कोरोना रोकने में लगा प्रशासन, सरकारी कामकाज लगभग ठप

 



- जनसुनवाई बंद हो गई और सरकारी कार्यालयों में कामकाज की गति धीमी
- कलेक्टर व एसपी और अन्य अधिकारी कोरोना रोकने में व्यस्त हुए


शिवपुरी। शिवपुरी जिले में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कारण इस समय पूरा प्रशासनिक अमला कोरोना को रोकने में लग गया है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर इस समय कोरोना की रफ्तार थामने में लगे हैं। इसका असर सरकारी कामकाज पर भी पड़ रहा है। शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य सरकारी दफ्तरों में हालात यह है कि यहां पर मातम पसरी का आलम है। यानि की किसी भी सरकारी कार्यालय में जाओ तो वहां पर पर एक या दो बाबू या चपरासी मिलते हैं और कहतेे हैं कि साहब तो कोरोना की मीटिंग में हैं या कार्रवाई में गए हैं। शिवपुरी कलेक्टर सहित राजस्व विभाग के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित कई पटवारी इस समय कोरोना की ड्यूटी में है। सरकारी दफ्तरों में लोगों के छोटे-बड़े कामकाज लटक गए हैं। कई परेशान लोगों ने बताया कि किसी दफ्तर में चले जाओ वहां पर अधिकारी व कर्मचारी मिलते ही नहीं है।

जनसुनवाई की गई बंद-

कोरोना संकट बढ़ते ही सबसे पहले हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई अफसरों ने बंद कर दी। इस समय आगामी आदेश तक यह जनसुनवाई बंद है। जनुसनवाई में परेशान आवेदक अपनी समस्या बता सकता था लेकिन अब यह नहीं हो पा रहा। खानापूर्ति के लिए एक बॉक्स रख दिया गया है यहां पर सुनवाई के लिए आवेदन दे जाओ। अब सुनवाई होगी कि नहीं यह तय नहीं। कोई पावती या रसीद नहीं। सब कुछ बदल गया है।


नगर पालिका का बुरा हाल-

कोरोना के कारण शहर में सबसे बुरा हाल इस समय नगर पालिका का है। यहां पर पिछले दो साल से चुनाव नहीं हुए। नई परिषद बनी नहीं इसके कारण प्रशासक के सहारे काम हो रहा है। कलेक्टर कभी नपा दफ्तर आते नहीं। सब भगवान भरोसे चल रहा है। अब कोरोना बढ़ने के बाद पानी, सफाई, स्ट्रीट लाइट जैसे काम नहीं हो रहे। सीएमओ सहित अन्य अमला कोरोना के चालान काटने में व्यस्त हैं। कुल मिलाकर जनता के काम ठप हैं।

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