दुनिया देखे जिहादी दीदी का खूंखार और घनघोर साम्प्रदायिक चेहरा



भरोसा नहीं होता कि हम भारत में रह रहे रहे हैं ! 'इस्लामी कट्टरपंथियों' ने कहा कि स्कूल में मिलादुन्नवी तो मनेगा, किन्तु सरस्वती पूजा नहीं होगी ! छात्रों और अभिभावकों ने आग्रह किया कि यह तो वर्षों पुरानी परंपरा है, करने दो भाई, तो पुलिस ने नन्हे बच्चों पर निर्दयता से लाठियां बरसाईं ! जी हाँ आप सही समझे, यह मोहतरमा ममता के पश्चिम बंगाल का ही किस्सा है ।

हाबड़ा से उपेंद्र भारती की रिपोर्ट –

16 दिसंबर को, पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले के तेहत्ता हाई स्कूल के प्रभारी शिक्षक उत्पल मलिक ने उलूबेरिया पुलिस स्टेशन को एक पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों को वहां की तनाव पूर्ण स्थिति से अवगत कराया । पत्र में लिखा कि कुछ स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों से प्रभावित कक्षा 9 वीं और 10 वीं के कुछ छात्रों ने स्कूल परिसर में स्कूल प्रबंधन से अनुमति लिए बिना जबरन 13 दिसंबर को नबी दिवस (पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन) मनाया ।

प्राप्त समाचारों के अनुसार जबरदस्ती स्कूल परिसर में घुसे बाहरी तत्वों ने छात्रों और शिक्षकों के साथ हाथापाई की और स्कूल इमारत के ऊपर हरा इस्लामी झंडा फहराया । स्कूल के कामकाज में बाहरी तत्वों के इस हस्तक्षेप के कारण न केवल स्कूल स्टाफ स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है, बल्कि इलाके में और सांप्रदायिक तनाव भी फ़ैल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप स्कूल को बंद करना पड़ा है । इस घटना के परिणाम स्वरुप छात्रों द्वारा 10 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फार्म भरने के कार्य में भी रुकावट आ गई है ।

7 दिनों तक स्कूल बंद रहने के बाद, 20 दिसंबर को इनाडु द्वारा यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई । इसके बाद नबी दिवस मनाये जाने के आश्वासन के बाद ही स्कूल फिर से खुल सका । प्रशासन व स्कूल प्रबंधन के साथ इस्लामी समूहों की बैठक के बाद नवी दिवस को मनाये जाने को लेकर समझौता हुआ, तब जाकर स्कूल की इमारत से इसलामी झंडा हट सका ।

ताजा घटना भी हावड़ा जिले में उलूबेरिया के तेहत्ता हाई स्कूल से ही संबंधित है। "छात्रों और इस्लामी कट्टरपंथियों" द्वारा स्कूल की संपत्ति की तोड़फोड़ करने और स्कूल में इस्लामी झंडा फहराने के बाद, मानसिक तनाव के चलते स्कूल के हेडमास्टर उत्पल मलिक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया ! 

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पश्चिम बंगाल की ओर से जिला निरीक्षक, माध्यमिक शिक्षा, हावड़ा ने अपने आदेश क्रमांक 38 डी दिनांकित 2017/01/29 संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया । 

स्मरणीय है कि 13 दिसंबर को साम्प्रदायिक हिंसा में झुलसे धौलागढ़ से तेहत्ता कोई ज्यादा दूर नहीं है ! सचाई तो यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भरपूर संरक्षण में समूचा प्रदेश जेहादी सशक्तिकरण की राह पर सरपट दौड़ रहा है । हावड़ा जिले में तो स्थिति और भी भयावह है, क्योंकि यह उलूबेरिया से तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद और उलूबेरिया पूर्ब के विधायक हैदर अजीज का कार्यक्षेत्र है, जो परदे के पीछे से सांप्रदायिक माहौल के लिए जिहादी शह देते हैं।

आज पुनः घटे घटनाक्रम में शासन प्रशासन का हिन्दू विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया, जब तेहत्ता स्कूल के छात्रों ने स्कूल परिसर में परंपरागत सरस्वती पूजा करने की मांग की ! यह पूजा 1952 से लगातार होती रही है ! स्कूल प्रबंधन ने जब इसकी अनुमति नहीं दी तो हिंदू छात्रों और स्थानीय लोगों ने आज दोपहर स्कूल के पास एनएच 6 को अवरुद्ध कर दिया ।

इस पर भारी संख्या में पुलिसबल ने इन बच्चों पर निर्मम लाठी चार्ज किया, जिसमें छोटी छोटी बच्चियां भी गंभीर रूप से घायल हो गईं । 

साभार - https://hinduexistence.org/2017/01/31/aggrieved-students-and-hindu-locals-block-nh-6-with-a-demand-of-saraswati-puja-at-tehatta-high-school-in-howrah/

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