फर्जी समाचारों द्वारा हिन्दू द्रोह के लिए कुख्यात स्वीडन के ट्रोल अशोक स्वैन का ट्विटर हैंडल भारत में रोका गया



भारत सरकार की कानूनी मांग के बाद 8 अगस्त को, स्वीडन स्थित ट्रोल अशोक स्वैन का ट्विटर अकाउंट भारत में रोक दिया गया। सीरियल फेक न्यूज पेडलर स्वैन उप्साला यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है और उस पर भारत को बदनाम करने और देश में मुस्लिम उत्पीड़न की झूठी कहानी प्रसारित करने के प्रमाणित आरोप लगते रहे हैं।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने बताया कि अब से, स्वैन देश में दुष्प्रचार और फर्जी खबरें नहीं फैला पाएंगे। यह दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार और घृणित फेक न्यूज पेडलर, स्वीडन के यूयू विश्वविद्यालय द्वारा वित्त पोषित एक स्वीडिश नागरिक है। किन्तु अब अपने दुष्प्रचार अभियान द्वारा स्वैन भारत में अपने विकृत मानसिकता के वामपंथी प्रशंसकों में उत्तेजना नहीं फैला पाएंगे ।”

एक लोकप्रिय सोशल मीडिया हैंडल बेफिटिंग फैक्ट्स ने अशोक स्वैन के खिलाफ इस कार्रवाई के महत्व को रेखांकित करने के लिए उनके कुछ पूर्ववृत्त पर प्रकाश डाला।

दिसंबर 2022 में झूठ फैलाने और भारत के सांप्रदायिक सौहार्द को कमजोर करने की कोशिश की गई। भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पिटाई का वीडियो साझा करते हुए, स्वैन ने यह कहते हुए कि उस व्यक्ति को मुस्लिम होने के कारण लगभग घातक हमले का सामना करना पड़ा, हमले को सांप्रदायिक रंग दे दिया। जबकि यह सरासर झूठ था। 

ट्वीट में स्वैन ने कहा था कि हमला क्रूर था, लेकिन वह व्यक्ति बच गया और अस्पताल में है। हालाँकि, जो नकारात्मक और सांप्रदायिक चित्रण वह प्रस्तुत करना चाहते थे, उसके विपरीत, यह पता चला कि वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति पर मुस्लिम होने के कारण हमला नहीं किया गया था। भीड़ ने चोर होने के संदेह में उसकी पिटाई कर दी थी। पिटाई का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बाद में घटना में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, उन्होंने पीड़ित के खिलाफ चोरी के आरोप में मामला भी दर्ज कराया। 

भारत में रोके जाने वाले स्वैन अकेले नहीं हैं, फर्जी खबरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अन्य ट्विटर हेंडिल पर भी कार्यवाही हुई है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने 'जामिया टाइम्स' के संपादक के रूप में काम करने वाले कथित पत्रकार अहमद खबीर के खिलाफ भी कार्रवाई की है। वह भी फर्जी खबरें फैलाने और हिंदूफोबिया को सामान्य बनाने के लिए कुख्यात है।

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