नगर पालिका की उदासीनता के चलते नारकीय जीवन जीने को मजबूर अग्निहोत्री परिवार


 
वैसे तो शहर की सफाई एवं स्वच्छता की जबावदेही नगरपालिका की होती है और इस नगरपालिका के अधिकारी व कर्मचारी मध्यमवर्गीय परिवारों के टैक्स से ही वेतन पाते है परंतु जब ईमानदारी के साथ टैक्स देने के बावजूद भी एक मध्यमवर्गीय परिवार को स्वच्छ परिवेश प्राप्त न हो और उसकी शिकायत पर नगर पालिका ध्यान न दे तो इसे नगरपालिका की उदासीनता, नगरपालिका के अधिकारियों कर्मचारियों की हठधर्मिता न कहा जाए तो क्या कहा जाए |

एक ऐसा ही प्रकरण सामने आया है जिसमें शहर के प्रियदर्शनी कालोनी निवासी एवं अपने जमाने के विख्यात रंगमंचकर्मी व प्रतिष्ठित कलाकार 68 वर्षीय ब्रजेश अग्निहोत्री इन दिनों अपनी समस्या को लेकर दर दर भटकने को मजबूर है और तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हे उनकी समस्या का कोई निराकरण दिखाई नहीं दे रहा है |

दरअसल ब्रजेश अग्निहोत्री के प्रियदर्शनी कालोनी स्थित उनके निवास के आगे आस पड़ोस के लोगों के घरों से निकला हुआ गंदा पानी भारी मात्रा में जमा हो रहा है, जिससे कोरोना के इस भयावह वातावरण में डेंगू सहित तमाम गंभीर बीमारियों के खतरे का डर अग्निहोत्री परिवार के छोटे छोटे मासूम बच्चों सहित अन्य परिजनों को सता रहा है | जब इसकी जानकारी अग्निहोत्री परिवार नें नगरपालिका के जिम्मेदार लोगों को दी तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए स्वयं ब्रजेश अग्निहोत्री से पूछा कि आप ही बताएं की इस समस्या का क्या समाधान है ? इसके बाद ब्रजेश अग्निहोत्री ने जब इस समस्या को सी एम हेल्पलाइन पर दर्ज कराया तो उन्हें वहाँ से बताया गया कि इस समस्या का निराकरण केंद्र सरकार की एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा | तब उन्होंने सीएम हेल्प लाइन के द्वारा भेजी गई केंद्र सरकार की लिंक पर भी अपनी समस्या को दर्ज करा दिया है परंतु आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है |


कितनी हैरत की बात है कि जिस छोटी की समस्या को नगर पालिका के कर्मचारी अधिकारी यदि चाहें तो कुछ मिनटों में समाप्त कर सकते है उस छोटी सी समस्या को लेकर विगत 1 माह से एक 68 वर्षीय बुजुर्ग परेशान हो रहा है परंतु जिम्मेदारों की उदासीनता एवं हठधर्मिता के चलते वह सपरिवार नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहा है |

पता नहीं अग्निहोत्री परिवार की इस समस्या का कोई निराकरण होगा अथवा नहीं परंतु एक वैध, सभ्रांत कॉलोनी में निवास करने वाले शहर के अपने जमाने के प्रसिद्ध रंगमंच कर्मी, प्रख्यात कलाकार, सेवानिवृत शासकीय कर्मचारी एवं शहर की समस्याओं को लेकर आंदोलनों में अपनी जबावदेही का निर्वाहन करने वाले 68 वर्षीय ब्रजेश अग्निहोत्री की यह दुखदायी व्यथा बहुत कुछ सोचने और समझाने को पर्याप्त है |

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