राष्ट्रपति महोदय द्वारा संसद में दिया गया अभिभाषण
बाबा साहब से आदर्श वाक्यों के मेरी सरकार ध्येय वाक्य मानती है। सरकार की आस्था, अंत्योदय के मूल मंत्र में है, जिसमें सामाजिक न्याय भी हो, समानता भी हो, सम्मान भी हो और समान अवसर भी हों। इसलिये आज सरकार में गरीब, पिछड़े, अनुसूचित जाति और जनजाति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही।
दुनिया के सबसे पहले WHO Global Center of Tradition Medicine की स्थापना भारत में होने जा रही है
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मेरी सरकार सभी गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है। 80 करोड़ लाभार्थियों को 19 महीनों से खाद्यान्न वितरित करने के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के खर्च से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा फूड डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
जनधन-आधार-मोबाइल अर्थात JAM ट्रिनिटी को मेरी सरकार ने जिस तरह नागरिक सशक्तीकरण से जोड़ा है, उसका प्रभाव भी हम लगातार देख रहे हैं।44 करोड़ से अधिक गरीब देशवासियों के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को सीधे कैश ट्रान्सफर का लाभ मिला है।
डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के UPI platform की सफलता के लिए भी, मैं, सरकार के विज़न की प्रशंसा करूंगा। दिसम्बर 2021 में, देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है
पिछले वर्षों के अनवरत प्रयासों से प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के तहत गत तीन वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से एक करोड़ सत्रह लाख घर स्वीकृत किए गए हैं
'हर घर जल' पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किए गए जल जीवन मिशन में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाना शुरू कर दिया है। महामारी की बाधाओं के बावजूद करीब 6 करोड़ घरों को पेयजल के कनेक्शन से जोड़ा गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे गांव की महिलाओं बहनों बेटियों को हुआ हैदेश में 80 प्रतिशत छोटे किसान है, जिनका सरकार ने हमेशा ध्यान रखा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस निवेश से कृषि क्षेत्र में आज बड़े बदलाव दिखाई दे रहे हैं।
सरकार की यह भी प्राथमिकता रही है कि भारत की अमूल्य धरोहरों को देश में वापस लाया जाए। सौ वर्ष पूर्व भारत से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है।
हमारे MSMEs हमारी अर्थव्यवस्था का मेरुदंड रहे हैं, और आत्म-निर्भर भारत को गति प्रदान करते रहे हैं। कोरोना काल में MSMEs को संकट से बचाने और जरूरी क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपए के Collateral Free Loans की व्यवस्था की।
हाल के अध्ययनों से स्पष्ट हुआ कि इस योजना से साढ़े 13 लाख MSMEs यूनिट्स को जीवनदान दिया गया और डेढ़ करोड़ रोजगार भी सुरक्षित किए गए। जून 2021 में सरकार 3 लाख करोड़ रुपए की गारंटी को बढ़ाकर साढ़े 4 लाख करोड़ पार कर चुकी है।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में विकास के नए युग का आरंभ इसका एक बड़ा उदाहरण है। मेरी सरकार ने जम्मू-कश्मीर की औद्योगिक विकास की भी लगभग 28 हजार करोड़ की लागत से नई सेंट्रल सेक्टर स्कीम शुरू की है।
जम्मू कश्मीर के लोगों को शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस समय वहां 7 मेडिकल कॉलेजों के अलावा दो एम्स का कार्य प्रगति पर है। जिनमें से एक एम्स जम्मू और एक कश्मीर में, IIT जम्मू और IIM जम्मू का निर्माण तेजी से हो रहा है
मेरी सरकार पूर्वोत्तर के सभी राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा के सतत् विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह देश के लिए गर्व का विषय है कि पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानी मेरे सरकार के प्रयास से अब रेलवे के नक्शे पर आ रही है
मेरी सरकार भारतीय रेलवे काफी तेज गति से आधुनिकीकरण कर रही है। नई वंदे भारत ट्रेनें तथा नए विस्टाडोम कोच, भारतीय रेल की आभा में वृद्धि कर रहे हैं। बीते 7 सालों में 24000 किलोमीटर रेलवे रूट का विद्युतीकरण हुआ है नई रेलवे लाइन बिछाने और दोहरीकरण का काम भी तेजी गति से जारी है।
गुजरात में गांधीनगर रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आधुनिक भारत की नई तस्वीर के रूप में सामने आया है। कश्मीर में चिनाब नदी पर निर्मित हो रहा आर्च रेलवे ब्रिज आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
हमने अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिरता और नाजुक हालात भी देखा है। भारत ने इन परिस्थितियों मानवता को सर्वोपरि रखते हुए 'ऑपरेशन देवी शक्ति' चलाया। हमने अनेक चुनौतियों के बावजूद हमारे कई नागरिक और कई अफगान हिंदू सिख अल्पसंख्यकों को सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया।
हम उन कठिन हालात के बीच पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के दोनों स्वरूपों को भी सुरक्षित भारत लेकर आए। मानवीयता के दृश्य भारत अफगानिस्तान में मेडिकल सप्लाई और अनाज पहुंचाने में भी मदद कर रहा है।
आज देश की उपलब्धियां और सफलताएँ देश के सामर्थ्य और संभावनाओं के समान ही, असीम हैं। ये उपलब्धियां किसी एक संस्था या प्रतिष्ठान की नहीं हैं, बल्कि देश के कोटि-कोटि नागरिकों की हैं। इनमें करोड़ों देशवासियों का श्रम और पसीना लगा है।
वर्ष 2047 में देश अपनी आजादी की शताब्दी पूरी करेगा। उस समय के भव्य, आधुनिक और विकसित भारत के लिए हमें आज कड़ी मेहनत करनी है। हमें अपने परिश्रम को पराकाष्ठा तक लेकर जाना है और यह सुनिश्चित करना है कि अंततः इसके लाभकारी परिणाम निकलें। इसमें हम सबकी भागीदारी है और समान भागीदारी है।
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