शक्तिशाली महिला संगठन के नाम पर महिलाओं को कमजोर करने की सियासत

 शिवपुरी:आज महिला समानता दिवस है,महिलाओं को समानता के अधिकार के नाम पर बड़ी बड़ी बातें बड़ी बड़ी गोष्ठियों और चर्चाओं के माध्यम से होगी।महिला समानता के नाम पर पैसा पानी की तरह बहेगा,लेकिन परिणाम वही पुराने ढाक के तीन पात।महिला बाल विकास विभाग महिलाओं को उन्नत व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ही कार्य करता है,जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है,पंरन्तु इसी विभाग में महिलाओं के नाम पर सबसे ज्यादा गोलमाल होता है।केवल एक ही संस्था शक्तिशाली महिला संगठन पर पूरा विभाग फिदा है,या यूं कहें कि केवल एक ही संस्था पूरे विभाग को दिखाई देती है,बाकी की संस्था तो केवल लक्ष्य पूर्ति का माध्यम मात्र बन कर रह गयी है,केवल मलाई शक्तिशाली महिला संगठन के हिस्से में ही है।आप अगर आर टी आई से जानकारी प्राप्त करेंगे तो पता चलेगा कि केवल एक ही संस्था पूरे विभागों में काम करती है,जब एक ही संस्था सर्वाधिक कार्य करती है,अधिकारियों की प्राण प्रिय बनी हुई है,तो प्रश्न मन में कौंधता ही है ऐसा आखिरकार क्यों?अधिकारियों के लिए प्रदेश की सबसे सुरक्षित चारागाह बन चुकी शिवपुरी में बिना किसी वजह के आसानी से कोई संस्था कार्य पा रही हो कागजो में खाना पूर्ति कर पा रही हो,और कोई रोकने टोकने वाला नही हो ऐसा क्या बिना किसी स्वार्थ के हो सकता है क्या?चर्चा तो यहां तक है कि इसी संस्था के माध्यम से एक अधिकारी महोदय ने बेशकीमती जमीन भी खरीदी की है,जब सम्बंध इस हद तक निर्मित हो गए हो तो फिर है क्या कोई कुछ कहने वाला?महिला समानता दिवस पर आज केवल एक संस्था के माध्यम से महिला अधिकारों पर पढ़ने वाले डाके के संदर्भ में बस इतना ही,बाकी की पोल अगले लेख में,तब तक पढ़ते रहिए क्रांतिदूत।

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