सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पश्चात प्रदेश की हजारो गाड़ियां नीतिगत निर्णय की प्रतीक्षा में,मजबूरी बश दौड़ रही बिना नम्बरो के।आर टी ओ असहाय,पिछले बार के निर्णय ही आ रहे आड़े।डीलरों के दोष को भुगत रहा पूरा प्रदेश।।


 






शिवपुरी:सर्वोच्च न्यायालय के एक पुराने आदेश के पश्चात मध्यप्रदेश की हजारों गाड़ियां नीति की प्रतीक्षा में लाइन में लगी हुई है,बिना नम्बर के दौड़ रही है।तकनीकी पक्ष व कोरोना के दौर की वजह से मजबूरी बश कई गाड़िया खड़ी खड़ी धूल भी खा रही है।

दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने 2020 में ये आदेश जारी किया था कि 31 मार्च 2020 के बाद कि बी एस 4 टाइप गाड़ियों का पंजीयन नही होगा,इस निर्णय के बाद हजारो गाड़िया प्रदेश की और लाखों गाड़िया देश की नीति का इंतजार कर रही है।प्रदूषण को रोकने नवीन इंजन की उपलब्धता के कारण पर्यावरण के दृष्टिगत ये निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया।निश्चित रूप से जन हित से जुड़ा विषय है,पंरन्तु प्रशासनिक तैयारी न हो पाने या पिछली बार की तरह बी एस 3 गाड़ियों पर लगी पाबंदी के बाद दी गयी छूट इस बार भी कई गाड़ियों को बिना नम्बर के दौड़ने अर्थात प्रतीक्षा के लिए मजबूर करें हुई है।

पिछली बार जब बी एस 3 गाड़ियों को प्रदूषण के मद्देनजर रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने बन्द किया था तब ये छूट दे दी थी कि जिन गाड़ियों का बीमा हो चुका है वह गाड़िया पंजीयन की श्रेणी में रहेंगी,पंरन्तु इस बार बी एस 4 गाड़ियों पर रोक के बाद ऐसा कोई निर्णय अभी तक नही आया,जबकि कोरोना काल की वजह से गाड़िया घर ही खड़ी रही ऑफिसो के न खुलने बाहर निकलने की पाबंदी की वजह से समय सीमा में न तो नेशनल पोर्टल में पंजीयन हुआ न ही टी आर कटा।इस कारण हजारो गाड़ियों का भविष्य भी अंधेरे में है।इसमें एक महत्वपूर्ण पक्ष ये है कि बिना पंजीयन के गाड़ी शोरूम से न निकले ये चिंता भी डीलर को करनी होती है पंरन्तु डीलरों ने अधिक से अधिक गाड़ी बेचने की लालसा लोभ के कारण कई गाड़ियों का पंजीयन ही नही किया तो क्या इसमें डीलरों का दोष नही है?

और इस दोष को भुगत पूरा प्रदेश रहा है।कई संस्थानों में तो कामकाजी गाड़िया है अगर वह रुक जाती है तो काम का तो नुकसान है ही है,साथ ही साथ विभाग को आर्थिक नुकसान कितना है इस चिंता को करने वाला या जटिल बन गयी समस्या को सुलझाने की दिशा में कदम उठाने वाला कोई नही है?

2020 में आये हुए निर्णय के बाद  पहले कोरोना और उसके बाद नियमो के इंतजार नीतिगत निर्णय की प्रतीक्षामे प्रदेश की हजारो गाड़िया लटकी हुई है।

जब इस मामले में शिवपुरी जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती मधु सिंह से बात की तो उन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत बी एस 4 टाइप गाड़ियों के पंजीयन पर रोक लगाई गई थी,पर संख्या में गाड़िया ज्यादा होने के बाद ये निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने लिया कि नेशनल पोर्टल पर गाड़ियों का पंजीयन,रसीद कटी हुई हो या टी आर कटा हो तो ऐसी गाड़ियों को पंजीयन की पात्रता में लिया जावे,लेकिन कोरोना के कारण कई गाड़िया इस प्रक्रिया से छुटी हुई है,जिनके लिए नीति का इंतजार किया जा रहा है क्योंकि ये परिवहन अधिकारी के स्तर का मामला नही है इस पर जो भी नीति बनती है उसका पालन परिवहन कार्यालय करेगा।प्रदेश में ठीक ठीक संख्या का अंदाजा तो नही है फिर भी हजारो गाड़िया ऐसी है जो पंजीयन की बाट जो रही है,पर ऐसी गाडियो को अवैध भी कह देना ठीक नही होगा।

जिला परिवहन अधिकारी के द्वारा की गई बातचीत से ये तो स्पष्ट हो गया कि प्रदेश में ऐसी गाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा है।परिवहन मंत्री से जब इस संदर्भ में बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नही हो पाया।अगर शिवपुरी में ही देखा जाए तो सैकड़ो ऐसी गाड़िया है,जो बिना पंजीयन के  चल रही है पंरन्तु इसे नियम विरुद्ध मान लेना जल्दबाजी होगा,क्योंकि इसमें शासन की और से नीतिगत निर्णय का इंतजार है।

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