पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवपुरी, जितेंद्र जैन "पत्तेवाले" उपाख्य गोटू ने दिया भाजपा से त्यागपत्र - राजनैतिक समीकरण।



जैसा कि लम्बे समय से कयास लगाया जा रहा था, अंततः जितेंद्र जैन "गोटू" ने भाजपा से त्यागपत्र दे ही दिया। वे शिवपुरी व कोलारस के पूर्व विधायक रहे देवेंद्र जैन के छोटे भाई भी हैं। जितेंद्र जैन के भाजपा से त्यागपत्र के बाद क्षेत्र में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। वे अब स्वयं कांग्रेस से कोलारस का टिकिट चाहते हैं, जबकि उनके भाई पूर्व विधायक देवेंद्र जैन भाजपा प्रत्यासी बनने हेतु प्रयत्न शील है। इतना ही नहीं तो जितेंद्र जैन के जीजा होटल वनस्थली वाले राकेश गुप्ता भी शिवपुरी से कांग्रेस टिकिट की दौड़ में हैं। अब एक ही परिवार के तीन तीन व्यक्तियों की महत्वाकांक्षा जब आपस में टकराएगी तो क्या होगा, निश्चय ही यह देखने योग्य नजारा होगा। 

अब क्या क्या हो सकता है ?

स्मरणीय है कि यादव बहुल कोलारस सीट से कांग्रेस टिकिट की आशा में बैजनाथ सिंह यादव पहले ही भाजपा से त्यागपत्र देकर अपनी तैयारी में जुटे हुए है, अब कांग्रेस टिकिट उन्हें मिलेगा या जितेंद्र जैन "गोटू" को ?

अगर बैजनाथ जी को मिला तो जितेंद्र क्या करेंगे ? क्या बसपा के हाथी की सवारी करेंगे ?

और जितेंद्र को मिला तो बैजनाथ जी तो न घर के रहे न घाट के ?

भाजपा से मुख्यतः तीन दावेदार है। वर्त्तमान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी, पूर्व विधायक द्वय देवेंद्र जैन पत्ते वाले और महेंद्र यादव। अगर कांग्रेस टिकिट बैजनाथ को मिला तो भाजपा से देवेंद्र जैन या वर्त्तमान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी की संभावना बनती है। अगर जितेंद्र जैन को कांग्रेस टिकिट मिला तो भाजपा से महेंद्र यादव का लड़ना सुनिश्चित माना जा रहा है। 

अब एक सवाल सबके दिमाग में है कि अगर किसी कारणवश भाजपा के वर्त्तमान विधायक को प्रत्यासी नहीं बनाया गया, तो वे क्या करेंगे ? वे शिवपुरी से भी कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे हैं। क्या वे पुनः कांग्रेस में छलांग लगाएंगे ? 

आज के युग में महत्वाकांक्षा किसी भी नियम व सिद्धांत से ऊपर रहती है। जिन्हें निगम मंडल का अध्यक्ष बनाकर मंत्री पद से नवाजा गया, वे भी जब पार्टी टिकिट दे तो, न दे तो, हर हाल में चुनाव लड़ने की सार्वजनिक घोषणा करते दिखाई दे रहे है, तो फिर किसी और की तो बात ही क्या है। 

संगठन निष्ठा या सिद्धांत निष्ठा से टिकटार्थी राजनेताओं का दूर दूर तक कोई बास्ता नहीं है। 

हाँ इतना अवश्य कहा जा सकता है कि कोलारस से भाजपा टिकिट के दावेदार देवेंद्र जैन या महेंद्र यादव में से कोई भी अपनी पार्टी नहीं छोड़ेगा। इसी प्रकार शिवपुरी से दावेदार राकेश गुप्ता भी अब कांग्रेस शायद ही छोड़ें। बाक़ी किसी के विषय में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। 

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