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शिवपुरी नपा में डीजल घोटाला: अनिल-सुनील खरे पर गंभीर आरोप

 

File Photo 

शिवपुरी। नगर पालिका के एक और भ्रष्टाचार ने नगर को झकझोर कर रख दिया है। इस बार निशाने पर हैं—नगर पालिका के टैंकर प्रभारी अनिल खरे और डीजल प्रभारी सुनील खरे। आरोप लगाने वाला कोई और नहीं, बल्कि नपा का ही टैंकर चालक अशोक वाल्मीक है, जिसने खुलकर आरोप लगाए हैं कि नगर की प्यास बुझाने वाले टैंकर, दरअसल भ्रष्टाचार की आग में झुलस रहे हैं।

हाइडेंट बना डीजल मंडी


अशोक वाल्मीक के अनुसार, पुराने रोडवेज बस स्टैंड स्थित हाइडेंट पर खुलेआम डीजल का गोरखधंधा चल रहा है। आरोप है कि टैंकर प्रभारी अनिल खरे, नगर पालिका के सरकारी टैंकरों से डीजल चोरी कर उसे बेचवाता है, और इसके एवज में प्रत्येक ड्राइवर से 500 से 600 रुपये प्रति चक्कर वसूलता है।

परिवारवाद का कमाल?


अशोक ने यह भी दावा किया कि डीजल प्रभारी सुनील खरे, जो कि अनिल खरे का सगा भाई है, वह डीजल देता है, और अनिल खरे उसका अवैध व्यापार कराता है। इस भ्रष्टाचार में लगभग 10 से 12 ड्राइवर शामिल हैं, जो हर माह हाइडेंट माफिया को डीजल चोरी की कीमत चुकाते हैं।

ड्यूटी पर नदारद, लेकिन वेतन तय!


सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि कुछ टैंकर चालक ड्यूटी पर आते ही नहीं हैं, लेकिन हर महीने उन्हें डीजल चोरी का हिस्सा बंधा हुआ मिलता है—5-5 हजार रुपये प्रति माह।

मात्र 15 लीटर प्रतिदिन, बाकी कहाँ जाता है डीजल?


आरोपों के अनुसार, प्रतिदिन हर टैंकर को 15 लीटर डीजल मिलता है, लेकिन वास्तविक खपत और वितरण में बड़ा अंतर है। सवाल यह उठता है कि जो डीजल जनता की सेवा के लिए आ रहा है, वह आखिर किसकी जेब में जा रहा है?

अब सवाल उठता है –


क्या नपा अध्यक्ष और सीएमओ इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे?

अनिल और सुनील खरे जैसे लोगों के खिलाफ क्या होगी कार्रवाई?

हाइडेंट पर मचे इस डीजल घोटाले को किसकी शह प्राप्त है?

शिवपुरी की जनता और ईमानदार कर्मचारियों की निगाहें अब नगर पालिका के उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं। क्या वे इस ‘डीजल डायरी’ के पन्ने पलटने का साहस दिखाएंगे या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

(नोट: इस मामले में अनिल खरे और सुनील खरे का पक्ष लिया जाना शेष है।)
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