फूल नही ये ज्वाला है,ये भारत की बाला है। नवरात्रमे असुरों के नाश जगत के कल्याण के लिए बच्चियां ले रही वीरांगना बनने का प्रशिक्षण।



 शिवपुरी:नवरात्र में जब सभी देवी आराधना में लगे है तब शिवपुरी में क्षत्रिय महासभा द्वारा नगर की बालाओं को स्वयम की रक्षा जगत के कल्याण के लिए बंदूक,लाठी प्रशिक्षण देकर उन्हें वीरांगना बनाने की मुहिम भी जारी है।पत्रकार लेखक,ब्रजेश तोमर द्वारा ये अभियान जारी रखे हुए है।

बकौल ब्रजेश तोमर के अनुसार।

पराक्रम का प्रतीक मानी जानी बाली "रायफल"से आज हमारी बेटियां न केबल खेलती है बल्कि अचूक निशानेबाजी भी करती है..!"शस्त्र हाथों में लेने के बाद आज इनका "कॉन्फिडेंस लेबल"जबरदस्त बढ़ा है।आज ये अपनी ही नही,दुसरो की भी सुरक्षा कर सकती है। हमारी बेटियां यकीनन लक्ष्मी है किंतु असुर सामने आये तो साक्षात दुर्गा भवानी भी है।

हमारे निशुल्क शस्त्र प्रशिक्षण के परिणाम सामने आ रहे है।अब ये बेटियां आत्मरक्षा हेतु निपुण तो है ही,साथ ही किसी भी प्रतियोगिता में शिवपुरी का नाम रोशन करने का माद्दा रखती है।हमारी आर्मी...!!

"शशक्त बेटियां, सुरक्षित बेटियों..."इस नारे के साथ नगर की बालाओं को आत्मनिर्भर बना उन्हें अपनी व दुसरो की रक्षा करने का अभियान ब्रजेश तोमर चलाये हुए है,जो निसंदेह प्रशंसनीय है।


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