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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में कौन है असली बाज़ीगर? नाम सामने आने ही वाला है!

 

भोपाल। मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक बार फिर संगठनात्मक बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। प्रदेश अध्यक्ष को लेकर राजनीतिक हलकों में गहन चर्चाएं चल रही हैं। माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है, और इस बार नेतृत्व परिवर्तन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जातीय-सामाजिक संतुलन को साधने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।

भाजपा के लिए यह फैसला केवल संगठनात्मक नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनावों में मध्यप्रदेश से जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद पार्टी अब संगठन को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में सक्रिय है। ऐसे में एक ऐसा चेहरा तलाशा जा रहा है जो संगठन को मजबूती भी दे और सामाजिक वर्गों में सकारात्मक संदेश भी।

कौन-कौन से नाम हैं रेस में?


सूत्रों के अनुसार पार्टी जिन नामों पर विचार कर रही है, उनमें अनुभवी नेता, वर्तमान सांसद और सामाजिक प्रतिनिधित्व वाले चेहरे शामिल हैं:

हेमंत खंडेलवाल – वर्तमान विधायक, जो संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं।

दुर्गादास उइके, गजेन्द्र पटेल, सुमेर सिंह सोलंकी – ये तीनों आदिवासी वर्ग से आते हैं और भाजपा को जनजातीय क्षेत्रों में मजबूती दिला सकते हैं।

लाल सिंह आर्य – अनुसूचित जाति वर्ग से, संगठनात्मक अनुभव और सामाजिक जुड़ाव की ताकत।

संध्या राय, रीति पाठक, लता वानखेडे, अर्चना चिटनीस – महिला नेताओं के रूप में संभावित नाम जो महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बन सकते हैं।

यशोधरा राजे सिंधिया – वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, और भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता विजयराजे सिंधिया की पुत्री। उनकी वापसी से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बड़ा असर हो सकता है।

नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, रामेश्वर शर्मा – ये संगठन के अनुभवी और प्रभावशाली वक्ता माने जाते हैं।

क्या भाजपा इस बार चौंकाने वाला कदम उठाएगी?


हालांकि उपरोक्त नाम चर्चाओं में हैं, लेकिन भाजपा की कार्यशैली को देखते हुए यह भी पूरी संभावना है कि पार्टी कोई बिल्कुल नया और चौंकाने वाला चेहरा सामने लाए। भाजपा पहले भी कई बार ऐसे निर्णय ले चुकी है जिनकी घोषणा से पहले अनुमान लगाना कठिन रहा है।

यही कारण है कि अब भाजपा के कार्यकर्ता और नेता दोनों ही उत्सुकता से दिल्ली की ओर देख रहे हैं। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार पार्टी नेतृत्व आदिवासी समाज या महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देगा या फिर अनुभवी और प्रभावशाली चेहरों में से किसी को चुनेगा?

राजनीतिक हलचलों से भरा है आने वाला सप्ताह


जानकारों के अनुसार एक से तीन जुलाई के बीच भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की बैठक हो सकती है, जिसमें मध्यप्रदेश के नए अध्यक्ष पर मुहर लगने की संभावना है। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का संभावित दौरा भी इसी संदर्भ में अहम माना जा रहा है।

संभावनाओं से भरे इस राजनीतिक घटनाक्रम का निष्कर्ष क्या होगा? क्या भाजपा फिर करेगी चौंकाने वाला ऐलान? अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा — इसका जवाब अब बस कुछ दिनों का मेहमान है।
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