साइबर फ्रॉड पर नकेल: सरकार की बड़ी कार्रवाई में 6 लाख मोबाइल फोन बंद और 65 हजार URLs ब्लॉक

 



आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसका सामना हर स्तर पर नागरिकों और सरकारों को करना पड़ रहा है। ऑनलाइन ठगी, व्यक्तिगत डेटा चोरी, और डिजिटल धोखाधड़ी जैसी घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। हाल ही में गृह मंत्रालय के साइबर विंग, जिसे I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) कहा जाता है, ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया और साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण कार्रवाइयां की हैं।


प्रमुख कार्रवाई:


1. 6 लाख मोबाइल फोन बंद: सरकार ने हाल ही में 6 लाख से अधिक मोबाइल फोन बंद किए हैं, जिनका उपयोग साइबर फ्रॉड में किया जा रहा था। इस कदम का उद्देश्य उन डिवाइसों का संचालन बंद करना है जो धोखाधड़ी के उद्देश्यों से सक्रिय थे।


2. 65,000 URLs ब्लॉक: साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए जिन वेबसाइट्स और लिंक का इस्तेमाल किया जा रहा था, उन्हें भी ब्लॉक कर दिया गया है। 65,000 से अधिक URLs ब्लॉक किए गए हैं, जिनसे साइबर अपराधी मासूम लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे थे।


3. 800 एप्लिकेशन ब्लॉक: इसके साथ ही, करीब 800 मोबाइल एप्लिकेशन्स को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है जो साइबर फ्रॉड में शामिल थे। ये ऐप्स ऑनलाइन ठगी और लोगों की व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए उपयोग किए जा रहे थे।


I4C की भूमिका:

I4C भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जिसे साइबर अपराधों की रोकथाम और उन पर निगरानी के लिए स्थापित किया गया है। यह विंग न केवल साइबर अपराधों पर कार्रवाई करता है बल्कि तकनीकी समाधान भी विकसित करता है ताकि इन अपराधों को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जा सके। इसके माध्यम से सरकार आम जनता को साइबर अपराधियों के शिकार से बचाने का प्रयास कर रही है।

साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे:

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही साइबर अपराधों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। लोग अक्सर फिशिंग, मालवेयर, फर्जी फोन कॉल्स, और स्कैम वेबसाइट्स का शिकार हो जाते हैं। कोरोना महामारी के बाद से ऑनलाइन लेन-देन और ई-कॉमर्स के उपयोग में बढ़ोतरी के साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़त देखी गई है। इस स्थिति में I4C का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।

सरकार की योजना:

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए उसकी योजना और सख्त होने वाली है। विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर गृह मंत्रालय साइबर सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके तहत नागरिकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि लोग साइबर ठगी से खुद को बचा सकें।


साइबर अपराध आज के समय में एक गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। 6 लाख मोबाइल फोन बंद करना, 65 हजार URLs और 800 एप्लिकेशन्स को ब्लॉक करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार साइबर अपराधियों के खिलाफ गंभीर है। यह न केवल देश की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि आम नागरिकों को भी सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगा।

सभी नागरिकों को चाहिए कि वे साइबर फ्रॉड से सावधान रहें और साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए उपलब्ध सरकारी तंत्रों का उपयोग करें।

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