कुछ ऐसी महिलाएँ जिन्होंने बदल डाली अपने गाँव की जिन्दगी






झारखंड में 32 सालों के बाद 2010 में पंचायत चुनाव हुए थे. राज्य में महिलाओं को आरक्षण 50 फ़ीसदी मिला लेकिन वो चुनाव जीतीं 57 फ़ीसदी सीटों पर !

इस साल अक्तूबर-नवंबर में राज्य में फिर पंचायत चुनाव होने वाले हैं !
पंचायत चुनावों के पहले आपको मिलवाते है ऐसी महिला मुखिया से, जो अपने इलाक़े में काफ़ी चर्चित रहीं है !

रोजदानी तिग्गा, इटकी पूर्वी पंचायत, रांची

मैट्रिक तक पढ़ीं रोजदानी नर्स की नौकरी से रिटायर हुईं और चुनाव जीत मुखिया बन गई ! रोजदानी अपने गांव की जलापूर्ति योजना को शान से दिखाती हैं !


गांव में औरतें जिन्हें जलसहिया कहते हैं उनकी मदद से गांव पानी का इंतजाम होता है ! 
औरतें जा कर पानी कनेक्शन देने से लेकर 462 घरों को 62 रुपए महीने के हिसाब पानी के पैसे वसूल रही हैं !

उनके गांव में महीने की हर 26 तारीख को ग्राम सभा की बैठक होती है जिसमें हर योजना पर सबकी सहमति ली जाती है !

अनिता बा, केरसई प्रखंड प्रमुख

झारखंड की राजधानी रांची से करीब सवा दो सौ किलोमीटर दूर नक्सल प्रभावित सिमडेगा ज़िले के केरसई प्रखंड की प्रमुख अनिता बा बीए पास हैं !

ओडिशा की रहने वाली अनिता शादी के बाद जब केरसई आईं, तो आदिवासी महिलाओं की स्थिति ने उन्हें विचलित किया !

अनिता की पहल पर महिला तस्करी पर रोक के लिए पंचायत स्तर पर नियमित बैठकें होती हैं ! 

महिलाओं और लड़कियों का पलायन रोकने के लिए वो स्वरोजगार लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ज़ोर देती हैं ! 

पूरे प्रखंड में महिलाओं की कम-से-कम तीन सौ स्वंय सहायता समूह बनाए गए हैं ! एक समूह में दस महिलाएं होती हैं ! हर समूह के बैंक में पैसे हैं ! अनिता बताती हैं कि अब शौचालय बनाने का अभियान शुरू किया गया है !

अनिता देवी, गेतलसूद पंचायत


इस पंचायत को बेहतर काम करने के लिए भारत सरकार द्वारा पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है ! 
अनीता देवी बताती हैं कि इसे साकार करने के लिए ग्राम सभा के सशक्तिकरण और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता पर ज़ोर का असर हुआ है ! कौन सी योजना स्वीकृत है और उनमें कितने पैसे ख़र्च हुए हैं , किन्हें इंदिरा आवास मिले, कितने लोग प्रतीक्षा सूची में है सब कुछ नोटिस बोर्ड में लगा होता है ! वार्ड सदस्य नर्मिला टोप्पो बताती हैं कि ग्राम सभा की बैठक में लोगों की सहमति से सब कुछ तय होता है !

कलावती देवी, दोहाकातू पंचायत, रामगढ़

बीएस पास कलावती देवी पहले आंगनबाड़ी सेविका थीं ! इस पंचायत में आधार कार्ड के जरिए छात्रवृत्ति, मनरेगा और वृद्धापेंशन का भुगतान विकास का आधार बन गया है !

इसमें होता यह है कि खाताधारियों की उंगलियों की पहचान सुरक्षित रहती है, पहचान मिलने पर खाताधारियों के लेन-देन की पर्ची निकलती है ! जितना राशि बताई जाती है, बैंककर्मी उतनी राशि दे देते हैं !

इस व्यवस्था की वजह से बिचौलिए हाशिए पर होने लगे हैं ! गांव के लोगों को इस बात पर भी गर्व है कि अमरीकी दल ने यहां आकर इस योजना का जायजा लिया है !

रूपनी तिड़ू, बिचना पंचायत, खूंटी

रूपनी तिड़ू घर, खेत-खलिहान और पंचायत का काम बहुत सहजता से संभालती हैं ! पंचायत के काम को लेकर ग्रामीणों के साथ नियमित तौर पर बैठक और सरकारी अधिकारियों तक उनकी बात पहुंचाने में वे आगे रही हैं ! 

मुखिया बनने के बाद उन्होंने खुले में शौच से मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया ! वे कहती हैं कि सबसे पहले कच्चे शौचालय का निर्माण कराकर ग्रामीणों की आदत बदलवाने की कोशिशें शुरू की !

लोगों को समझाने में वक्त लगा, लेकिन इसका असर दिखा ! प्रशासन के लोगों ने इस अभियान को सराहा ! अभी पंचायत में सात सौ शौचालय बनाने की योजना की स्वीकृति मिली है !

इसके अलावा बिचना को बाल हितैषी अगुवा पंचायत के रूप में चिह्नित किया गया है ! गांवों के बच्चों को स्वच्छता कार्यक्रम के साथ स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित उपस्थिति और महिलाओं को बच्चों की देख-रेख के लिए प्रेरित करने के लिए वे लगातार कोशिशों में जुटी हैं !

साभार बीबीसी
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