क्या मिल पायेगी सामान्य शासकीय कर्मचारी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों को सजा ?


यह आत्महत्या नोट पढ़कर किसकी आँख नहीं डबडबा जायेगी | परिवार के मुखिया ने आत्महत्या करते हुए जहाँ एक ओर परिवार से भावुक अपील की है बहीं दूसरी और हमारे सड़े हुए तंत्र को भी बेनकाब किया है | पता नहीं शासन प्रशासन के बहरे कानों तक इस सामान्य शासकीय कर्मचारी की गुहार पहुंच भी पाती है या नहीं –

प्रति श्रीमान कलेक्टर महोदया

जिला शिवपुरी

श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय

जिला शिवपुरी

विषय – श्री अजय कटियार, जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी, श्री सचिन अग्रवाल, स. ग्रेड २, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी एवं श्री प्रशांत गुप्ता स. ग्रेड ३ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी के द्वारा प्रार्थी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के सम्बन्ध में आत्महत्या नोट | मैं वृन्दावन शर्मा पुत्र स्व. श्री मनीराम शर्मा उम्र ५० वर्ष निवासी शांति नगर लालचंद का बाड़ा शिवपुरी पद गणक (निलंबित) कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी, श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिवपुरी, श्री सचिन अग्रवाल स.ग्रेड २ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी एवं श्री प्रशांत गुप्ता स. ग्रेड ३ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी के द्वारा निम्न प्रताड़ना से आत्महत्या कर रहा हूँ

– १ – श्री अजय कटियार – श्री अजय कटियार द्वारा श्रीमान कलेक्टर महोदय को गलत जानकारी देकर प्रार्थी को दिनांक २३ – ११ – २०१९ को निलंबित कराया गया | जबकि श्री राजेश बैरागी अध्यापक की अपील कलेक्टर न्यायालय में लंबित होने सम्बन्धी पूर्ण जानकारी स्वयं श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी महोदय जिला शिवपुरी को थी | श्री कटियार द्वारा प्रार्थी को निलंबित होने के बाद भी श्री कटियार द्वारा झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता रहा है | प्रार्थी को स्वयं की स्वेच्छा से निलंबन शर्त का भुगतान माह मार्च २०२० का आशीष अग्रवाल को दिया गया | अप्रैल २०२० के निलंबन भत्ते का भुगतान १५/०५/२०२० के बाद किया गया | जबकि सम्बंधित बाबू द्वारा समय पर भुगतान करने हेतु निवेदन किया गया | श्री कटियार से प्रार्थी द्वारा निरंतर बहाली करने हेतु मौखिक रूप से निवेदन किया गया, तो उसके एबज में रुपये पांच लाख की मांग की गई | प्रार्थी एक छोटा कर्मचारी होने के नाते पैसे देने में असमर्थ है अन्यथा की स्थिति में आपके द्वारा FIR दर्ज कराने की धमकी दी जाती है | दिनांक २९/५/२०२० को कार्यालय के समस्त स्टाफ के समक्ष प्रार्थी को जलील किया गया तथा FIR दर्ज कराने की धमकी दी जाकर एक आवेदन पत्र लिखाया गया, जबकि प्रार्थी के द्वारा समस्त निरीक्षक का रिकॉर्ड श्री रविशंकर पटेल कार्यालय सहायक ग्रेड १ के पास होना बताया गया | लेकिन श्री कटियार द्वारा FIR की धमकी देकर उक्त निरीक्षण संबंधी अभिलेख प्रार्थी के पास होना लिखाया गया | श्री कटियार द्वारा शासन के आदेश दिनांक १०/३/१६ के अनुक्रम में अनुदान संस्थाओं का निरीक्षण कराये बिना करीब दस करोड़ का भुगतान अनियमित कर दिया गया है | प्रार्थी के ७५ % निलंबन भत्ते का भुगतान नहीं किया गया |

२ – श्री सचिन अग्रवाल – श्री सचिन अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को प्रताड़ित किया जा रहा है | इनके द्वारा कारन जोगी भृत्य की फाईल प्रार्थी के पास होने संबंधी पत्र जारी किया गया | जबकि वह फाईल श्री अग्रवाल के पास है, क्योंकि आदेश श्री अग्रवाल द्वारा स्थापना का धारक होने से इनके द्वारा जारी किये गए हैं | श्री अग्रवाल द्वारा वर्ष २०१४ में करन जोशी भृत्य को अनियमित रूप से नियमित स्थापना में नियुक्त किया गया है | इनके द्वारा बिना प्रभारी मंत्री की अनुमोदन के स्थानांतर निरस्त किये गए हैं | श्री अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को निलंबन उपरांत मान्यता का प्रभार न दिए जाने का आरोप प्रार्थी के आरोपपत्र में जानबूझकर लगवाया गया है जबकि श्री अग्रवाल दिनांक ४-२-१९ से दिनांक २३-११-१९ तक निरंतर मान्यता कक्ष का कार्य कर रहे हैं, इस अवधि में इनके द्वारा कोई मान्यता का चार्ज देने हेतु कभी किसी D एस महोदय से नहीं कहा गया |

३ – श्री प्रशांत गुप्ता – श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा हमेशा यह प्रयास किया जाता रहा है कि प्रार्थी किसी भी स्थिति में निलंबन से बहाल न हो सके | श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा एवं श्री सचिन अग्रवाल द्वारा श्री अजय कटियार को गुमराह कर प्रार्थी पर निलंबन में गकत आरोप लगवाये गए हैं, जबकि निलंबन आदेश में उल्लेखित कारणों में आरोप विपरीत लगाए गए हैं | श्री गुप्ता शिकायत निरीक्षक कक्ष के प्रभारी हैं, इनके द्वारा श्री कटियार जी के पदस्थी दिनांक से करीब १५० शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उनसे बहाली के एबज में प्रत्येक से ५० हजार रुपये लिए गए हैं | ऐसे शिक्षकों को मन माफिक जगह पदस्थ किया गया है और कलेक्टर महोदय को गुमराह किया जाता है | श्री अजय कटियार जिले के शिक्षकों के GPR स्वीकृति के एबज में डेढ़ प्रतिशत की राशी रिश्वत के रूप में लेते हैं | अतः निवेदन है कि प्रार्थी के द्वारा आत्महत्या, इन तीनों लोगों के द्वारा प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष रूप से प्रताड़ित करने के कारण की जा रही है | जिसके लिए उक्त तीनों दोषी हैं |

प्रार्थी के परिवार के किसी सदस्य को परेशान न किया जाए | श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी, श्री सचिन अग्रवाल स.ग्रेड २ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी एवं श्री प्रशांत गुप्ता स. ग्रेड ३ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी पूर्णतः आत्महत्या कराने हेतु दोषी हैं | इनको गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद इनको कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी से अन्यथा पदस्थ कर पूर्ण कृत्यों की जांच की जावे, अन्यथा यह साक्ष्य समाप्त करेगा | यह आत्महत्या नोट माननीय न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया जावे | बेटा सोनू अब परिवार का भार आपके ऊपर छोड़कर जा रहा हूँ, मेरी पत्नी श्रीमती सुमन शर्मा मैं तेरा साथ नहीं दे सका, बेटी जया, आयुषी तुम अपना ख्याल रखना, पढाई करना, बेटा सोनू दोषियों को सजा दिलवा देना |

दिनांक २७/६/२०२०

प्रार्थी वृन्दावन शर्मा

शांति नगर शिवपुरी

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