जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कमीशन पर कमीशन की चर्चा जोरों पर,नवागत महाप्रबंधक की नीतियां कठघरे में।

 


शिवपुरी:नागरिक आपूर्ति निगम ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी को दो वर्ष का गेंहू और चना के कमीशन का डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान किया है,उक्त कमीशन की राशि के भुगतान के लिए कमीशन की चर्चा इस समय सर्वत्र हो रही है,इसी तरह नवागत महाप्रबंधक ने आमसभा के सभी प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालकर बहुचर्चित बैंक घोटाले के दोषियों पर कार्यवाही रोक कर नीतियां स्पष्ट कर दी है जिससे जन प्रतिनिधियों बैंक के शुभचिंतकों में भारी रोष उतपन्न हो गया है।

वर्तमान में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी के महाप्रन्धक अरस्तू प्रभाकर पूर्व में भी यहां महाप्रबंधक रह चुके है,और बैंक घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रभात भार्गव से उनके संबंध जगजाहिर रहे है,उन्ही संबंधों को निभाते हुए वार्षिक आमसभा में पारित दोषियों को टर्मिनेट करने की मांग प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।सूत्र बताते है इन दोषियों का बैंक में आना जाना जब से प्रभाकर आये है तब से शुरू भी हो गया है।इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम ने दो वर्ष का डेढ़ करोड़ रुपये  का भुगतान बैंक को किया है,अर्थात कमीशन प्रदान किया है,उस कमीशन प्राप्ति के लिए संस्थाओं को कमीशन देना पड़ रहा है।चूंकि इस समय बैंक में कोई जन प्रतिनिधि नही है,प्रशासक बैठे हुए है और महाप्रबंधक मनमर्जी चला रहे है।सीधे सीधी पत्र जारी हुआ है कि बिना प्रबंधक की जानकारी के कोई भुगतान नही होगा।तरलता का बहाना लेकर उक्त कमीशन खोरी चल रही है।अगर बैंक के पास पैसा नही है तो श्रीमान के यहाँ टाइल्स कैसे लग रही है?

पूर्व महाप्रबंधक ने तो कैमरे लगवा दिए थे कि कोई भी दोषी कर्मचारी या अधिकारी बैंक में आकर जांच प्रभावित न करे,पंरन्तु अरस्तू के आने के बाद कोई भय नही रह गया है।प्रभाकर शायद सभी की कुंडली जांच रहे है।फिर ग्रह शान्ति के उपाय भी बता दे?

पहले से ही पूरे प्रदेश में अपने घोटालों की वजह से साख पर बट्टा लगा चुकी शिवपुरी केंद्रीय सहकारी बैंक कमीशन पर कमीशन और दोषियों पर कोई कार्यवाही न करने की वजह से चर्चा में आ गयी है।केवल मुनादी कर देने भर से कुछ नही होता,टर्मिनेट जब तक सब नही होंगे,वार्षिक आमसभा के एक एक बिंदु का जब तक पालन नही होगा तब तक नीयत में खोट ही सिद्ध होगी,आखिर इनमें से एक अरस्तू के परम प्रिय जो रहे है।जन प्रतिनिधि नही तो मनमर्जी का आलम प्रभाकर के जमाने मे सर्वत्र चर्चा में फिलहाल है।

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