स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शिक्षाविद पंडित गोपाल कृष्ण पुराणिक की स्मृति में हुआ आयोजन।





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शिवपुरी।

देश में युवाओं को रोजगार परक शिक्षा की आवश्यकता है जिससे बढ़ती बेरोजगारी को रोका जा सके। युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए जिससे वह स्वावलंबी बने। यह बात प्रख्यात वक्ता व लेखक साहित्यकार प्रमोद भार्गव ने स्वतंत्रता अमृत महोत्सव कार्यक्रम 2022 के अंतर्गत पूज्य पंडित गोपाल कृष्ण पुराणिक जी की स्मृति पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान कही। इस संगोष्ठी में प्रमुख वक्ताओं ने भाग लिया।जिसमें आईटीएम विश्व विद्यालय के प्रो जयंत सिंह तोमर भी थे। संगोष्ठी का आयोजन कूनो नदी के किनारे स्थित कूनो रेस्ट हाउस पर किया गया था। इस दौरान स्वतंत्रता अमृत महोत्सव कार्यक्रम 2022 के अंतर्गत पंडित गोपाल कृष्ण पुराणिक जी को याद किया गयाm उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। पंडित जी के जन्म स्थल ग्राम छर्च में कूनो नदी के किनारे उनके गांव में स्वरांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जी गोपाल कृष्ण जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस स्वरांजलि कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय गायक उमेश कंपू वाले, भरत नायक सितार वादक, विनय तबला वादक, अक्षत मिश्रा हारमोनियम वादक आदि ने स्वरांजलि कार्यक्रम में भजन प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम का आयोजन पंडित गोपाल कृष्ण पुराणिक शोध संस्थान ग्वालियर के प्रमुख संदीप शर्मा द्वारा किया गया।

संगोष्ठी के दौरान साहित्यकार व लेखक प्रमोद भार्गव ने कहा कि गोपाल कृष्ण पुराणिक जी ने गांव का क्या महत्व होता है उसको बताया। परतंत्रता के कालखंड के दौरान भी उनके द्वारा शिक्षा का अलख जगाने का कार्य किया गया। पंडित जी ने हमेशा रोजगार मूलक शिक्षा की बात कही। पोहरी में आदर्श विद्यालय स्थापित कर बच्चों को स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया। श्री भार्गव ने कहा कि पंडित जी ने 1921 में भटनावर और पोहरी में पहले प्राथमिक विद्यालय खोले, फिर में उसी के विस्तार स्वरूप आदर्श विद्यालय नाम से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोले। यह वह विद्यालय रहा है, जिसमें रोजगार आधारित शिक्षा दी जाती थी। सूत कताई, मधु मक्खी पालन, कृषि के साथ कागज और दियासलाई बनाना सिखाया जाता था। 

         भार्गव ने आगे कहा कि इस विद्यालय में उन क्रांतिकारियों को शिक्षक बनाया जाता था,जो आजादी के लिए आहुति देने को तत्पर रहते थे। आज ऐसी ही शिक्षा की जरूरत है। आज युवा विभिन्न बड़े-बड़े महाविद्यालयों में पढ़ रहे हैं लेकिन इसके बाद भी सही नौकरी नहीं मिलती तो युवा निराशा के भाव में आत्महत्या कर रहे हैं। सरकारों को भी इस बारे में सोचना चाहिए। इस मौके पर आईटीएम यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता विभागाध्यक्ष जयंत तोमर ने भी अपने विचार रखे। श्री तोमर ने कहा कि पंडित जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अलख जमाने का काम किया। इस पिछड़े क्षेत्र में काम कर कई युवाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ा। उन्होंने पंडित जी के जीवन व क्रियाकलापों पर एक नई पुस्तक प्रकाशित करने का सुझाव दिया और पंडित जी के नाम से शोधवृत्ति देने का आग्रह किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप शर्मा बंधु ग्वालियर  द्वारा किया गया। इसके अलावा संदीप बंधु द्वारा ग्राम छर्च में स्वरांजलि कार्यक्रम के दौरान पंडित जी के जीवन परिचय पर विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर ग्वालियर, शिवपुरी, गुना के कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इस मौके पर पोहरी के आदर्श विद्यालय सहित शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में अहम योगदान देने वाले शिक्षाविद और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।इनमें माधवशरण द्विवेदी, डॉ अर्जुन लाल शर्मा ,नरेश चौबे,देवेंद्र पलिया,वीरेंद्र धाकड़ ,प्रदीप पुराणिक,और प्रमोद दुबे प्रमुख थे।

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