दीवाली के अवसर पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर जेहादी हमला, 15 मंदिरों को नष्ट किया गया ।


ढाका | 30, Oct, 2016:: बांगलादेश में ब्राह्मणबरिया के नसीरनगर में जिहादी तत्वों ने हिंदू समुदाय के सैकड़ों घरों में उस समय लूटपाट और आगजनी की, जब वे काली पूजा और दीवाली का जश्न मना रहे थे ! इतना ही नहीं रविवार को दोपहर में दर्जनों हिन्दू मंदिरों को भी नष्ट कर दिया ।

नसीरनगर बांगलादेश का एक उपजिला है ! बताया जाता है कि जिहादियों का यह गुस्सा कुछ दिन पूर्व की एक फेसबुक पोस्ट के कारण फूटा, जिसमें ढाका का काबा कहे जाने वाली मस्जिद अल हरम के साथ भगवान शिव को दर्शाया गया था ।

फेसबुक पोस्ट के विरोध में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने ठीक दीपावली के दिन उपजिला मुख्यालय पर दो अलग-अलग प्रदर्शनों का आयोजन किया । प्रदर्शनकारी फेसबुक पोस्ट डालने के आरोपी रसराजदास को फांसी देने की मांग कर रहे थे ! माना जाता है कि हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के पीछे कट्टरपंथी संगठन जमात-शिबिर, हिफाजत-ए-इस्लाम और अहले सुन्नतवाल जमात का हाथ है ।

नसीरनगर पूजा कमेटी के महासचिव खैलपद आचार्य का आरोप है कि कमसेकम 15 हिन्दू मंदिरों को जमींदोज कर दिया गया और लगभग 200 हिन्दू घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की गई !

नसीरनगर हिंदू-बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के अध्यक्ष आदेश देव ने भी 15 मंदिरों को लूटने और नष्ट करने की बात दोहराई ।

देव ने कहा  कि इस सांप्रदायिक हमले में कई भक्त घायल भी हुए ! पुलिस मूक दर्शक बनी तमाशा देखती रही, उसने लूटपाट रोकने का कोई प्रयास नहीं किया । बाद में बीजीबी प्लाटून तैनात की गई, लेकिन तब तक भारी तबाही और नुकसान हो चुका था ।

ब्राह्मणबरिया के पुलिस अधीक्षक मिज़नुर रहमान ने पांच सात हिन्दू मंदिरों में आठ मूर्तियाँ तोड़े जाने की बात स्वीकार की ! उनके अनुसार 'करीब 150 - 200 लोग इस हमले और लूटपाट में शामिल थे । लेकिन हैरत की बात यह है कि पुलिस ने केवल छः लोगों को हिरासत में लिया है !

महाकाल पैरा के गौर मंदिर के पुजारी शंकर सेन को गंभीर रूप से घायल अवस्था में नसीरनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी अवस्था चिंताजनक बनी हुई है

सदर पश्चिम पैरा के जगन्नाथ मंदिर, नमाशुद्र पैरा के कालिबरी मंदिर, महाकाल पैरा के दुर्गा और शिव मंदिर, दत्ता पैरा के दुत्ताबरी मंदिर और सूत्रधार पैरा में महाकाली मंदिर लगभग ध्वस्त कर दिये गये, मंदिर का कोष और क़ीमती आभूषण तथाकथित शांतिदूतों द्वारा लूट लिया गया ! सैंकड़ों की तादाद में आये इन लुटेरों के हाथों में स्थानीय बनाये आग्नेयास्त्र, तलवार, लोहे की छड़ और लाठियां थीं ।

प्रदर्शनों के आयोजन कर्ता अब एक दूसरे पर दोषारोपण कर अपना पल्ला झाड रहे हैं ! अहले सुन्नत वाल जमात के नसीरनगर इकाई के संयोजक रियाजुल करीम ने कहा कि हिफाजत -ए-इस्लाम के लोगों ने हिंदू समुदाय पर हमला किया, जबकि हम लोग तो शांतिपूर्ण रैली कर रहे थे

स्मरणीय है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों द्वारा हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में इन दिनों भारी वृद्धि हुई है ! जमात-ए-इस्लामी, हिफाजत-ए-इस्लाम, अवामी लीग उलेमा, हिजबुल तहरीर, अहले सुन्नतवाल जमात आदि सभी संगठन इस उत्पीडन में बराबर के गुनाहगार हैं !

न केवल हिन्दू बल्कि बौद्ध, ईसाई और आदिवासी अल्पसंख्यक भी इस आक्रान्ता मानसिकता का सामना कर रहे हैं, ब्राह्मणबारिया की घटना तो महज एक बानगी है ।

ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भाजपा के मूल संगठन जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बाग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए ही तात्कालीन केंद्र सरकार का वाणिज्य मंत्री का पद छोड़ दिया था ! जबकि आज बांग्लादेशी हिंदुओं के जले पर नमक छिड़कते हुए भाजपा सांसद रूपा गांगुली जैसी नव राजनीतिक जोकर कह रही हैं कि "बांग्लादेश में हिन्दू शांति और समृद्धि में रह रहे हैं।"

यह भी दुखदाई है कि भारत सरकार के किसी प्रतिनिधि ने अभी तक सहानुभूति के दो शब्द भी नहीं कहे हैं । अब भगवान ही बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा करें ।
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