विश्व माहवारी एवं स्वच्छता प्रबंधन दिवस पर संवाद कार्यक्रम आयोजित



मासिक धर्म यानी पीरियड्स मातृत्व क्षमता का सूचक है। हालांकि समाज में पीरियड्स को लेकर फैले मिथ्य और भ्रम के चलते मेंसुरेशन हाइजीन एक बड़ा गंभीर विषय रहा है। इसी बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस मनाया जाता है। 

कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा कि शक्ति शाली महिला संगठन एवं जिला प्रशासन के द्वारा संयुक्त रूप से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन विषय पर संवाद कार्यक्रम आदर्श नगर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुआ। 

साथ ही रेड डॉट कैंपेन जिसमे मासिक धर्म पर चुप्पी तोड़े एवं इस पर चर्चा हुई। स्वच्छता प्रबंधन की टीम कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी से भी मुलाकात की। कलेक्टर भी रेड डॉट अभियान में शामिल हुए। 

प्रोग्राम में अतुल त्रिवेदी ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर कहा अभी भी कई सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है जो मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के मार्ग में एक बड़ी बाधा है। देश के कई हिस्सों में खासकर ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को माहवारी के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए उन्हें घर, स्कूल और कार्यस्थल पर कई मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। किशोरियों और महिलाओं को मासिक धर्म के समय व्यक्तिगत स्वच्छता की अनदेखी के कारण होने वाले प्रजनन पथ के संक्रमण के बारे में बहुत कम या कोई जानकारी नहीं होती है। माहवारी स्वच्छता को लेकर महिलाओं और किशोरियों की अज्ञानता, गलत धारणाएं, असुरक्षित प्रथाएं और अशिक्षा कई समस्याओं की जड़ है। इसलिए, स्कूली स्तर पर ही सुरक्षित और स्वच्छ व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करने की बहुत आवश्यकता है।


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