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शिवपुरी में फर्जी आईडी का खेल: नेताओं और पार्षदों की शिकायत

 

सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी पहचान की फितरत फिर से शिवपुरी के सार्वजनिक जीवन को कलंकित कर रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता धैर्यवर्धन शर्मा ने अपनी फीड पर गुस्से भरा एक संदेश छोड़ते हुए उन लोगों की जमकर निन्दा की जिनके नाम के पीछे असल चेहरा नहीं, सिर्फ़ कीबोर्ड की हठ है — और उन्हीं के खिलाफ नगर पालिका के कुछ पार्षदों ने कोतवाली में लिखित शिकायत भी दी है। पार्षदों ने बताया कि जब भी वे सार्वजनिक मुद्दों पर पोस्ट डालते हैं, चार-पाँच फर्जी प्रोफाइल तुरंत सक्रिय हो जाते हैं और अपमानजनक भाषा में टिप्पणियाँ करने लगते हैं। 


शिकायत में जिन फर्जी आईडी का ज़िक्र है, उनके नाम — काल भैरव, राघव राज, केशव सिंह, राज शर्मा, वीर सिंह काका — पढ़ने में पुराने वीरवट लगते हैं, पर असलियत में ये केवल बहाने हैं। शिकायतकर्ता स्पष्ट कर रहे हैं कि इन प्रोफाइलों की लोकेशन और संचालन का पता लगाया जाए ताकि वायरल हो रही बदनामी और बदसलूकी के जिम्मेदारों को खोजकर दण्डात्मक कार्रवाई की जा सके। 


धैर्यवर्धन की नाराज़गी सिर्फ व्यक्तिगत नहीं है; वे यह दिखाना चाहते हैं कि आभासी बहादुरी के पीछे असल जवाबदेही कहाँ है। उन्होंने खुले तौर पर उन नकाबपोशों को चुनौती दी है कि असली पहचान के साथ सामने आएँ — पर सवाल यह भी उठता है कि जब पीड़ित शिकायत कर चुके हैं, तब भी त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। यह मुद्दा केवल कुछ बुरे कमेंट्स से बढ़कर है; यह लोकतांत्रिक विमर्श और सार्वजनिक मर्यादा की रक्षा का सवाल है। 


सोशल प्लेटफ़ॉर्म और स्थानीय प्रशासन—दोनों के सामने अब ज़िम्मेदारी खड़ी हो गई है। प्रशासन को शिकायतों की गंभीर और पारदर्शी जांच करानी होगी, फर्जी आईडी की लोकेशन व संचालन की पड़ताल कर के दोषियों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी; वहीं फेसबुक जैसे प्लेटफ़ॉर्म से भी अपेक्षा रहेगी कि वे रिपोर्ट किए गए अकाउंटों पर तेज़ी से कार्रवाई तथा पहचान सत्यापन की प्रक्रिया में सहयोग करें। ऐसे न होने पर सार्वजनिक संवाद का स्तर और गिरता जाएगा। 


अंततः यह केवल एक मामले का मसला नहीं—यह एक चेतावनी भी है। जब तक समाज, मीडिया और कानून मिलकर डिजिटल दुनिया में शिष्टाचार और जवाबदेही की सीमाएँ नहीं तय करेंगे, नकाबपोश लोग अपनी असभ्यता से खेलते रहेंगे। अब वक्त है कि जिनके पास सच्चाई की हिम्मत है वे आवाज़ उठाएँ और जिनके पास केवल कीबोर्ड की गुंडागर्दी है, उन्हें बेनकाब कर के कानून के सामने लाया जाए। 

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