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विश्व पर्यटन दिवस 2025 : केंद्रीय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पर्यटन सप्ताह उत्सव के अंतर्गत पाँचवें दिन विविध कार्यक्रम

 

 

धर्मशाला, 26 सितम्बर 2025:

विश्व पर्यटन दिवस 2025 के अवसर पर पर्यटन और सतत रूपांतरण विषय पर आयोजित पर्यटन सप्ताह उत्सव के पाँचवें दिन, केंद्रीय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पर्यटन, यात्रा एवं आतिथ्य प्रबंधन विभाग द्वारा विविध गतिविधियाँ आयोजित की गईं। माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) सत प्रकाश बंसल के दूरदर्शी मार्गदर्शन एवं पर्यटन सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित इस दिन के कार्यक्रमों में Stakeholders Conclave, राष्ट्रीय पर्यटन क्विज़ प्रतियोगिता तथा Treasure Hunt जैसी रोचक गतिविधियाँ शामिल रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत Stakeholders Conclave से हुई, जिसमें पर्यटन, पर्यावरण एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों, अधिकारियों और विद्यार्थियों ने सतत पर्यटन के विभिन्न आयामों पर विचार साझा किए। इसके बाद आयोजित राष्ट्रीय पर्यटन क्विज़ में देशभर से आए प्रतिभागियों ने अपनी ज्ञान-प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दिन का समापन Treasure Hunt से हुआ, जिसमें 25 टीमों के लगभग 75–80 विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की। यह प्रतियोगिता छात्रों के बीच टीमवर्क, रचनात्मकता और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने का एक सफल प्रयास साबित हुई।

मुख्य अतिथि प्रो. सुनील ठाकुर (अधिष्ठाता छात्र कल्याण) ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन केवल आर्थिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह समाज में सांस्कृतिक गौरव जगाने और सामाजिक समावेश सुनिश्चित करने का भी माध्यम है। उन्होंने तीर्थाटन, देशाटन और आधुनिक पर्यटन की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से आह्वान किया कि वे “Reduce, Reuse, Recycle” के मंत्र को जीवन में अपनाएँ और पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग पर्यटक एवं पेशेवर बनें।

विशिष्ट अतिथि, श्री विनय धीमान (Tourism Development Officer) ने कहा कि “पर्यटन केवल आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह समाज का सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र भी है।” उन्होंने इस क्षेत्र की क्षमता पर बल देते हुए कहा कि यह ग्रामीण-से-शहरी प्रवास को रोक सकता है और संगठित-असंगठित दोनों क्षेत्रों में अवसर उत्पन्न कर सकता है। इंजीनियर वरुण गुप्ता (क्षेत्रीय अधिकारी, हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, धर्मशाला) ने अपने विस्तृत PowerPoint प्रस्तुतीकरण में छात्रों को पर्यावरणीय कानूनों, प्रदूषण नियंत्रण उपायों, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई-वेस्ट एवं ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट्स से अवगत कराया। उन्होंने आतिथ्य क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण-अनुकूल पद्धतियाँ अपनाने पर विशेष बल दिया।

इस अवसर पर Waste Warriors Team ने भी सहभागिता की और अपने अनुभव साझा किए। उनके संवाद ने छात्रों को सतत जीवनशैली और समुदाय-आधारित कचरा प्रबंधन के महत्व से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें छात्रों ने व्यावहारिक चुनौतियों एवं समाधान पर विशेषज्ञों से संवाद किया। समापन पर सभी प्रतिभागियों ने पर्यावरण-अनुकूल व्यवहार अपनाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। इन आयोजनों का संयोजन प्रो. देबासिस साहू तथा सह-संयोजक प्रो. अमित गंगोटिया द्वारा किया गया। युवा संकाय, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे विश्वविद्यालय के सबसे व्यापक आयोजनों में से एक बना दिया है।

पिछले एक दशक से केंद्रीय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पर्यटन सप्ताह केवल एक औपचारिक कैलेंडर कार्यक्रम नहीं रहा है, बल्कि यह पाठ्यक्रमीय ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव के बीच सेतु बनाने की परंपरा बन चुका है। वर्ष 2025 का यह संस्करण विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह न केवल संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ा है, बल्कि भारत के “विकसित भारत @2047” दृष्टिकोण और हिमाचल प्रदेश की सतत पर्यटन केंद्र के रूप में बढ़ती पहचान को भी रेखांकित करता है। विश्वविद्यालय ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह ऐसे स्नातक तैयार करेगा जो शैक्षणिक रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से उत्तरदायी और पर्यावरणीय रूप से सजग हों—और जो पर्यटन क्षेत्र को सततता, समावेशिता और सांस्कृतिक गौरव की धुरी पर आगे ले जा सकें।

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