स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार जी के तीन दिवसीय भोपाल प्रवास में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम



स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार जी का दिनांक 1 जनवरी से 3 जनवरी तक हुआ भोपाल प्रवास कई द्रष्टियों से महत्वपूर्ण रहा। प्रवास के प्रथम दिवस 1 जनवरी को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में "आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका" विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सतीश जी ने कहा कि कोरोना काल में भारत आत्मनिर्भरता के विषय में सोचने को विवश हुआ है। कोरोना काल में ही भारत पीपीई किट, वेंटिलेटर और वैक्सीन जैसे चिकित्सकीय अनुसंधानों व निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है। 

भारत सदैव से वसुदेव कुटुंबकम की मान्यता वाला देश रहा है, किन्तु हमें अंग्रेजीयत द्वारा उत्पन्न की गई हीनग्रंथि से बाहर निकलना होगा। हमें परिवार को आत्मनिर्भर बनाने एवं अपनी पुरातन संस्कृति की ओर लौटने का प्रयास करना होगा। इसके लिए स्वदेशी सामग्री को अधिक से अधिक अपनाना होगा। 

जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष व्याख्यान में सतीश जी ने "आत्मनिर्भर भारत" के विचार को स्पष्ट करते हुए समाज तक इसे पहुंचाने हेतु शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ माध्यम बताया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश के द्वारा की गई। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर के.जी. सुरेश ने शिक्षकों की भूमिका को मानव उत्थान एवं चरित्र निर्माण से तथा आत्मनिर्भरता को आत्मसम्मान से जुड़ा हुआ बताया। 

कार्यक्रम के समन्वयक एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ आशीष जोशी ने समाज को आत्मनिर्भर बनाने में मीडिया व शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अविनाश बाजपेई ने आभार व्यक्त किया। 

प्रवास के दूसरे दिन दो जनवरी को सतीशकुमार जी ने भोपाल महानगर के स्वदेशी कार्यकर्ताओं की बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया । सतीश जी ने कार्यकर्ताओं को कार्यकर्ता की परिभाषा, कर्म, उद्देश्य के विषय में जानकारी देते हुए आगामी कार्यक्रमों हेतु निर्देशित किया। 

बैठक में अखिल भारतीय सह संगठन माननीय सतीश कुमार जी के साथ क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख एवं प्रांतीय संयोजक श्री अरुशेद्र शर्मा, प्रांतीय संगठन श्री केशव दुबौलिया, प्रांतीय सह संयोजक श्रीकांत बुधौलिया, दीपक दुबे, सतपाल शर्मा सहित महानगर के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। 

दो जनवरी को ही उन्होंने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश एवं आत्मनिर्भर जिला" विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारियों से 

"आत्मनिर्भरता" के विषय में उनके विचार भी सुने एवं "प्रदेश एवं जिले" को किस प्रकार आत्मनिर्भर बनाया जाए, इस पर भी उनके विचार जाने । 

इस दौरान सतीश कुमार जी ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु माइंड सेट करना आवश्यक है और अब भारत अपना माइंड सेट कर रहा है। माइंड जब विनिंग ट्रैक पर आ जाता है तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, कोरोना काल में भारत नें यह कर दिखाया है। भारत ने स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण कर लिया है, जो सबसे सस्ती व सुरक्षित है और पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। भारत ने यह उपलब्धि आत्मनिर्भरता के सिद्धांत का प्रयोग करके प्राप्त की है। अब भारत बदल गया है भारत अब इंपोर्टर नहीं बल्कि एक्सपोर्टर बनने की तैयारी कर रहा है। कोरोना टूल्स ने यह सिद्ध कर दिया है। जिस चीन के साथ हमारा व्यापार 7 अरब डॉलर पार कर गया था वह अब 48 हजार पर आ गया है, धीरे-धीरे यह शून्य हो जाएगा। अब भारत चीन को चावल निर्यात कर रहा है। भारत इस समय तेजी से आत्मविश्वास के आधार पर “यस वी कैन डू” के आधार पर आगे बढ़ रहा है। भारत को दुनिया का सबसे अमीर देश बनाने में 37 करोड़ युवा सबसे अहम रोल अदा करने वाले हैं। कोरोना में सभी देशों की जीडीपी कमजोर हुई परंतु भारत ने इसी कोरोना काल में 11 यूनिकार्न्स पैदा किए, यह भारत की युवा शक्ति के कारण हुआ है। भारत 0% बीपीएल एवं 100% रोजगार की दिशा में बढ़ रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के माध्यम से संभव होगा। इस कार्य में कार्यक्रम में सम्मिलित शिक्षा संस्थानों की भी बड़ी भूमिका है। 

प्रवास के अंतिम दिन तीन जनवरी को सतीश जी ने मध्य क्षेत्र कार्यकर्ता बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस बैठक में कार्यकर्ताओं के नवीन दायित्वों की भी घोषणा हुई। 

बैठक में सतीश जी के साथ श्री चंदेल, श्रीमती राजकुमारी शुक्ला, अरुशेंद्र जी शर्मा, केशव जी दुबौलिया, श्रीकांत जी बुधौलिया, संजीव जी गोयल सहित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रांतीय एवं विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र का वृत्त प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मध्य क्षेत्र के संपर्क प्रमुख एवं मध्य भारत प्रांत के संयोजक अरुशेंद्र जी शर्मा द्वारा किया गया। अतिथि परिचय महाकौशल प्रांत संयोजक चंद्र मोहन साहू जी द्वारा एवं आभार तथा राष्ट्रीय डिजिटल सम्मेलन नई दिल्ली में पारित प्रस्तावों का वाचन मध्य भारत प्रांत के प्रांतीय प्रचार प्रमुख संजीव जी गोयल द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम में प्रांत के नवीन दायित्वों की घोषणा की गई। शिवपुरी के श्री सुरेश दुबे को मध्य भारत प्रांत संघर्ष वाहिनी प्रमुख, श्री दिवाकर शर्मा को मध्य भारत प्रांत कार्यकारिणी सदस्य तथा श्री राकेश शर्मा को विभाग संयोजक शिवपुरी घोषित किया गया। 

इनके अतिरिक्त श्रीमती प्रतिमा चतुर्वेदी को मध्य भारत प्रांत महिला प्रमुख, श्री गुरमीत छाबड़ा को मध्य भारत प्रांत कोष प्रमुख, श्री गिरीश शर्मा को मध्य भारत प्रांत संपर्क प्रमुख, श्री प्रमोद दुबे को मध्य भारत प्रांत सह प्रचार प्रमुख के साथ विभाग संयोजक गुना का दायित्व सोंपा गया। 

साथ ही श्री राघवेंद्र शर्मा, श्री सुरेश पाठक, श्री जयदेव शर्मा, श्री दिलीप कटारिया, डॉ नवीन दुबे, श्री महेंद्र शर्मा, श्री पवन मेहता को मध्य भारत प्रांत कार्यकारिणी सदस्य घोषित किया गया। श्री हरि ओम सेन विभाग संयोजक राजगढ़ बनाए गए ।
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