शांति समिति की सिफारिशें बेअसर,पूरा नगर 15 घण्टो से अंधेरे में।

 शिवपुरी:शांति समिति का उद्देश्य त्योहारों पर शांति सद्भाव आपसी प्रेम को बढ़ाने का है,इसके लिए बाकायदा त्योहारों से पूर्व बैठके भी आयोजित की जाती है,जिसके मूल में आम जन की कठिनाइयों का निराकरण भी होता है।पंरन्तु शांति समिति शिवपुरी में नाम मात्र की है,और अधिकांश लोग इसमें वह है जो केवल अपने रुतबे को दर्शाने और प्रशासन के नाश्ते के लिए जाते है।अगर ये गलत होता तो प्रतिवर्ष की तरह ताजियों की ऊंचाई को निर्धारित किया जाता,इस बार इस गंभीर विषय पर किसी ने भी ध्यान नही दिया।नतीजा पिछले 15 घण्टे से नगर अंधकार में है।अंधेरा कायम रखने वाले इन लोगो को अगर चिन्हित कर उन्हें पहले ही समझाइश दे दी जाती,शांति समिति के लोग ऐसे लोगो के पास पहले ही चले जाते,और प्रशासन की नाक के नीचे बन रहे ताजियों पर निगरानी हो जाती समझाइश हो जाती तो नगर के लोगो को सजा नही काटनी पड़ती।प्रशासनिक लोगो के घरों पर तो बड़े बड़े जनरेटर लगे है,उसमें डीजल की भी कोई समस्या नही,बड़े बड़े ए सी भी उससे चल जाते है,इस लिए उनके लिए तो कोई कठिनाई नही है।पंरन्तु आमजन का इसमें क्या दोष है?

जिन लोगो का व्यापार और सारा दारोमदार ही बिजली पर टिका रहता है,जिन के पास न इन्वर्टर है न जनरेटर,वह लोग क्या करे?आखिर किस बात की सजा भुगते?

शांति समिति इन सभी विषयों पर गौर करने के लिए इन समस्याओं के निराकरण के लिए ही तो है।पर उसे तो मुफ्त का माल खाने भर का मान लिया गया है,आइए बैठक कीजिये  और हाथ धोकर निकल लीजिए?

अगर ऐसा नही होता तो बिजली के तारों को देखते हुए ताजियों की ऊंचाई निर्धारित की जाती,कड़ाई से पालन किया जाता।ऐसा नही हुआ नगर ने इसका दंड भुगता है तो शांति समिति पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है,शायद अगले वर्ष कुछ ध्यान शांति समिति दे ले।

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