सनातन संस्कृति अजेय है। यह सृष्टि के साथ उपजी है। जब तक सृष्टि है तब तक अक्षुण्य रहेगी। यह अलग बात है कि इसको मिटाने और धूमिल करने की कोशिशे...
सनातन संस्कृति अजेय है। यह सृष्टि के साथ उपजी है। जब तक सृष्टि है तब तक अक्षुण्य रहेगी। यह अलग बात है कि इसको मिटाने और धूमिल करने की कोशिशें आरंभ से हो होती रही हैं । आगे भी होती रहेंगी। आज सनातन संस्कृति को लेकर केवल भारत मे ही नही बल्कि दुनिया भर में बहस हो रही है। भारत के वर्तमान परिवेश ने इस बहस को और बल दे दिया है। इस बहस का केंद्र वही है जिसे लेकर दुनिया आश्चर्यचकित भी होती है और हार थक कर स्वीकार भी करती है। हार थक कर इसलिए क्योंकि सनातन का कोई विकल्प संभव नही है। यही वह एक मात्र जीवन संस्कृति है जिसमे मानवता का कल्याण उपस्थित है। जिस मानवता के लिए दुनिया की सभ्यताएं केवल संघर्ष कर रही हैं वह केवल भारतीय सनातन संस्कृति के माध्यम से ही संभव है।

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