कम लागत में अधिक मुनाफे देती हैं मसाला फसलें- प्रहलाद भारती

 



भारत सरकार के सुपारी एवं मसाला विकास निर्देशालय कैलिकट, केरल के मिशन फॉर इंडीग्रेटेड डेवलेपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर अंतर्गत मसाला फसलों में तकनीकी हस्तांतरण कृषक प्रशिक्षण सह मेला बुधवार 15 मार्च 2023 को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र पिपरसमा शिवपुरी पर आयोजित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त प्रहलाद भारती द्वारा किया गया।

प्रहलाद भारती ने कृषकों, कृषक महिलाओं एवं छात्रों को संबोधित करते हुए शिवपुरी जिले के भौगोलिक एवं जलवायु दशा को फसलों में विविधता के अनुकूल बतलाया तथा जिले में मसाला फसलों- धनियां, अजवाइन, सोहा, कलोंजी, हल्दी, अदरक इत्यादि को भी फसल चक्र में समावेश वैज्ञानिक तकनीकियों से उत्पादन कर कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलें साबित हो रही है। साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं कुछ क्षेत्र में किसान बंधुओं को अपनाये जाने के लिए भी कहा। जिससे भूमि, पर्यावरण एवं मनुष्य के स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़े और इस हेतु देशज वंश के गौधन पालन को बढ़ावा दें। साथ ही उन्होंने शासन की उपयोगी योजनाओं से भी लाभान्वित होने एवं जुड़ने के लिए आवाहान किया ।

सेवानिवृत्त क्षेत्रीय प्रबंधक मध्यांचल ग्रामीण बैंक श्री बृजेश कुमार शर्मा ने कृषकों को वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ . पुनीत कुमार ने तकनीकी हस्तांतरण में कृषक प्रशिक्षण सह मेला का महत्व बतलाते हुए नई वैज्ञानिक जानकारियों को अपनाये जाने के बारे में बतलाया। जिले में फसल विविधिकरण तकनीकियों एवं मसाला फसलों का बढ़ता क्षेत्र नवाचार गतिविधियों एवं प्रगति के बारे में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एम.के. भार्गव द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई ।

मसाला फसलों में खरपतवार प्रबंधन के बारे में डॉ. शैलेन्द्र सिंह कुशवाह, वरिष्ठ वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान ) मसाला फसलों में कीट-रोग नियंत्रण के बारे में जे.सी. गुप्ता, वैज्ञानिक (पौध संरक्षण) ने जानकारी दी।

केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह द्वारा प्रमुख मसाला फसलों में बीजोत्पादन तकनीक तथा मसाला फसलों में प्रसंस्करण से रोजगार एवं कृषक उत्पादक समूह के बारे में वैज्ञानिक डॉ.ए.एल. बसेड़िया द्वारा बतलाया गया।

कृषिवानिकी और मसाला फसलों का संयोजन तकनीक के बारे में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ. नीरज कुमार कुशवाहा द्वारा एवं समन्वित खेती में लाभकारी आयाम के बारे में श्री योगेश चन्द्र रिखाड़ी वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने जानकारी दी एवं मेला में प्रदर्शनी स्टॉलों का संचालन भी कराया जिसमें आरती बंसल स्टेनो का सहयोग रहा।

कृषक प्रशिक्षण संगोष्ठी में प्राकृतिक खेती एवं मोटा अनाज जिन्हें श्रीअन्न नाम दिया गया है की भी जानकारी देते हुए उपस्थित कृषकों के बीच प्रश्नोत्तरी करते हुए समस्याओं का समाधान भी किया गया तथा केन्द्र पर विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों जिसमें प्रमुख फसल संग्रहालय में धनियां एवं अजवाइन प्रजातियों प्राकृतिक खेती , समन्वित कृषि प्रणाली , वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन , वर्षा सह रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग , वर्ष भर एक ही खेत में हरा चारा उत्पादन , उद्यानिकी इकाई इत्यादि का भ्रमण भी कराया गया। मेले में कृषि की उन्नत छोटी मशीनें एवं प्रसंस्करण श्री रामगोपाल वर्मा भौंती से, श्री अंकित वर्मा ग्राम ठर्रा से मृदा परीक्षक श्री अनिकेत धाकड़ एवं भगवान सिंह रावत द्वारा फूलों की खेती, दीपक कुशवाह फतेहपुर शिवपुरी प्राकृतिक खेती एवं जैविक उत्पादन, अमित रघुवंशी इंदार से वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन के प्रदर्शनी स्टॉल लगाये गये। कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी का प्रदर्शनी स्टॉल जिले की विभिन्न तकनीकियों को प्रदर्शित करते हुए लगाया गया।

केन्द्र के कार्यालय में विभिन्न ग्रामों एवं विकासखण्डों से 280 से अधिक कृषकों की सहभागिता रही।

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