अखंड भारत और आरएसएस

SHARE:

विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक स्व. माधव सदाशिव गोलवलकर जी से समाज के मूर्धन्य लोग, पत्रकार आदि प्रश्नोत्तर कर...



विभिन्न अवसरों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक स्व. माधव सदाशिव गोलवलकर जी से समाज के मूर्धन्य लोग, पत्रकार आदि प्रश्नोत्तर करते थे। उनका संकलन श्री गुरूजी समग्र खंड 9 में किया गया है। पाकिस्तान व अखंड भारत को लेकर संघ के दृष्टिकोण को इसमें स्पष्ट किया गया है। 9 अप्रैल 1950 को हुए नेहरू लियाकत पेक्ट के पूर्व के कुछ प्रश्नोत्तर इस प्रकार हैं -

प्रश्न - देश की भौगौलिक सीमाओं के बारे में आपकी क्या धारणा है ?

उत्तर - देश में इस मत का अत्याधिक जोर है कि भारत की पुरानी सीमाओं को पुनरपि प्राप्त कर लिया जाए। मेरा दृष्टिकोण इससे भिन्न नहीं है। जहां तक संभव हो, हमें इन दो विभाजित प्रदेशों को पुनः एक करने की दिशा में प्रयत्नशील रहना चाहिए। विभाजन से कोई खुश नहीं है।

प्रश्न - लियाकत नेहरू समझौता यदि सफल हुआ तो ?

उत्तर - हमारी इच्छा है कि ऐसा न हो।

प्रश्न - अखंड भारत के लिए क्या आप सशस्त्र संघर्ष का सुझाव देना चाहेंगे ?

उत्तर - एक नागरिक ऐसा कोई सुझाव देने की स्थिति में नहीं होता। बैसे अब जनसंख्या अदला बदली का प्रश्न नहीं उठता, क्योंकि अब वहाँ बहुत ही थोड़ी जनसंख्या रह गई है।

प्रश्न - क्या आप इसका समर्थन करते हैं कि निर्वासित अपने अपने स्थानों पर वापस जाएं ?

उत्तर - मैं केवल समर्थन ही नहीं करता, अपितु यह भी प्रतिपादित करता हूँ कि उनको उनके स्थानों पर बसाया जाये। ये सब बातें छोड़ भी दें, फिर भी जनसंख्या की अदला बदली की योजना, चाहे जैसे भी बने, यह सही हल नहीं है। सही हल यही है कि देश के ये विभक्त हिस्से फिर जोड़े जाएँ।

शिमला समाहौते के बाद के प्रश्नोत्तर -

प्रश्न - शिमला समझौते पर आपका क्या मत है ?

उत्तर - उसमें कोई भी बात निर्णायक नहीं है। सब कुछ जैसे तैसे जोड़ जाड़कर रखा है, जिसका कोई उपयोग नहीं है।

प्रश्न - युद्ध बंदियों का मसाला किस प्रकार हल करना चाहिए ? क्या उन्हें अपनी ओर से वापस भेज दिया जाए ?

उत्तर - उन्हें छोड़ दें तो पश्चिम पाकिस्तान में बसे बंगालियों का जीवन खतरे में पड़ आएगा। हमारी सत्ता ने ऐसा कोई कदम क्यों नहीं उठाया कि ज़ब तक पाकिस्तान से प्रत्येक बंगाली नहीं लौटता, तब तक कोई बातचीत युद्ध बंदियों की वापसी पर नहीं हो सकती। हमें तो यह भी नहीं पता कि पश्चिमी पाकिस्तान में कितने बंगालियों को समाप्त कर दिया गया और कितनों को बंदी बनाया गया।

प्रश्न - कुछ समय पूर्व आपने कहा था कि पाकिस्तान को सुधारा नहीं जा सकता, उसे तो समाप्त ही करना होगा। क्या अब भी आपकी यही राय है ?

उत्तर - जी हाँ, मेरा आज भी यही मत है। मेरा यह भी मत है कि एक दिन पूरा देश अखंड होगा। विभाजन नितांत तर्कहीन है। यह समाप्त होना ही चाहिए। इससे मुसलमानों की समस्या भी हल होगी। विभाजन से यह समस्या हल नहीं हुई, अपितु और अधिक उग्र हुई है।

प्रश्न - यदि वे विलय नहीं चाहते तो हमारी ओर से इस प्रकार कहने का क्या उपयोग होगा ? अगर एक हो भी जाएँ तो क्या उस स्थिति में देशद्रोहियों की संख्या नहीं बढ़ेगी ?

उत्तर - आज भी ऐसे लोग बहुत बड़ी संख्या में हैं, जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए पड़ौसी शत्रु देशों से सहायता लेते रहते हैं। विलय हो जाने से पड़ौसी राज्य की इस प्रकार की शक्ति समाप्त हो जाएगी। पाकिस्तान के बने रहने से यहां रहने वाले सामान्य मुसलमानों के मन में एक प्रकार का गलत विश्वास पैदा होता है और उसके कारण वे अराष्ट्रीय आंदोलनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेने लगते हैं। वे सोचते हैं कि आंदोलन के द्वारा वे एक और नया राज्य निर्माण कर सकते हैं। यह भावना समाप्त होना चाहिए। उलटे होना तो यह चाहिए कि विभाजन को एक भूल मानने की भावना प्रत्येक मुसलमान में जागृत हो। हमें इस उद्देश्य की पूर्ती के लिए उन्हें शिक्षित करना चाहिए।

प्रश्न - आपके विचार से भारत और पाकिस्तान किस प्रकार से एक होना चाहिए ?

उत्तर - कामचलाऊ एकीकरण, एक संघ के रूप में फिर सम्पूर्ण एकीकरण यही क्रम हो सकता है।

प्रश्न - भूतकाल की घटनाओं का विचार करते समय क्या हमें अपने में नहीं झांकना चाहिए ? क्या पूरा दोष उन्हीं का था ?

उत्तर - केवल उनके और हमारे दोषों के बारे में ही नहीं, बल्कि जो तीसरी शक्ति यहाँ थी, उसके दोषों के बारे में भी विचार होना चाहिए, जिसने इन घटनाओं को प्रेरित किया। उसके बिना हम सही निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकते। 

प्रश्न - क्या आप यह अनुभव करते हैं कि हमारे राजनेता, जिन्होंने विभाजन स्वीकार किया, उनमें दूरदर्शिता का अभाव था ? 

उत्तर - मैं दो उदाहरण देता हूँ - पहला यह कि उनका विश्वास था और वे उपदेश भी देते थे कि मात्र हिन्दू मुस्लिम एकता से ही स्वराज्य प्राप्त होगा। किन्तु स्वराज्य तब आया, जब उनके सम्बन्ध सर्वाधिक बिगड़े हुए थे। दूसरा यह कि देश विभाजन के पश्चात पंडित नेहरू ने हवाई जहाज से उन स्थानों को देखा जहाँ अत्याचार और क्रूरता का नंगा नाच हो रहा था। ऐसा कहा जाता है कि सब देखकर उन्होंने कहा था - यदि मालूम होता कि देश विभाजन का यह परिणाम होगा, तो मैं कभी भी उसे स्वीकृति नहीं देता। 
अब बताएं मैं कैसे कहूँ कि वे दूरदर्शी थे, जबकि निकट भविष्य में क्या हो सकता है, इसकी कल्पना तक नहीं कर सकते थे। 

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,21,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,10,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,89,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1124,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,885,शिवपुरी समाचार,305,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : अखंड भारत और आरएसएस
अखंड भारत और आरएसएस
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2021/12/rss-view-on-akhand-bharat%20.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2021/12/rss-view-on-akhand-bharat%20.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy