मोदी, हिटलर और इजराईल

Hitler ice-cream: An ice-cream vendor sells Hitler cones in Uttar Pradesh. (Photo credit- Twitter)

मेरठ के नीरज कुमार आजकल इंटरनेट पर दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं | MVF प्रोडक्ट के आइसक्रीम कोन उत्तर प्रदेश में खासे लोकप्रिय हैं उनके निर्माता है नीरजकुमार | भारत के शशि थरूर ने उनके द्वारा हिटलर के नाम पर बनाए गए आईसक्रीम कोन पर अपने ट्विटर एकाउंट में टिप्पणी लिखी तो जर्मनी और अन्य पश्चिमी देशों में भी इस विषय को लेकर खासी चर्चा हुई है | दूसरी ओर नीरजकुमार का कहना है कि यूपी में आमतौर पर तुनक मिजाज लोगों को हिटलर कहा जाता है, इसलिए उन्होंने हिटलर के नाम का उपयोग किया | और उनका प्रयोग सफल भी रहा | आज दूर दराज के ग्रामीण अंचल में भी उनका धंधा फलफूल रहा है |

लेकिन जब हिटलर को लेकर इतनी हायतौबा मची तो मुझे कल का एक समाचार याद आया, जिसमें मोदी जी की इजराईल यात्रा के समाचार को चेनलों ने अपनी सुर्खियाँ में स्थान दिया था | यह सर्व ज्ञात तथ्य है कि हिटलर ने लगभग छः लाख यहूदियों को गेस चेंबर में बंद कर नरसंहार किया था | यह कैसा विरोधाभास है कि देश में एक ओर तो मोदी की तुलना जर्मन हिटलर से की जाती है और दूसरी ओर वे यहूदी देश इजराईल जाते हैं तो भी उनकी आलोचना होती है |

जिस प्रकार नीरजकुमार को हिटलर से कोई लेना देना नहीं है, उनका उद्देश्य है अपने व्यवसायिक हित साधना, उसी प्रकार मोदी जी का उद्देश्य है, राष्ट्र हित | उसके लिए उन्हें इजराईल से दोस्ती रखनी हो तो वे रखेंगे और यासिर अराफात को श्रद्धासुमन चढ़ाना हो तो चढ़ाएंगे, इसमें निंदा स्तुति जैसी क्या बात है ? एक साथ दो नावों पर पैर रखकर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना, कुछ कठिन अवश्य है, पर असंभव नहीं | तब फिर इस रोमांच का आनंद उठाने में क्या हर्ज है ? अगर डूबने का खतरा होगा तब एक नाव पर कूद लेने का ऑप्शन तो खुला है ही |

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