ब्रह्मकुमारी बहनों ने किया झंडा वंदन कर ट्रेक्टर शोरूम का उद्घाटन।




कोलारस। समस्त दिव्य गुणों और शक्तियों के सागर हैं। सबसे आगे श्रीगणेश हैं जिनको प्रत्येक शुभ कार्य की शुरुआत से पहले पूजा जाता है। दर्द, अराजकता, भय और निराशा के माहौल में हम नकारात्मकता पर जीत हासिल कर सकते हैं। इसे श्रीगणेश से बेहतर हमें कौन समझा सकता है। यह प्रवचन ब्रह्माकुमारी शबनम बहन ने ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से जुड़े राकेश गुप्ता के कोलारस में ट्रैक्टर शोरूम उद्घाटन तथा  झंडा वंदन अवसर पर कहे। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, अमित यादव, जनपद अध्यक्ष भरत सिंह चौहान, रविंद्र शिवहरे, देवेंद्र जैन, बीके शबनम, बहन विनीता, बीके ममता, नीलम, नम्रता, पार्वती, पुष्पा, कृष्णा, दिनेश, डॉ भानू छविराम, रितु गुप्ता, अनीता चतुर्वेदी, राम कपूर, अमृत तिर्की, रमेश धाकड़, श्रीमती नीरज तिर्की, मनोज कुमार कोली, दीपक शिवहरे, सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी, ग्रामीण जन हजारों की संख्या में उपस्थित हुए।

 बीके शबनम बहन ने गणेश उत्सव अवसर पर भगवान श्री गणेश जी के स्वरूप के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि गणेश जी की सवारी चूहा विकारों एवं स्वयं पर नियंत्रण पर सवारी करने का प्रतीक है, जबकि चौड़ा माथा बुद्धिमत्ता, रस्सी सदैव अनुशासित रहने, लंबी सूंड कार्यकुशलता, कुल्हाड़ी सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति, लड्डू खुशियों, बड़े कान बेहतरीन श्रवण शक्ति, बड़ा पेट सब कुछ स्वीकार करने, एक दांत बुरी चीजों का त्याग और अच्छी चीजों को बनाए रखने का प्रतीक है।  श्रीगणेश का जन्म, विशेषताओं और आध्यात्मिक शक्तियों में एक विश्वकोष है। श्रीगणेश का हमारे जीवन में आध्यात्मिक योगदान है और हम कैसे खुद अपने जीवन के विघ्न विनाशक बन सकते है।

आत्मा एवं परमात्मा का परिचय देते हुए बताया कि जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है वैसे ही आत्मा को ऊर्जावान रखने के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता होती है। इसके लिए आत्मा के पिता परमात्मा से हमें प्रत्येक कार्य को शुभारंभ करने से पहले शक्ति लेने की आवश्यकता है। जीवन शैली को सुचारू रूप से चलाने के लिए राजयोग का अभ्यास अपने दिनचर्या में शामिल करें, जिससे आप तनाव से दूर जीवन को आनंदमय बना सकें।

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