अफगानिस्तान का इतिहास -1, अवगाहन से अफगान और अफगानिस्तान - संजय तिवारी

 

एक भूभाग अवगाहन के लिए। जहां श्रुति, स्मृति, शास्त्र, उपनिषद आदि मानव संविधान का अवगाहन किया जाता हो। अध्ययन और अध्यापन किया जाता हो। मानव सभ्यता के लिए संवैधानिक अवगाहन स्थल। अफ़गानिस्तान का आधुनिक देवनागरीकरण है अफ़ग़ानिस्तान ) इस्लामी गणराज्य दक्षिण एशिया में अवस्थित देश है, जो विश्व का एक भूूूू-आवेष्ठित देश है। वैदिक सनातन साहित्य में वर्णित जम्बू द्वीप का एक प्रमुख भूभाग।

फ़ारसी भाषा के अफ़गान रूप को दरी कहते हैं। अफ़्ग़ानिस्तान का नाम अफगान और स्थान या (स्तान )जिसका मतलब भूमि होता है से लकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है अफ़गानों की भूमि। स्थान या (स्तान) भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत का शब्द है- पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कज़ाख़स्तान, हिन्दुस्तान इत्यादि जिसका अर्थ है भूमि या देश। यहां सभी मे थ का उच्चारण दोष त हुआ है। अफ़्गान का अर्थ यहां के सबसे अधिक वसित नस्ल (पश्तून) को कहते है। अफ़्गान शब्द को संस्कृत अवगान से निकला हुआ माना जाता है। ध्यान रहे की "अफ़्ग़ान" शब्द में ग़ की ध्वनी है और "ग" की नहीं। "स्तान" का अर्थ है स्थान या भूमि। अफगानिस्तान का अर्थ है अफगानों की भूमि। शब्द "स्तान" का उपयोग कुर्दिस्तान और उज़बेकिस्तान के नामों में भी किया जाता है। अफगानिस्तान नाम अफ्गान समुदाय की जगह के रूप में प्रयुक्त किया गया है, यह नाम सबसे पहले 10 वीं शताब्दी में हूदूद उल-आलम (विश्व की सीमाएं) नाम की भौगोलिक किताब में आया था इसके रचनाकार का नाम अज्ञात है। साल 2006 में पारित देश के संविधान में अफगानिस्तान के सभी नागरिकों को अफ्गान कहा गया है जो अफगानिस्तान के सभी नागरिक अफ्गान है। अप्रैल 2007 में अफगानिस्तान सार्क का आठवाँ सदस्य बना था। अफगानिस्तान के पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है।यह रेशम मार्ग और मानव प्रवास का एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। पश्चिमी इतिहासकारों के अनुसार इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3,000 से 2,000 ई.पू. के रूप में मानी जा सकती है। हालांकि सनातन वैदिक हिन्दू साहित्य में यह आर्यावर्त और जम्बू द्वीप का प्रमुख भाग रहा है।

यह क्षेत्र एक ऐसे भू-रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है जो मध्य एशिया और पश्चिम एशिया को भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति से जोड़ता है। इस भूमि पर कुषाण, हफ्थलिट, समानी, गजनवी, मोहमद गौरी, मुगल, दुर्रानी और अनेक दूसरे प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान हुआ है। प्राचीन काल में फ़ारस तथा शक साम्राज्यों का अंग रहा अफ़्ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इनमें सिकन्दर, फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क,मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गौरी, नादिर शाह सिख साम्राज्य इत्यादि के नाम प्रमुख हैं। ब्रिटिश सेनाओं ने भी कई बार अफ़गानिस्तान पर आक्रमण किया।

अफ़गानिस्तान के प्रमुख नगर हैं- राजधानी काबुल, कन्धार (गन्धार प्रदेश) भारत के प्राचीन ग्रन्थ महाभारत में इसे गन्धार प्रदेश कहा जाता था। यहाँ कई नस्ल के लोग रहते हैं जिनमें पश्तून (पठान या अफ़ग़ान) सबसे अधिक हैं। इसके अलावा उज्बेक, ताजिक, तुर्कमेन और हज़ारा शामिल हैं। यहाँ की मुख्य भाषा पश्तो है।

अफ़गानिस्तान का उत्थान स्वरूप अवश्य जानना चाहिए। अफ़ग़ानिस्तान चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगी है। इसे डूरण्ड रेखा भी कहते हैं। केन्द्रीय तथा उत्तरपूर्व की दिशा में पर्वतमालाएँ हैं जो उत्तरपूर्व में ताजिकिस्तान स्थित हिन्दूकुश पर्वतों का विस्तार हैं। अक्सर तापमान का दैनिक अन्तरण अधिक होता है। 1934 में लीग आफ नेशन का सदस्य हुआ 1945 में है संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुआ।

अफ़ग़ानिस्तान में कुल 34 प्रशासनिक विभाग हैं। वस्तुतः ये प्रांतीय इकाइयां हैं। इनके नाम हैं - बदख़्शान, बदगीश बाग़लान, बाल्क़, बमयन ,दायकुंडी फ़राह, फ़रयब, ग़ज़नी, ग़ोर, हेलमंद, हेरात, ज़ोजान, क़ाबुल, कांदहार (कांधार), क़पिसा, ख़ोस्त, कोनार, कुन्दूज, लगमान, लोगर, नांगरहर, निमरूज़ ,नूरेस्तान ओरुज़्ग़ान, पक़्तिया, पक़्तिका, पंजशिर, परवान समंगान, सरे पोल, तक़ार, वारदाक़, ज़बोल।


क्रमशः।।

संजय तिवारी 
संस्थापक - भारत संस्कृति न्यास 
वरिष्ठ पत्रकार 


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