उच्च न्यायालय की खुलेआम अवहेलना,मिस्टर सिंघम खड़े रहे हाथ बांधे,मौन होकर देखते रहे तमाशा।

 



शिवपुरी:दो दिन पहले विजयादशमी के अगले दिन से उच्च न्यायालय के नियमो व निर्देशो का हवाला देकर चाहे जहां बिना हेलमेट के गाड़ियों का चालान करने वाले पुलिस बल को आज दो दिन बाद ही एक जुलूस के दौरान भारी असहाय देखा गया।खुलेआम गाड़ियों पर तीन तीन और चार लोगों तक वह भी नाबालिगों के बैठकर तमाशे को आज लाचारी के साथ देखती रही।दो दिन पहले ही पुलिस कप्तान जो त्योहारों पर किसी भी तरह की उदारता दिखाने के पक्ष में बयान दे रहे थे।उच्च न्यायालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की बात दोहरा रहे थे आज अपनी ही बाते भूलते नजर आए।सबसे हैरानी शिवपुरी के सिंघम स्वयम को कहने वाले ट्रैफिक वाले श्रीमान जी भी हाथ बांधे आज खड़े नजर आए,उनके साथ केवल बदला लेने की नीयत से चौराहे पर दिखने वाली ट्रैफिक वाली मेडम भी कही नजर नही आई।पूरा पुलिस बल असहाय आज एक जुलूस के दौरान नजर आया।कोई भी उच्च न्यायालय के निर्देशों की बात करता पालन करता नजर नही आया।

नगर की सड़कों पर जुलूस के दौरान खुलेआम धमा चौकडी करती टोलियां नजर आयी,नाबालिग बच्चे एक गाड़ी पर तीन तीन हाथों में झंडे नारेबाजी करते बड़ी शान से नजर आए।विजयादशमी के एक दिन बाद त्योहारों को नजरअंदाजि करने की हिम्मत तो इसी पुलिस प्रशासन ने दिखा ली थी,पंरन्तु आज यही हिम्मत पता नही कहा चली गयी थी।इतना लाचार पुलिस बल देखने को कम ही मिलता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि दो दिन पहले पुलिस अधीक्षक त्योहारों पर किसी भी तरह की ढीलाई नही देने की बात कह रहे थे,दो दिन में ही अपने बयान पर वह स्वयम काबिज न रह सके।सिंघम बनकर नगर में घूमने वाले ट्रैफिक इंचार्ज भी लेडी सिंघम के साथ शांत ही खड़े नजर आए या जुलूस के पीछे पीछे गाड़ी से घूमते हुए ही नजर आए।कुल मिलाकर जुलूस के प्रोटोकाल में तो वह थे,पर व्यवस्था बनाने में वह नही थे।आने वाले समय मे अब त्योहारों पर कड़ाई तय है।

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