क्या शुरू हो चुका है देश में राष्ट्रवादी पत्रकारों की आवाज दबाने का षड़यंत्र ? – दिवाकर शर्मा



इन दिनों भारत में राष्ट्रवादी पत्रकारिता के लिए चर्चित पत्रकारों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाहियों का दौर चल रहा है | गौर करने वाली बात यह है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाले इन पत्रकारों पर जो कानूनी कार्यवाही की जा रही है उसकी पुलिसिया प्राथमिकी कई राज्यों में दर्ज कराई गयी है | पत्रकारों पर प्राथमिकी दर्ज कराने वाले लोग कॉंग्रेस या उनके सहयोगी दलों से संबद्ध है | अर्नब गोस्वामी पर सोनिया गांधी के विरुद्ध अनर्गल टिपण्णी करने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, वहीँ अब सुधीर चौधरी पर अपने प्रोग्राम में जिहाद का सच दिखाने के कारण केरल में FIR की गई है | सुधीर चौधरी से पूर्व चैनल न्यूज़ 18 के पत्रकार अमीश देवगन के विरुद्ध भी पब्लिक केयर फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य शहजाद खान और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (INTUC) के अध्यक्ष अजीम खान ने फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया था |

अर्नब गोस्वामी मामला

पालघर में दो साधुओं की हत्या के बाद अर्नब गोस्वामी ने अपने न्यूज़ चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू समाज में व्याप्त रोष को व्यक्त किया था। अर्नब की डिबेट में कोई धार्मिल एंगल नहीं था। उन्होंने सिर्फ़ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की खामोशी, साधु समाज में रोष और पुलिस की अकर्मण्यता को लेकर सवाल किए थे। इसके बाद अर्नब पर कॉंग्रेस नेताओं के द्वारा न सिर्फ कई राज्यों में मामले दर्ज कराये गए, बल्कि मुंबई में उनके एवं उनकी पत्नी के ऊपर यूथ कॉंग्रेस के लोगों के द्वारा हमला भी किया गया | अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर (FIR) को लेकर अर्नब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तथा उनकी ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने राहत के लिए याचिका दायर की ।

मुकल रोहतगी ने मामले की सुनवाई में कहा, अर्नब ने अपने प्रोग्राम में पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की खामोशी पर सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि अगर मरने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के होते तो क्या तब भी वो यूँ ही खामोश रहतीं। मगर, 21 अप्रैल को प्रसारित हुए इस प्रोग्राम के बाद ही कई राज्‍यों में उन पर एफआईआऱ दर्ज करवा दी गई।

विपक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में आर्टिकल 32 का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के दखल का नहीं है। इसलिए, मुकदमा दर्ज हुआ है, तो पुलिस को अपना काम करने देना चाहिए। हाँ, सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ा जा सकता है, ताकि एक साथ जाँच हो पर ऐसे एफआईआर रद्द नहीं की जा सकती। सिब्बल ने ये भी कहा कि अगर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने एफआईआर दर्ज कराई है, तो उसमें दिक्कत क्या है? राहुल गाँधी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से दायर मानहानि के मुकदमों को झेला है। छत्तीसगढ़ के वकील विवेक तन्‍खा ने भी कहा कि अर्नब ने ब्रॉडकास्ट लाइसेंस का उल्लंघन कर सांप्रदायिक उन्माद फैलाया। उन्हें इसके लिए कोई रियायत नहीं दी जानी चाहिए।

दोनों पक्ष के मत सुनकर, SC ने माना कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एक ही मामले में कई राज्यों में मुकदमा नही चलाया जा सकता। लिहाजा सभी एफआईआऱ को एक साथ जोड़ा जाए। अदालत ने अर्नब को जाँच में सहयोग करने को कहा। अब इस मामले पर सुनवाई 8 हफ्तों के बाद होने की बात कही। इस मामले की सुनवाई में जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक महत्तवपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया पर कोई अंकुश नहीं होना चाहिए। मैं मीडिया पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने का विरोधी हूँ।

सुधीर चौधरी मामला

जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ पर केरल में FIR की गई है | उनके खिलाफ प्रोग्राम “जिहाद का सच” दिखाने के कारण पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गयी है | इस बारे में खुद सुधीर चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी | उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यह रहा मेरा पुलित्जर अवार्ड | केरल पुलिस ने मेरे खिलाफ गैरजमानती धारा में FIR दर्ज की है | शर्मनाक और असुविधाजनक तथ्यों को सामने रखने के लिए उन्हें एक्सपोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है | यह मीडिया को साफ संदेश देने की कोशिश है कि यदि आप धर्मनिरपेक्षता के दशकों पुराने छद्म और छल को सामने रखेंगे तो आप सलाखों के पीछे होंगे |

वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी के खिलाफ यह कार्रवाई मार्च में ब्रॉडकॉस्ट हुए DNA प्रोग्राम के कारण की गई है | इस कार्यक्रम उन्होंने जिहाद की सच्चाई सामने रखते हुए उसके कई प्रकार बताए थे | इसके ही आधार ही पर उन पर धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने का बेतुका आरोप लगाया गया है | पत्रकार ने अपने कार्यक्रम में वही दिखाया जो कि समाज में दशकों से हो रहा है | धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़कर राष्ट्रवाद को खामोश करने की छद्म कोशिश लगातार जारी है |

सुधीर चौधरी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि “11 मार्च 2020 को, टीवी चैनल जी न्यूज ने डीएनए कार्यक्रम प्रसारित किया. आरोपी ने अपना प्रोग्राम पेश किया, जिसमें मुस्लिम धर्म का अपमान किया गया।” 11 मार्च के सुधीर चौधरी के डीएनए कार्यक्रम का मुख्य मुद्दा जिहाद चार्ट था। इस कार्यक्रम में उन्होंने दर्शकों को समझाया कि इसका मतलब क्या होता है और जिहाद के कितने प्रकार होते हैं। सुधीर चौधरी ने अपने 11 मार्च के शो में दर्शकों को अलग-अलग जिहाद को लेकर एक विश्लेषण बताया। इस चार्ट के मुताबिक जिहाद की दो कैटगरी हैं एक ‘कट्टर जिहाद’ और दूसरा ‘वैचारिक जिहाद’। कट्टर जिहाद की पांच कैटगरी बताई गई हैं जिनमें जनसंख्या जिहाद, लव जिहाद, जमीन जिहाद, शिक्षा जिहाद, पीड़ित जिहाद, सीधा जिहाद। वहीं वैचारिक जिहाद की पांच कैटगरी हैं- आर्थिक जिहाद, ऐतिहासिक जिहाद, मीडिया जिहाद, फिल्म और संगीत जिहाद और धर्मनिरपेक्षता जिहाद। चौधरी के खिलाफ केरल में 7 मई को नॉन बेलेबल सेक्शंस में मामला दर्ज किया गया है।

अमीश देवगन मामला

नेटवर्क 18 के वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने अपने कार्यक्रम ‘आर-पार’ में एक क्लिप दिखाई थी | यह वीडियो उन्होंने मुंबई के कुर्ला इलाके का बताया था | जहां दिख रहा था कि लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोग एक जगह पर इकट्ठा थे | जिसको समझाने पुलिस पहुंची तो उन स्थानीय लोगों ने पुलिस वाले के साथ गाली गलौच करना शुरू कर दिया | इसी वीडियो पर जब अमिश देवगन ने ओवैसी की पार्टी AIMIM के पार्षद मुर्तजा से उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो वह अमिश को चलते शो में धमकी देने लगे | इसके बाद पब्लिक केयर फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य शहजाद खान और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (INTUC) के अध्यक्ष अजीम खान ने अमीश देवगन और उनके चैनल न्यूज़ 18 के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने के लिए शिकायत दर्ज करने की मांग की | यही नहीं अमिश देवगन पर फर्जी न्यूज़ फैलाकर मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया |

इस मामले के ठीक चंद घंटे बाद अमिश देवगन ने ट्विटर के जरिए बताया कि इस धमकी के बाद से उन्हें मिडिल ईस्ट के कई देशों से सीधे फोन करके धमकी दी जा रही है | इसके बाद अमिश के समर्थन में कई पार्टी के नेता और पत्रकार भी प्रतिक्रिया देने लगे |

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने देवगन को धमकी के मामले में कहा, 'जिसकी गलती होगी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी | इन गीदड़ धमकियों से मत डरो | यह तुम्हारी ईमानदारी से बौखलाए हुए हैं|' फिल्म मेकर अशोक पंडित ने कहा, देश तुम्हारे साथ है | इन गीदड़ धमकियों से मत डरो | यह तुम्हारी ईमानदारी से बौखलाए हुए हैं | देश तुम्हारे और तुम्हारे जैसे पत्रकारों के साथ है|'

उधर, सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा पत्रकार को धमकी देना बहुत गंभीर मामला है| कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता| कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा, किसी पत्रकार से सहमत या असहमत होना अलग बात है, लेकिन 'पत्रकारों' को 'धमकी' देना घोर निंदनीय और चिंता का विषय है, भारत सरकार को उनकी 'सुरक्षा' व्यवस्था करनी चाहिए|

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, अमिश जी आप एक निडर और निर्भीक पत्रकार हो और पूरा देश आप के साथ खड़ा है| मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है| इस पर कोई प्रहार बर्दाश्त नहीं होगा| किसी को धमकी देना कानूनन अपराध है| कोई भी किसी भी पत्रकार को धमकी देगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई ज़रूर होगी|

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कल से आप को डराया और धमकाया भी जा रहा है क्योंकि आपने AIMIM के पार्षद की गुंडागर्दी को एक्सपोज किया| यही यदि किसी तथाकथित 'डिजाइनर' पत्रकार के साथ होता तो अभी तक अरब देशों तक गूंज चली जाती|

कार्यक्रम के बाद अमिश देवगन को लगातार मिडिल ईस्ट के देशों से फोन के जरिए धमकी दी जा रही है | उन्होंने इसे लेकर नोएडा में एक रिपोर्ट दर्ज कराई है | देवगन ने कहा कि वो इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं| उन्होंने कहा, 'कोरोना योद्धाओं की आवाज को उठाते रहेंगे| मेरे पास कई अलग अलग फोन नंबर से कॉल आ रही हैं| ख़ास करके मिडिल ईस्ट से| उनसे मेरा कहना है कि अपने आकाओं को कह दो न डरे हैं न डरेंगे| भारत के लिए आख़िरी दम तक बोलेंगे|'

आईये हम और आप भी इन निडर और निर्भीक पत्रकारों के स्वर में स्वर मिलायें और छद्म धर्म निरपेक्षता का चोगा पहने ढोंगी, पाखंडी राजनेताओं और असामाजिक राष्ट्रद्रोही ताकतों को बेनकाब करें | कानून की आड़ में यह देश के पत्रकार जगत को धमकाने की साजिश है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है |
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें