छोटे खां क्रिकेट अकादमी द्वारा नि:शुल्क क्रिकेट प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से सिखाई जा रही क्रिकेट की बारीकियां

 

शिवपुरी- लगातार 35 वर्षों से अपने क्रिकेट के अनुभव को क्रिकेट के क्षेत्र में रूचि रखने वाली प्रतिभाओं को बांटने का कार्य करने वाले वरिष्ठ क्रिकेटर छोटे खां एक बार फिर से कोरोना काल के समय भी अपने अनुभवों को बांटने में पीछे नहीं है यही कारण हैकि लगातार 35 वर्षों से जारी प्रशिक्षण शिविर को एक बार फिर से शुरू कर दिया गया है। शहर के पोलोग्राउण्ड मैदान में छोटे-छोटे वह बच्चे जो क्रिकेट में रूचि रखते है उन्हें उनके खेल के मुताबिक निखारने का कार्य छोटे खां द्वारा किया जा रहा है। क्रिकेट की बारीकियों को सीखकर किस प्रकार से खेल को अनुशासन में खेला जाता है इस तरह के नियम भी इन खिलाडिय़ों को बताया जा रहा है। प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शुरू होने वाला यह प्रशिक्षण शिविर सुबह 8 बजे तक जारी रहता है जिसमें नियमित फिटनेस, दौड़, व्यायाम आदि के साथ क्रिकेट के बैट और गेंद के साथ क्षेत्ररक्षण की महत्वपूर्ण जानकारी भी इन प्रशिक्षणार्थियों को दी जा रही है। प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ क्रिकेटर व छोटे खां क्रिकेट अकादमी के संचालक छोटे खां ने बताया कि प्रतिवर्ष बच्चों में क्रिकेट के प्रशिक्षण को लेकर ललक रहती है और वह वर्ष गर्मी के दिनों में इस प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ होने का इंतजार करते है ऐसे में बच्चों के मनोभाव को देखते हुए कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए बच्चों को क्रिकेट का प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है साथ ही उन्हें कोरोना के प्रति जागरूक रहने की समझाईश भी दी जा रही है ताकि वह अपने और अपने परिवार के साथ अन्य आमजन को भी कोरोना से बचाव में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि 35 वर्षांे से जारी इस क्रिकेट के प्रशिक्षण में कई खिलाड़ी अब तक ऐेसे हुए जो रणजी और अन्य विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिता में शामिल हुए और अंचल शिवपुरी का नाम प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में रोशन किया है। ऐसे में अब यह प्रशिक्षण पाने वाले क्रिकेट के खिलाड़ी भी भविष्य में क्रिकेट के क्षेत्र में शिवपुरी का नाम रोशन करेंगें, इसी आशा के साथ इन्हें अपने अनुभव प्रदान कर क्रिकेट का प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है ताकि हरेक खिलाड़ी अपने आप को असहज महसूस ना कर सके और वह इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन सके। प्रशिक्षण के बाद इन्हीं खिलाड़ीयों की टीम बनाई जाकर इनके बीच ही मैच कराऐं जाऐगें जिसमें रंगीन डे्रसें और शहर के सहयोगी प्रायोजक बनकर इनका मनोबल बढ़ाऐंगें।

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