विश्वविद्यालयों में फ़ैल रहे है अफजल के विषाणु ! देशभक्त आम भारतीय समाज देगा माकूल जबाब !



विश्वविद्यालयों और शैक्षिक परिसरों में अराष्ट्रीय तत्वों की सक्रियता के प्रति जनजागरण हेतु, 18 फ़रवरी 2016 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा अखिल भारतीय प्रदर्शन ! पश्चिम बंगाल में इसी दिन भारतीय जनता युवा मोर्चा भी 'चलो जादवपुर' मार्च करेगा !

प्रो-अफजल गुरु के समर्थन का वायरस तेजी से फ़ैल रहा है ! जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाद कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में भी भारत विरोधी, मोदी विरोधी, आरएसएस विरोधी, हिंदुत्व विरोधी नारे और पोस्टर लगाए गए ।

HENB | कोलकाता | 17 फ़रवरी 2016 :: जेएनयू के बाद अब जादवपुर यूनिवर्सिटी । दिल्ली के बाद कोलकाता । अफजल-जीका वायरस के जहर का असर दिल्ली और पश्चिम बंगाल में दिखाई दिया है। क्या यह महज इत्तफाक है कि इन दोनों ही राज्यों में हिंदुत्व और भाजपा विरोधी दो इस्लामी दिमाग सत्ता में हैं ? एक का नियंत्रण आम आदमी पार्टी के हाथ में है, तो दूसरा तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियंत्रित । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी की राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी के बाद अब जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने अफजल गुरु के समर्थन में नारेबाजी करते हुए मंगलवार को जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाते हुए विरोध प्रदर्शन किया ।

"अफजल बोले आजादी, गिलानी बोले आजादी " और "छीनके लेंगे आजादी" जैसे नारे लगाते हुए जादवपुर विश्वविद्यालय के युवा लड़के और लड़कियों का समूह टीवी चेनलों पर देखकर किस देशभक्त को दुःख नहीं हुआ होगा ? 

कश्मीर ने मांगी आजादी, मणिपुर भी बोले आजादी' जैसे नारे क्या सीधे सीधे भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती नहीं हैं ? 

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के नेता अनुमिता मित्रा ने कहा कि अफजल के परीक्षण में पारदर्शिता की कमी रही और उसको मौत की सजा गलत दी गई । क्या यह बयान भारतीय न्याय प्रक्रिया और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान नही है ?

और इसके जबाब में हो क्या रहा है ? महज समर्थन और विरोध में बयानबाजी ! भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जादवपुर विश्वविद्यालय घटना 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा कि इस तरह के नारे लगाने वाले कुछ लोग भारत को विभाजित करना चाहता है । उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय के अंदर इस तरह के राष्ट्र विरोधी नारे के बावजूद ममता सरकार इस मुद्दे पर चुप है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि तृणमूल कांग्रेस सरकार इस पर कोई कार्रवाई करेगी । 

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ राष्ट्र विरोधी विचारधारा की स्वतंत्रता नहीं हो सकता | तृणमूल कांग्रेस को चाहिए कि वह उन लोगों को अविलम्ब गिरफ्तार करे जो वीडियो में गला फाड़कर राष्ट्र विरोधी नारे लगा रहे थे, उन्होंने कहा।

भाजपा के एक अन्य नेता महेश गिरि ने भी जेएनयू और जेयू की राष्ट्र विरोधी घटनाओं की निंदा की और कहा, "कांग्रेस, ममता बनर्जी और वामपंथियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया करने की जरूरत भी नहीं समझी है। राष्ट्र यह सब देख रहा है, और देश की जनता इन राष्ट्र विरोधी तत्वों और उनके समर्थकों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी । अगर विश्वविद्यालय राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के केंद्र बन रहे हैं, तो निश्चित रूप से इस बात पर गौर करने और सख्त कदम उठाये जाने की जरूरत है ।

आरएसएस और विहिप के कार्यकर्ता अक्सर यह कहते रहे हैं कि “हिन्दू घटेगा, देश बटेगा”, इसकी सचाई भी सामने आ रही है | जादवपुर रैली में कश्मीर, मणिपुर और नागालैंड की स्वतंत्रता की मांग की गई, और इन तीनों ही राज्यों में हिन्दू बहुमत नहीं है | 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हैदराबाद विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्र विरोधी सक्रियता के खिलाफ आगामी 18 फरवरी दोपहर 12 बजे से पूरे देश में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है ! विध्वंसक ताकतों के हाथ का खिलौना बने स्लीपर सेल विश्वविद्यालय परिसरों का उपयोग कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य देशभक्त संगठन मूक दर्शक बने नहीं रह सकते | जेएनयू, जाधवपुर विश्वविद्यालय U0H, एफटीआईआई पुणे, आईआईटी मद्रास इन तत्वों के सुरक्षित घोंसले बन गए हैं, इनके प्रति जन जागृति आवश्यक है | भारत का सर्व सामान्य राष्ट्रभक्त है और वह कुर्सी परस्तों की वोट राजनीति का माकूल जबाब अपनी एकजुटता से देगा ।

पश्चिम बंगाल प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा ने भी इसी कड़ी में 18 फरवरी को चलो जाधवपुर मार्च का आयोजन किया है ।

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