सैफ अली खान और पटौदी परिवार को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, नवाबी संपत्ति मामले में दोबारा होगी सुनवाई
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जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच से अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और पटौदी परिवार को बड़ा झटका लगा है। भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्लाह खान की संपत्ति को लेकर वर्षों से चल रहे उत्तराधिकार विवाद में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के वर्ष 2000 में पारित आदेश को खारिज कर दिया है और मामले की नए सिरे से सुनवाई के आदेश दिए हैं।
हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने यह साफ किया है कि निचली अदालत ने मामले के सभी कानूनी और तथ्यात्मक पहलुओं पर विचार किए बिना ही केवल इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक पुराने निर्णय के आधार पर याचिका खारिज कर दी थी, जो न्यायिक प्रक्रिया के विरुद्ध है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि भोपाल सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम, 1947 देश में रियासतों के विलय के बाद अप्रभावी हो चुका है।
इस आधार पर हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 24 साल पुराने निर्णय को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया और निर्देश दिए कि अब इस मामले की सुनवाई एक वर्ष के भीतर पूरी की जाए। कोर्ट के इस फैसले से पटौदी खानदान की उस नवाबी संपत्ति पर दावेदारी कमजोर होती नजर आ रही है, जिसे लेकर सालों से कानूनी जंग चल रही है।
पटौदी परिवार के लिए यह आदेश न केवल कानूनी बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी झटका माना जा रहा है, क्योंकि इस फैसले के बाद उत्तराधिकार की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं और अब उन्हें अपनी दावेदारी को फिर से प्रमाणित करना होगा।
यह मामला अब एक बार फिर निचली अदालत में खुलेगा, जहां दोनों पक्षों को अपने-अपने दावे और सबूतों के साथ प्रस्तुत होना होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सैफ अली खान और उनका परिवार इस नवाबी विरासत को कानूनी रूप से हासिल कर पाएंगे या फिर यह मामला और गहराई लेगा।
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