यांमार और इंडोनेशिया से आए लोग पांच मार्च से शहर में थे। बता दें कि दिल्ली मरकज से करीब 107 तब्लीगी जमात के लोग मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में पहुंचे थे।दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद जब भोपाल में जमातियों की जांच की गई तो वह कोरोना संक्रमित पाए गए है। अब इन जमातियों के संपर्क में आए एक हजार से अधिक लोगों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है और प्रशासन ने सतर्कता के तौर पर 400 से अधिक लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा है।
भोपाल में तेजी से कोरोना पॉजिटिव केस मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि बाहर से आए लोगों के चलते भोपाल कोरोना के हॉटस्पॉट के रुप में बदल गया।

लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 69 केस

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में लॉकडाउन आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भोपाल पुलिस ने 69 केस दर्ज किए हैं। पुलिस ने ये कार्रवाई बीते 24 घंटे के भीतर की है। 22 मार्च से अब तक लॉकडाउन उल्लंघन के कुल 612 केस दर्ज किए जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में ये एफआईआर कमला नगर, जहांगीराबाद, गोविंदपुरा, बिलखिरिया, अयोध्या नगर, अवधपुरी, शाहपुरा, बागसेवनिया, एमपी नगर, तलैया, श्यामला हिल्स, शाहजहांनाबाद, कोहेफिजा, टीला जमालपुरा, हनुमानगंज, मंगलवारा, गौतम नगर, बैरागढ़, परवलिया, निशातपुरा, छोला मंदिर और बैरसिया पुलिस ने की हैं। सबसे ज्यादा केस बेवजह घूमने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।
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