मानसून की पहली बारिश से सड़कें बनी स्विमिंग पूल, खुली साफ -सफाई की पोल, चित्रों में देखें शहर की वास्तविक स्थिति

 

शिवपुरी शहर में बुधवार को रुक-रुककर हो रही मानसून की पहली बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सुबह जब लोग सोकर जागे तो अर्ध रात्री से हो रही बारिश से शहर की अधिकांश कॉलोनियों में जल भराव की स्थिति निर्मित हुई जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित नजर आई व अधिकांश बच्चे स्कूल जाने से भी वंचित रहे। नालियों में जाने वाला पानी नालियों के बाहर सड़क से होता हुआ लोगों के घरों में घुस गया। इस कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ है।

सड़क और नालियों पर अतिक्रमण कर बनाए चबूतरे

शिवपुरी में कई ऐसे वार्ड हैं जिनमें बरसात के पानी का नालियों में निकास ना होने के वजह से सड़कों पर लबालब पानी भरा हुआ है। कई स्थानों पर कुछ लोगों ने सड़कों पर और नालियों पर अतिक्रमण कर रखा है जिसके कारण बरसात होने की वजह से नालियों में पानी का निकास न होने के कारण लोगों के घरों में पानी भर रहा है जिस पर स्थानीय लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। कई स्थानों प देखने को मिला कि भवन निर्माण करने को लेकर नगर पालिका से परमिशन भी नहीं ली जाती जिसको प्रशासन भी अनदेखा कर रहा है। नालियों और गलियों की सड़कों पर रेत और गिट्टी डलवा कर अतिक्रमण कर रखा है जिस पर बरसात होने पर सीधा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। 

सड़क पर गंदगी के ढेर

बारिश के बाद, बारिश के पानी के साथ बहकर आई गंदगी के ढेर जगह जगह देखने को मिले। साथ ही शहर में अनेकों खाली प्लॉटों में पड़ी गंदगी के ढेर से उठती दुर्गंध से आसपड़ोस के नागरिकों का बुरा हाल है। शहर के वार्ड क्रमांक 37 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र झींगुरा के ठीक सामने पड़ा गंदगी का ढेर समस्त शहर की साफ सफाई व्यवस्था को आईना दिखा रहा है।


खाली पड़े प्लॉट में भरा पानी और शहर में विचरण करते मगरों का डर

शायद ही शहर का ऐसा कोई भाग होगा जहां मगरों के निकलने की घटनाएं सामने न आ रही हो ऐसे में उन इलाकों के स्थानीय नागरिकों में भय का माहौल व्याप्त है जहां खाली पड़े प्लॉटों में पानी एकत्रित होता है। हमारी टीम जब शहर के प्रियदर्शनी कॉलोनी में पहुंची तो वहाँ खाली पड़े प्लॉटों में इतना पानी भरा नजर आया कि जिसमें पेड़ तक डूबे नजर आए। दूसरी ओर बाबू क्वार्टर रोड पर खाली पड़े प्लॉटों में भरे पानी में बच्चे खेलते नजर आए जिनकी कमर तक पानी नजर आया।

घटिया सड़क निर्माण

मानसून की पहली बारिश नें शहर में हुए घटिया सड़क निर्माणों की भी पोल खोलना शुरू कर दिया है। शहर में अनेक स्थानों पर सड़क निर्माण के नाम पर इतना घटिया काम हुआ है कि चलते चलते गाड़ियां सड़कों में धंस रही है। कई स्थानों पर सड़क निर्माण के दौरान सड़क के दोनों ओर नालियों का निर्माण न करने के कारण पूरा पानी सड़क पर ही जमा होकर मिनी तालाब का एहसास करा रहा है जिसमें बीचों बीच बने सीवर के गड्डे लोगों को भयभीत कर रहे है।

जान जोखिम में डाल कर नागरिक कर रहे आवागमन

शहर के कई भाग ऐसे है जहां नागरिक अपनी जान जोखिम में डाल कर आवागमन करने को बाध्य है। शहर के कई ऐसे स्थान है जहां खेत की जमीनों पर साँठ गांठ कर प्लॉट काट दिए गए है और वहाँ आज भी कई खेत है। ऐसे स्थानों पर बारिश के पानी से जलमग्न हुए खेत और उनसे निकल कर आसपास के मकानों तथा सड़कों पर रुका पानी भी लोगों परेशानियों का सबब बनता दिखाई दिया। 





समस्या से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत

शहर में पहली मानसूनी बारिश के बाद सामने आई समस्याओं में प्रमुख समस्याएं जैसे शहर की सड़कों पर पानी का जमा होना, पैदल चलने वालों को सड़कों पर भरे पानी से होकर गुजरना, कई घरों के आगे से नालियों का गायब होना, नालियों पर अतिक्रमण कर उन्हें बंद कर देना, नालियों में कचरा जमा होना, गुणवत्ताहीन एवं बिना प्लानिंग के सड़क-नाली-नाला निर्माण, अधिकांश स्थानों पर जलनिकासी की व्यवस्था का न होना आदि समस्याएं नागरिकों के लालच, अधिकारी कर्मचारियों के भ्रष्ट रवैये और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता आदि जैसे कारकों के संयोजन के कारण है और सभी के सामूहिक प्रयास के द्वारा ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।

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