गोदाम निर्माण को लेकर आमने-सामने वन विभाग व भू-स्वामी, वन विभाग ने किया सुप्रीम कोर्ट का स्टे मानने से इंकार

 

शिवपुरी-शहर के मध्य गुना नाका क्षेत्र में होने वाले गोदाम निर्माण को लेकर भू-स्वामी व वन विभाग आमने-सामने आ गए है। जहां एक ओर भू-स्वामी अपने स्वामित्व की भूमि बताकर उस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्टे बता रहे है तो दूसरी ओर वन विभाग इस तरह के किसी भी स्टे को मानने से इंकार कर रहा है। यहां वन विभाग के रेंजर का साफ कहना है कि यहां गोदाम निर्माण को लेकर भूमि भोपाल से आवंटित हुई है और गोदाम निर्माण का कार्य जारी है यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह उसके विवेकाधिकार मामाला है।  बताना होगा कि इस गोदाम निर्माण की भूमि का स्वामित्व जगदीश वर्मा एवं राकेश जैन पुत्र गणेशीलाल जैन निवासी महल कॉलोनी शिवपुरी ने अपना आधिपत्य बताया है और यहां माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में लंबित स्पेशल लीव टू अपील (सिविल)नं.21247/2006 मप्र शासन आदि विरूद्ध जगदीश वर्मा आदि में दिनांक 13.04.2006 एवं दिनांक 05.01.2007 में स्थगन(स्टे) आदेश के बाबजूद वन विभाग द्वारा विवादग्रस्त स्थल पर निर्माण कार्य किये जाने को लेकर शिकायत कलेक्टर, मुख्य व संरक्षक एवं डीएफओ को की गई है।

बन रहा है जड़ी बूटी गोदाम

यहां बताना होगा कि लुधावली रोड़ पर स्थित गुना नाका चौराहे के समीप वन विभाग के द्वारा जड़ी-बूटी गोदाम तैयार कराया जा रहा है। यहां निर्माण कार्य को लेकर पूर्व में ही वन विभाग के द्वारा नाप-जोख कर गोदाम निर्माण की तैयारी की गई और अब यहां नींव भरने के बाद ऊपरी निर्माण कार्य दीवारें खड़ी होना शुरू की गई है। लेकिन इस भूमि पर होने वाले निर्माण को लेकर जगदीश वर्मा एवं राकेश पुत्र गणेशी लाल जैन पूर्व नपाध्यक्ष के द्वारा बीती 8 दिसम्बर को कलेक्टर, वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक एवं डीएफओ को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए निर्माण कार्य पर आपत्ति दर्ज कराई गई। यहां बताया कि विवादग्रस्त भूमि जो कि ग्राम लुधावली गुना नाका चौराहा शिवपुरी में स्थित है जिसका सर्वे क्रं.945 कुल रकवा 21 बीघा 5 विस्वा है के संबंध में यथावत स्थिति रखने को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली से स्थगन(स्टे)आदेश पारित किया गया है बाबजूद इसके यहां वन विभाग के द्वारा गोदाम निर्माण का कार्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अव्हेलना है जो कि कोर्ट कंटेट ऑफ कोर्ट की श्रेणी में आता है। ऐसे में इस निर्माण कार्य को शीघ्र रोकने के लिए शिकायतकर्ता जगदीश वर्मा एवं राकेश जैन के द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए अविलंब कार्य पर रोक की मांग की गई है अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की आवमानना(कंटेट ऑफ कोर्ट)मानते हुए माननीय न्यायालय की शरण ली जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव टू अपील के रूप में लगी है याचिका

शिकायतकर्ता जगदीश वर्मा एवं राकेश जैन ने बताया है कि इस भूमि को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्पेशल लीव टू अपील(सिविल)नं.(एस)21247/2006 में याचिका स्वीकार करते हुए पुन: दिनांक 20.7.2009 को सुनवाई के उपरांत यथावत स्थिति आगामी आदेश होने तक का स्थगन आदेश पारित किया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारत द्वारा पारित अपील क्रं.21247/2006 में पारित स्थगन आदेश दिनांक 05.01.2007 एवं दिनांक 20.07.2009 में स्पष्ट रूप से विवादग्रस्त भूमि को यथास्थिति रखे जाने का आदेश आगामी दिनांक तक पारित किया गया है दोनों आदेशों की फोटो प्रतियों के साथ फरियादीयों के द्वारा यह शिकायत कलेक्टर, वन विभाग के सीसीएफ एवं डीएफओ की गई है।

इनका कहना है-

हमारे द्वारा उक्त भूमि पर गोदाम निर्माण का कार्य कराया जा रहा है और हमने भी सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार से चर्चा कर भोपाल से मिले निर्देशों के तहत इस भूमि पर यह निर्माण कार्य चल रहा है, कहीं कोई स्टे का मामला इस भूमि पर नहीं है यदि किसी को आपत्ति है तो वह उसके विवेकाधिकार का मामला है वह जो चाहे करें, हम शासन के नियमों का पालन करते हुए निर्माण कार्य करा रहे है।
गोपाल सिंह जाटव
रेंजर, वन विभाग, शिवपुरी

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