“मोदी की अमेरिका यात्रा” - महाशक्ति बन कर उभरा भारत - संजय तिवारी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बार की अमेरिका यात्रा ने देश को बहुत कुछ दिया है। अपने प्रधानमंत्रित्व के तीसरे साल और तीसरी बार अमेरिका पहुंच कर मोदी ने जिस तरह के वैश्विक सन्देश दिया और वह उनका जैसा स्वागत हुआ वह अपने आप में ऐतिहासिक ही माना जायेगा। ट्रम्प कार्यकाल में ऐसा पहली बार हुआ कि अमेरिकी प्रेजिडेंट के निवास यानी व्हाइट हाउस में किसी देश के नेता का अवसर मिला हो। यकीनन यह स्थिति साबित करने के लिए पर्याप्त है कि अब अमेरिकी नज़र में भारत केवल एक बाज़ार भर नहीं है बल्कि वह उसी के समकक्ष एक ऐसी ताकत है जिसके साथ के बिना उसका काम नहीं चलने वाला। इस यात्रा के और भी पहलू बनते हैं जिनमे सबसे महत्वपूर्ण पाकिस्तान को लेकर साझा बयान में की गयी टिपण्णी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका ने खुल कर पकिस्तान की आलोचना की है और विश्व को उसकी आतंकी प्रवृति से अवगत कराया है। कूटनीतिक दृष्टि से भारत की यह बहुत बड़ी जीत है। इस यात्रा ने चीन को भी बहुत कुछ समझाने में सफलता पायी है। 

दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और आधिकारियों के स्तर पर जो बातचीत हुई है उससे यह भी संकेत निकलता है कि ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस बयान का स्वीकार करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत व अमेरिका के रिश्ते 21वीं सदी की सबसे बड़ी घटना होगी। अगर ऐसा नहीं होता तो दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी नहीं दी गई होती और न ही चीन को परोक्ष तौर पर साउथ चाईना सी के मुद्दे पर आगाह किया गया होता। ट्रंप की अगुवाई में अमेरिकी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के साथ हर संवेदनशील मुद्दे पर भारत का खुल कर समर्थन किया है। संयुक्त बयान में पहली बार भारत और अमेरिका ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलाने के लिए नहीं करे। साथ ही पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह मुंबई हमले और इस तरह के अन्य हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कदम उठाये। यह कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान को दिया गया दूसरा झटका है। ट्रंप-मोदी मुलाकात से कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी सरकार ने हिज्बुल आतंकी सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है। भारत और अमेरिका ने अल कायदा, हिज्बुल, डी-कंपनी, लश्कर, जैश जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के खिलाफ भी अपने सहयोग को लगातार मजबूत करने की बात कही है। इसमें से चार आतंकी सगंठन पाकिस्तान आधारित ही हैं। पहले भी भारत व अमेरिकी सरकार की तरफ से जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान का जिक्र होता था लेकिन पहली बार अब उसे सीधे तौर पर बोला जा रहा है।


यात्रा पर विस्तार से -

अब आइये थोड़ा विस्तार से इस यात्रा पर नज़र डालते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर रविवार को वॉशिंगटन पहुंचे। ज्वाइंट बेस एंड्रियूज एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत अमेरिका में भारत के एंबेसडर नवतेज सरना और उनकी पत्नी अविना सरना ने किया। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट करके मोदी को अपना सच्चा दोस्त बताया। उन्होंने अमेरिकी प्रेसिडेंट के आफिशयल अकाउंट पर ट्वीट किया- भारतीय पीएम मोदी के स्वागत के लिए व्हाइट हाउस तैयार है। अहम स्ट्रैटजिक इश्यूज पर अपने सच्चे दोस्त के साथ चर्चा होगी। सोमवार को मोदी डोनाल्ड ट्रम्प से पहली बार मिलेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई करार होने की उम्मीद है।

एयरपोर्ट से मोदी का काफिला सीधा विलार्ड होटल पहुंचा, जहां उनके ठहरने का इंतजाम किया गया था । भारतीय समय के मुताबिक, रविवार शाम वो अमेजन के CEO जेफ बेजोस, अमेरिकन टावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन जिम टैक्लेट, एप्पल CEO टिम कुक, एडोब के CEO शांतनु नारायणन, कैटरपिलर के CEO जिम उम्पलबी, गूगल CEO सुंदर पिचाई, वॉलमार्ट प्रेसिडेंट डग मैकमिलन से मुलाकात करने का कार्यक्रम था। मोदी ने इससे पहले सितंबर 2015 में भी CEOs के साथ राउंडटेबल मीटिंग की थी। सुंदर पिचाई, सत्या नडेला के साथ डिजिटल इंडिया डिनर किया था। 26 जून को मोदी ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की इस पहली मुलाकात पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई थी। 

वॉशिंगटन के ज्वाइंट बेस एंड्रियूज एयरपोर्ट पर मोदी उनके स्वागत में खड़े भारतीयों से भी मिले। मोदी के स्वागत में खड़े लोगों ने भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लगाए। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक एक सीनियर ऑफिशियल ने बताया, "मोदी के दौरे को व्हाइट हाउस स्पेशल बनाने की तैयारी कर रहा है। मोदी के लिए रेड कारपेट वेलकम होगा। मोदी और ट्रम्प एक साथ डिनर करेंगे। ये व्हाइट हाउस में होने वाला वर्किंग डिनर होगा। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान व्हाइट हाउस में डिनर करने वाले मोदी दुनिया के पहले नेता होंगे।अमेरिका में भारत के एम्बेसडर नवतेज सरना ने बताया, "'ट्रम्प का मोदी को डिनर देना एक खास मौका होगा। ये हमारे लिए सम्मान की बात है। दोनों नेताओं के बीच किन मुद्दों पर बात होगी, इसका अभी अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन जिन मुद्दों को शामिल किया जा सकता है, उनमें स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप, डिफेंस, सिक्युरिटी, इकोनॉमिक ग्रोथ और टेररिज्म हो सकते हैं।"

3 साल पहले मेडिसन स्क्वेयर में दी थी स्पीच

प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2014 के अपने पहले अमेरिका दौरे में न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वेयर गार्डन में पॉलिटिकल रॉक स्टार जैसा इवेंट किया था। इसमें 18 हजार लोग शामिल हुए थे। सितंबर 2015 के दौरे में उन्होंने फेसबुक हेडक्वार्टर में मार्क जुकरबर्ग के साथ टाउनहॉल किया था। यहां वे अपनी मां का जिक्र होने पर इमोशनल हो गए थे। हालांकि, 2016 के दौरे पर ऐसा कोई बड़ा पब्लिक इवेंट नहीं हुआ था। लेकिन मोदी ने यूएस कांग्रेस को एड्रेस किया था जो अपने आप में ऐतिहासिक मौका था।

भारत-पाक के साथ अलग-अलग रिश्ते

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने साफ किया कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन की नजर में भारत-पाकिस्तान से रिलेशन का नेचर ही नहीं, बल्कि प्रायोरिटीज भी अलग हैं। एक अफसर के मुताबिक, "भारत के साथ हम एक स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप चाहते हैं। भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम इस ट्रेंड को और मजबूती देना चाहते हैं। इसके लिए को-ऑपरेशन और आपसी हितों पर बातचीत होगी। पाकिस्तान के साथ भी हमारे रिश्ते हैं, लेकिन उनका नेचर थोड़ा अलग है। भारत-पाक से रिलेशन उनकी खूबियों और शर्तों पर आधारित है। एक के साथ दूसरे को मिलाकर नहीं देखा जा सकता। लेकिन अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव कम करना चाहता है।"

भारत में 7000 रिफॉर्म्स किए :210 ट्रिलियन की कंपनियों के CEOs से बोले मोदी

वॉशिंगटन/नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिका के टॉप 21 CEOs से मुलाकात की। इस राउंड टेबल मीटिंग में मोदी ने GST को गेम चेंजर बताते हुए कहा, "पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। बिजनेस को बढ़ावा देने के मकसद से हमारी सरकार ने 7000 रिफॉर्म्स किए हैं।'' बिजनेस लीडर्स को भारत में इन्वेस्ट करने का न्योता देते हुए मोदी ने कहा, "हमारी ग्रोथ ने अमेरिका-इंडिया दोनों को ही पार्टनरशिप में फायदे का मौका दिया है। कंपनियों के लिए इसमें कॉन्ट्रिब्यूशन करने का अच्छा मौका है।" बता दें कि जिन कंपनियों के CEOs से मोदी ने मुलाकात की, उनमें से 19 कंपनियों की मार्केट वैल्यू 210 लाख करोड़ रुपए यानी 210 ट्रिलियन है।


बिजनेस स्कूलों में पढ़ाया जा सकता है GST

मोदी ने कहा, "GST लागू करना ऐतिहासिक पहल है। इसे अमेरिका के बिजनेस स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सकता है।पीएम ने भारत में इनोवेशन, इंटेलेक्चुअल्स के इस्तेमाल, एजुकेशन और पेशेवर ट्रेनिंग के सेक्टर में संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि सफाई, उनके प्रोडक्टस और टेक्नोलॉजी को स्कूल जाने वाली लड़कियों की जरूरतों से जोड़ा जाए।

500 रेलवे स्टेशनों पर टूरिज्म बढ़ाने का मौका

मोदी बोले कि भारत के 500 रेलवे स्टेशनों पर होटल डेवलप करने और इसके जरिए टूरिज्म को बढ़ाने का मौका है। इन होटलों को PPP मॉडल्स पर डेवलपमेंट किया जाना है। इसके साथ ही मोदी ने NDA सरकार की पारदर्शिता, क्षमता, सबका साथ-सबका विकास जैसी चीजों के महत्व पर जोर डाला।

CEOs ने डिजिटल इंडिया और नोटबंदी की तारीफ की

मीटिंग में मौजूद CEOs ने मोदी सरकार के नोटबंदी, डिजिटल इंडिया, जीएसटी, बिजनेस के लिए माहौल अच्छा बनाने, प्रॉसेस आसान करने जैसे सुधारों की तारीफ की। साथ ही, सरकार के डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और दूसरी फ्लैगशिप योजनाओं में सहयोग देने की बात कही।

क्या बोले बिजनेस लीडर्स

1) सुंदर पिचाई (CEO, गूगल):

ये बहुत अच्छा रहा। कई इंडस्ट्रीज के बारे में चर्चा हुई। मोदी ये खोज रहे थे कि ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट कैसे हो। कई अच्छे आइडियाज पर चर्चा हुई। मुझे लगता है कि हर कोई इंडिया में इन्वेस्टमेंट को लेकर काफी उत्साहित था। मैं भी एक्साइटेड हूं कि हम लोग मिलकर क्या कर सकते हैं। GST के लागू होने का इंतजार है। मैं जानता हूं कि ये मुश्किल है, लेकिन इसे लागू होते देखना एक्साइटिंग है। ये दिखाता है कि अगर ठान लिया जाए तो सुधार किए जा सकते हैं।

2) मेरिलिन ए ह्यूसन (CEO, लॉकहीड मॉर्टिन): 

अमेरिका और भारत के बीच बेहद प्रोडक्टिव रिश्तों को कैसे मजबूत किया जा सकता है, इस पर चर्चा करने का मौका मिला। टाटा के साथ F-16 फाइटर जेट्स के प्रोडक्शन के बारे में चर्चा करने का मौका मिला। विश्वास है कि ये पार्टनरशिप इंडिया-अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी और इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी को बढ़ाएगी और हमारे रिश्तों को मजबूत करेगी।

3) टिम कुक (CEO, एप्पल):

कुक ने मीटिंग से बाहर निकलने के बाद कहा, "अच्छा"।

4) मुकेश आघी, प्रेसिडेंट (USICB):

CEOs ने पीएम के रिफॉर्म्स की तारीफ की। इंडिया को बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन बनाने की कोशिशों का भी अच्छी तरह जिक्र किया गया। हालांकि, H-1B वीजा पर इस मीटिंग में कोई बात नहीं हुई।

ये है कंपनियों की मार्केट वैल्यू

प्रधानमंत्री जिन 21 CEOs से मिले, उनकी कंपनियों की मार्केट वैल्यू 210 लाख करोड़ रुपए यानी 210 ट्रिलियन है। यह आंकड़ा फोर्ब्स और फॉर्च्यून की लिस्ट के मुताबिक है। बता दें कि 2015 के अपने दौरे में भी मोदी ने यूएस के टॉप 47 CEOs से मुलाकात की। उन CEOs की कंपनियों की उस वक्त मार्केट वैल्यू 300 लाख करोड़ रुपए यानी 300 ट्रिलियन थी।

CEO, कंपनीमार्केट वैल्यू (बिलियन डॉलर)

1शांतनु नारायण, एडोब64.40
2जेफ बेजोस, अमेजन427
3जिम टैक्लेट, अमेरिका टावर कॉरपोरेशन33
4टिम कुक, एप्पल752
5जिम उम्प्लेबाई, कैटरपिलर56
6जॉन चैम्बर्स, सिस्को165.10
7पुनित रेंजेन, डिलाइट35
8डेविड फार, इमर्सन38.30
9मार्क वेनबर्ग, अर्नेस्ट एंड यंग29.60
10सुंदर पिचाई, गूगल600
11जेमी डिमोन, जेपी मॉर्गन11
12मेरीलिन ह्यूसन, लॉकहीड मार्टिन78.30
13आर्ने सोरेनसन, मैरियट इंटरनेशनल34.90
14अजय बंगा, मास्टरकार्ड121.30
15इरेन रोसेनफील्ड , मोंडेलेज इंटरनेशनल67.40
16डेविड रूबेन्स्टीन, कार्लाइल ग्रुप162
17डग मैकमिलन, वालमार्ट221
18चार्ल्स काये, वारबर्ग पिनकस40
19डेनियल यारगिन, IHS मार्किट17.2
कुल3,275 बिलियन डॉलर, यानी 210 लाख करोड़ रुपए (210 ट्रिलियन)

सर्जिकल स्ट्राइक पर किसी ने सवाल नहीं उठाया: मोदी 

अमेरिका दौरे के पहले दिन नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्जीनिया में इंडियन कम्युनिटी को एड्रेस किया। मोदी ने कहा, ''पीएम बनने के बाद आपने मेरे लिए इतने बड़े प्रोग्राम किए कि दुनिया के लिए ये मेरी पहचान बन गए। हमारी सरकार पर 3 साल में कोई दाग नहीं लगा। पहले आतंकवाद की परेशानी को कोई मानने को तैयार नहीं था, लेकिन अब खुद आतंकियों ने कई देशों को इसे समझा दिया। दुनिया ने हमारी सर्जिकल स्ट्राइक की ताकत देखी, पर जिन्हें भुगतना पड़ा उन्हें छोड़कर किसी ने सवाल नहीं उठाए।'' अपनी स्पीच में मोदी ने विदेश मंत्रालय के कामकाज को लेकर सुषमा स्वराज की तारीफ की। इस प्रोग्राम में करीब 600 लोग शामिल हुए। यहां मोदी के लिए खास लंच रखा गया। सोमवार को उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रम्प से होगी। 1) आप से मिलकर नई ऊर्जा भर जाती है। मोदी ने कहा, ''अमेरिका में बसे हुए मेरे सभी परिवार के लोग। परिवार के लोगों से मिलने का जो आनंद होता है, वो आनंद मैं जब-जब आपसे मिलता हूं, अनुभव करता हूं। ऊर्जा, नई उमंग-उत्साह आप मुझमें भर देते हैं। फिर मुझे आज वो मौका मिला है।'पिछले 20 साल में कई बार मुझे अमेरिका आने का मौका मिला। जब सीएम नहीं था, पीएम नहीं था, तब अमेरिका के करीब 30 स्टेट्स का मैंने भ्रमण किया। हर बार किसी ना किसी स्वरूप में यहां बसे हुए आप सब परिवारजनों से मिलने का मौका मिलता रहा।''

अमेरिका के प्रोग्राम मेरी पहचान बन गए

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम बनने के बाद आपने इतने बड़े प्रोग्राम किए, जिसकी गूंज आज भी दुनिया में सुनाई दे रही है। न सिर्फ अमेरिकी लीडर्स, दुनिया के नेता भी जब मिलते हैं, तो उनके दिमाग में मेरी पहचान अमेरिका के उसी इवेंट से शुरू होती है। ये सब आप ही लोगों का कमाल है। मैं जानता हूं कि अमेरिका में रहते हुए इस तरह की चीजें ऑर्गनाइज करने में कितनी मेहनत लगती है। उसके बावजूद आप इसको सफल बनाते हैं। इस बार की यात्रा में मैं ज्यादातर लोगों को नाराज करके जाने वाला हूं। कई दबाव और सुझाव थे कार्यक्रमों के। आपका भी मन था बड़ा कार्यक्रम करने का। मैं आज उन लोगों से मिलकर दर्शन करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे पिछले कार्यक्रमों के लिए मेहनत की। समय, धन दिया, निजी कार्यक्रम बदले।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व आतंकवाद से परेशान है। कई देश जब भारत आतंकवाद की बात बताता था तो कई देश ऐसे थे, जिन्हें ये गले नहीं उतरता था। उन्होंने भुगता नहीं था। आज समझाने की जरूरत नहीं है, आतंकियों ने खुद समझा दिया है। लेकिन जब हिंदुस्तान सर्जिकल स्ट्राइक करता है तो दुनिया को ताकत का अहसास होता है कि हम संयम रखते हैं, लेकिन जरूरत पड़े तो हम अपने सामर्थ्य का परिचय भी देते हैं। हम कानूनों से बंधे हुए हैं, हम वसुधैव कुटुम्बकम् में विश्वास करते हैं, ये हमारा चरित्र है। 'हम दुनिया के नियमों का पालन करते हुए हमारे अखंडता, सुरक्षा और आम आदमी की सुख-शांति के लिए कठोर कदम उठाने का सामर्थ्य रखते हैं। हम ऐसा जब जरूरत पड़ी करते रहे हैं और दुनिया हमें कभी भी रोक नहीं सकती। सर्जिकल स्ट्राइक एक ऐसी घटना थी कि दुनिया चाहती तो भारत को कठघरे में खड़ा करत देती, आलोचना होती। पहली बार आपने अनुभव किया होगा कि इतने बड़े कदम पर किसी ने भी एक सवाल नहीं उठाया। जिन्हें भुगतना पड़ा, उनकी बात अलग है। हम दुनिया को समझाने में सफल हुए हैं कि आतंकवाद का कौन-सा रूप हमें परेशान कर रहा है।

उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि ये भारत का बुद्धिधन, अनुभव धन जो विश्व में फैला है, मैं निमंत्रण देता हूं कि अगर आपको लगे कि ये भारत के काम आ सकता है तो इससे उत्तम अवसर कभी नहीं आएगा। अमेरिका में दुनिया के सभी देशों के लोग रहते हैं। यहां रहने वाले हिंदुस्तानी जितना आदर देते हैं, शायद ही दुनिया के किसी लीडर को उतना मिला होगा। कभी लगता है कि इस पीढ़ी के बाद क्या। जो इस पीढ़ी के पास जज्बा है, वो आने वाली पीढ़ी में बना रहेगा क्या? भारत के साथ आपका जुड़ना जरूरी है, निरंतर प्रयास जरूरी है। जिन राज्यों से आप आते हैं, उन राज्यों में अपने यहां अप्रवासी भारतीयों के लिए डिपार्टमेंट बनाए हैं, भारत सरकार ने भी भवन बनाया है।

पाकिस्तान में बेटी को सुषमा घर लेकर आईं

प्रधानमंत्री ने बहुत सी बाते की , जैसे वह अपने परिवार में बैठ कर दुःख दुःख साझा कर रहे हों। उन्होंने कहा - विदेश मंत्रालय की सामान्य आदमी के मन में विदेश मंत्रालय की छवि टाई पहनने वाले, बड़े लोगों से मिलने वाले की थी। 3 साल में हमारे विदेश मंत्रालय ने मानवता की दृष्टि से नया मुकाम हासिल किया है। 80 हजार से ज्यादा हिंदुस्तानी दुनिया के किसी भी हिस्से में संकट में फंसे तो हमारी सरकार उन्हें उनके घर वापस ले आई। हर पल विदेश में रहते हुए भारतीय को लगता था कि उसे कुछ हो गया तो? 3 साल से वो निश्चिंत है, कि कुछ हो गया तो भारत सरकार की एम्बेसी है। एक मुस्लिम भारतीय बच्ची पाकिस्तान जाकर फंस गई, तब उसने वहां की हिंदुस्तानी एम्बेसी में जाने का फैसला लिया। वो भारत लौटकर आई और हमारी सुषमा जी उसे लेने गईं। मैं जब पहले यहां आता था तो बैठते ही विदेश में रहने वाले हमारे भाई बोलते थे गंदगी की बात। आज मेरे लिए खुशी की बात है कि विदेशों से जितनी चिट्ठियां आती हैं, उनमें अधिकतम चिट्ठियां बदलाव की तारीफ वाली मिलती थीं।

सुषमा ने विदेश मंत्रालय को गरीब से जोड़ा

प्रधानमंत्री ने बताया कि हमने नीतियों में बड़े परिवर्तन किए हैं। आपने कितने पापड़ बेलकर पासपोर्ट हासिल किए थे। 6-6 महीने में पासपोर्ट मिलता था, आज 15 दिन में मिल जाता है। हर पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट ऑफिस खोल दिए हैं। सोशल मीडिया बहुत ताकत रखता है, मैं भी जुड़ा हुआ हूं। आप भी नरेंद्र मोदी ऐप देखते होंगे, नहीं देखते तो ऐप डाउनलोड कर लीजिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया की ताकत को दिखाया। आज विदेश मंत्रालय हिंदुस्तान के गरीब से गरीब आदमी से जुड़ गया है। रात के 2 बजे भी अगर दुनिया के किसी हिस्से में कोई मुसीबत में हो तो 15 मिनट में सुषमा जी जवाब देती हैं और 24 घंटे के अंदर उस पर एक्शन लिया जाता है। एक तरह से यहां मैं जो स्वरूप देख रहा हूं, उसमें लघु भारत भी है और लघु अमेरिका भी है। हिंदुस्तान में जब कुछ बुरा होता है तो सबसे पहले आपकी नींद खराब होती है। ये इसलिए होता है कि आपका दिल हर पल चाहता है कि मेरा देश ऐसा कब बनेगा। मेरा देश कैसे बढ़ेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जो सपने आपने देखे हैं, वो आपके रहते पूरे होंगे। अनुकूल वातावरण मिलते ही आप इतने फले-फूले कि अमेरिका के फलने-फूलने में सहायक बन गए। उसी भारतीय की ताकत से अमेरिका और खुद की विकास यात्रा चलती रही। आपके जैसा ही सामर्थ्य रखने वाले, बुद्धि और प्रतिभा वाले सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी बैठे हैं। वे भी आप जैसे ही हैं। उन्हें अनुकूल वातावरण मिला तो वो सवा सौ करोड़ भारतीय कितनी जल्दी देश बदल देंगे, उसका अंदाजा हम-आप लगा सकते हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन जो मैंने महसूस किया है कि हर कोई कुछ करना चाहता है और कुछ ना कुछ कर रहा है, इस संकल्प के साथ कि मेरा देश आगे बढ़े। जब सवा सौ करोड़ देशवासियों का जज्बा, इरादा, कश्मीर से कन्याकुमारी तक अनुभव होता हो, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पिछले कई सालों तक जो रफ्तार नहीं था, उससे तेज गति से देश आज आगे बढ़ रहा है।

भ्रष्टाचार के चलते सरकारें बदल गईं

इन दिनों भारत में जिन विषयों पर सरकारें बदनाम होती रहीं और बदलती रहीं, उसका कारण ये नहीं था कि किसी को कुछ चाहिए था और मिला नहीं। असंतोष का कारण वो नहीं था। भारत का आम आदमी, जैसे आप लोगों में संतोष का संस्कार है। जवान बेटा मर जाएगा तो मां-बाप कहेंगे कि ईश्वर की इच्छा थी। ये हमारे सोचने की प्रकृति है। सरकारें बदलने की बड़ी वजह है भ्रष्टाचार, बेईमानी। देश के आम आदमी को नफरत है। 3 साल में अब तक इस सरकार पर दाग नहीं लगा। सरकार चलाने में भी ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं कि व्यवस्था ऐसी बने कि ईमानदारी पैदा हो। टेक्नोलॉजी इसमें बहुत बड़ा योगदान बढ़ रहा है। सामान्य आदमी का स्वभाव अच्छा है तो वो उस रास्ते पर जाना पसंद करता है, सिस्टम में जिम्मेदारी की भावना आती है। हमने देश के आम आदमी को सामान्य आदमी को मिलने वाले फायदों को डायरेक्ट ट्रांसफर स्कीम में कन्वर्ट किया।''

गैस सब्सिडी के 3 करोड़ घोस्ट क्लाइंट थे

मोदी ने कहा, "भारत में गैस सब्सिडी देते हैं। कानून एक होता है, गरीब से गरीब को भी सब्सिडी जाती है और अमीर से अमीर को भी जाती है। मैंने रिक्वेस्ट की लोगों से कि भाई अगर आपको ईश्वर ने कुछ दिया है तो आप ये सब्सिडी क्यों लेते हैं? आपका एक दिन का जेब खर्च भी इससे ज्यादा होता है। देश के सामान्य आदमी के दिल में देश को आगे बढ़ाने की इच्छा है। वो अपने आपको भागीदार बनाना चाहता है, नेतृत्व करना चाहता है। हमने सब्सिडी सरकार के खजाने में डाल दी। हमने कहा कि ये हम उन गरीब परिवारों को देंगे, जो लकड़ी का चूल्हा जलाते हैं, मेहनत करते हैं।"मेहनत होती है, लेकिन ट्रांसपेरेंसी नया विश्वास पैदा करती है। हमने बीड़ा उठाया है कि आने वाले 3 साल में 5 करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देंगे, लकड़ी के चूल्हे से मुक्त करेंगे। अभी 11-12 महीनों में करीब 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों में हमने सिलेंडर पहुंचा दिए। सब्सिडी देते थे, उसमें बदलाव किया। पहले जो बेचता था, उसे सब्सिडी जाती थी, हमने वो बंद करके, जिसके घर पर जाता है, उसे सब्सिडी दे दी। 3 करोड़ सब्सिडी के घोस्ट क्लाइंट थे, लेकिन खातों में डायरेक्ट पैसा जाने की वजह से वो बच गया और गांवों में स्कूल बन रहा है उस पैसे से।

दो साल से यूरिया के लिए किसी सीएम की चिट्ठी नहीं आई

आज हिंदुस्तान टेक्नोलॉजी को बल देते हुए व्यवस्थाओं को विकसित कर रहा है। हमारे देश में जो लोग लगातार भारत की चीजों को देखते हैं, जब खेती का सीजन आता है तो यूरिया को पाना मुश्किल होता था। मैं सीएम था तो भारत सरकार को लगातार चिट्ठी लिखता था यूरिया के लिए। जब पीएम बना तो सीएम भी मुझे ऐसी ही चिट्ठी लिखने लगे। पिछले 2 साल से एक भी सीएम यूरिया के लिए मुझे चिट्ठी नहीं लिखता है। कहीं यूरिया की कमी नहीं है, कतारें नहीं है। पहले रात-रात भर कतारें लगाते थे, सोते थे खुले में। हमने रातोंरात यूरिया के कारखाने नहीं लगाए। रातोंरात उत्पादन नहीं बढ़ा। यूरिया की हमने नीम कोटिंग कर दी। नीम के पेड़ की फली निकलती है, उसका तेल डाल दिया। यूरिया में सब्सिडी मिलती है किसानों को। सालाना 80 हजार करोड़ रुपया सब्सिडी मिलती है। पहले यूरिया केमिकल फैक्ट्री में चला जाता था। यूरिया का कोई दूसरा प्रोडक्ट बनाकर ज्यादा मुनाफा कमा लेते थे। नीम कोटिंग के बाद यूरिया का एक ग्राम भी किसी और काम में नहीं लग पाता है। नीम कोटिंग के कारण यूरिया की ताकत बढ़ गई, जो जमीन में सुधार लाता है। 5-7% तक प्रोडक्शन में बढ़ोत्तरी हुई। सब्सिडी कम हुई, किसान की दिक्कत कम हुई, उत्पादन बढ़ा। ये केवल टेक्नोलॉजी के कारण।''

प्रधानमंत्री ने बताया कि तीन साल बेमिसाल रहे हैं। आने वाला हर पल देश को ऊंचे मुकाम पर ले जाने के लिए खपाते रहेंगे। मुझे बताया गया कि फोटो सेशन होने वाला है, मैं जरूर आपके बीच में आऊंगा। इस बीच मैं मीटिंग वगैरह कर लेता हूं। आपका बहुत धन्यवाद।

हॉल में लगे मोदी-मोदी के नारे

मोदी के हॉल में पहुंचने से पहले और स्पीच के दौरान कई बार लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। यहां नमामि गंगे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिखाया गया।

सुषमा रात के 2 बजे भी विदेशों में बसे भारतीयों की मदद करती हैं: मोदी

अमेरिका में नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चाहे रात के 2 क्यों न बजे हों, सुषमा विदेशों में रह रहे भारतीयों की मदद के लिए तैयार रहती हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया पर वे लगातार अपने अफसरों को निर्देश देती हैं। मोदी ने कहा, "सोशल मीडिया आज एक ताकत बनकर उभरा है। मैं खुद भी उससे जुड़ा हूं। लेकिन सुषमा और उनके विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसका बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि सुषमा ने डिप्लोमैसी का एक मानवीय चेहरा पेश किया है। विदेश मंत्रालय देश के गरीब से गरीब शख्स से जुड़ा हुआ है। रात के 2 बजे भी अगर दुनिया के किसी हिस्से में कोई मुसीबत में हो तो 15 मिनट में सुषमा जी जवाब देती हैं और 24 घंटे के अंदर उस पर एक्शन लिया जाता है। इसे आप गुड गवर्नेंस कह सकते हैं।

राष्ट्रपति ट्रम्प से पहली मुलाक़ात 

भास्कर डॉट कॉम के अनुसार व्हाइट हाउस में सोमवार को नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की। मोदी ने ट्रम्प को भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। मोदी ने ट्रम्प की बेटी इवान्का को भी भारत इनवाइट किया। मोदी के दौरे से भारत को दो डिप्लोमैटिक कामयाबी हासिल हुईं। पहला- ट्रम्प से उनकी मुलाकात से पहले अमेरिका ने हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट करार दिया। दूसरा- मोदी-ट्रम्प के ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान का जिक्र आया।

1) महान प्रधानमंत्री हैं मोदी, उनके बारे में पढ़ता रहता हूं

ट्रम्प ने कहा, "एक महान प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वे एक महान प्रधानमंत्री हैं। मैं उनके बारे में बात और पढ़ता रहता हूं। वे शानदार काम कर रहे हैं।"

2) दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का स्वागत करना सम्मान की बात

ट्रम्प ने कहा, "मैं हमेशा आपके देश और लोगों से सीखता हूं। आपके कल्चर और ट्रेडिशन का इतिहास रहा है। ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी के नेता का स्वागत कर रहा हूं। आप व्हाइट हाउस के सच्चे दोस्त हैं।"

3) भारत की इकोनॉमी के लिए मोदी को बधाई

"भारत की दुनिया की तेजी से बढ़ रही इकोनॉमी है। कई क्षेत्रों में भारत काफी अच्छा कर रहा है। इसके लिए मैं उसे बधाई देना चाहूंगा। किसी और देश की तुलना में भारत की इकोनॉमी में ज्यादा ग्रोथ है।"

4) मोदी को सलाम

"मैं प्रधानमंत्री मोदी को सैल्यूट करता हूं। मुझे ये कहते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि मैं और मोदी सोशल मीडिया के वर्ल्ड लीडर्स हैं।"

5) हम तकरीबन हर बात पर रजामंद हैं

व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ट्रम्प ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच कभी इतनी अच्छी और मजबूत रिलेशनशिप नहीं रही, जितनी आज है। हम करीब हर बात पर रजामंद हैं। आज के दिन की बात खत्म होने पर मैं यही कहना चाहूंगा कि हम हर बात पर आपसी सहमति बनाए रखेंगे।"

ऐसी रही दोनों के बीच केमिस्ट्री

व्हाइट हाउस में मोदी और ट्रम्प ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। ज्वाइंट प्रेस स्टेटमेंट और मोदी के व्हाइट हाउस से जाते वक्त दोनों गले मिले। ट्रम्प और उनकी वाइफ मेलानिया ने रेड कारपेट पर मोदी का स्वागत किया।
भारत के फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर ने कहा, "दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त केमिस्ट्री देखने को मिली।" एक अन्य अफसर ने कहा कि नेताओं के बीच केमिस्ट्री अच्छी रहे तो बाकी सारी चीजें अपने आप सही हो जाती हैं। मोदी के वेलकम से पहले ट्रम्प ने ट्वीट कर उन्हें सच्चा दोस्त बताया था।

मोदी ने ये तोहफा दिया

मोदी ने मेलानिया को कश्मीर का हाथ से बना शॉल और हिमाचल की कांगड़ा घाटी के कारीगरों के बनाया सिल्वर ब्रेसलेट भी दिया। इसके अलावा चाय और शहद भी गिफ्ट किया।

मोदी ने ट्रम्प को अब्राहम लिंकन के निधन के बाद 1965 में जारी किया गया एक पोस्टल स्टेम्प भी दिया। इसके अलावा मोदी ने पंजाब के होशियारपुर की बनी खास लकड़ी की पेटी भी गिफ्ट की।

मोदी ने भी ट्रम्प के बारे में ये कहा

2014 में जब ट्रम्प भारत आए थे तो मेरे बारे में काफी अच्छी बातें कही थीं। पिछले साल प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के दौरान भी उन्होंने भारत को लेकर कई बातें कहीं। मैं उन सब चीजों को याद रखूंगा। मोदी ने इवांका को भारत आने का न्योता दिया। इस पर इवांका ने ट्वीट किया, "ग्लोबल आंत्रप्रेन्योर समिट में मुझे अमेरिकी डेलिगेशन के साथ इनवाइट करने के लिए शुक्रिया, प्रधानमंत्री मोदी।"

दो डिप्लोमैटिक कामयाबी

नरेंद्र मोदी के यूएस दौरे के आखिरी दिन भारत को दो डिप्लोमैटिक कामयाबी हासिल हुईं। पहला- ट्रम्प से उनकी मुलाकात से पहले अमेरिका ने हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट करार दिया। दूसरा- मोदी-ट्रम्प के ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान का जिक्र आया, जिसकी उम्मीद नहीं की गई थी। साझा बयान में कहा गया कि भारत-अमेरिका पाकिस्तान से कहना चाहते हैं कि वह दूसरे देशों में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं होने दे। इससे पहले, मोदी ने ट्रम्प के साथ पहली बार मुलाकात की। दोनों दो बार गले मिले। मोदी ने ट्रम्प, उनकी बेटी इवांका समेत पूरे परिवार को भारत आने का न्योता दिया। 

यात्रा की दस बड़ी बातें 

1) आतंकियों पर लगाम लगाए पाकिस्तान

- साझा बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष पाकिस्तान से यह कहना चाहते हैं कि वह दूसरे देशों में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं होने दे। साथ ही 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।’’

2) भारत-अमेरिका के रिश्तों पर

ट्रम्प ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते कभी इतने बेहतर नहीं रहे। भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी है। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही आपकी बराबरी कर पाएंगे। भारत और यूएस के बीच डिफेंस पार्टनरशिप बेहद अहम है। दोनों ही देशों ने आतंकवाद पर लगाम कसी है। हम दोनों देश आतंकी संगठनों और कट्टरपंथी सोच को खत्म करने के लिए कमिटेड हैं। कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करेंगे।"

3) पीएम मोदी! यहां आने के लिए शुक्रिया

ट्रम्प ने कहा- "शुक्रिया! पीएम मोदी, हमारे साथ यहां होने के लिए आपका शुक्रिया। हमारे लिए आपके देश और आपके लोगों के प्रति काफी सम्मान है। मैंने अपने कैम्पेन के दौरान कहा था कि भारत अमेरिका का सच्चा दोस्त होगा। मेरे मन में हमेशा भारत और भारतीयों के लिए गहरा सम्मान रहा है। आपके कल्चर और ट्रेडिशन का सम्मान रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से मोदी जैसे नेता का स्वागत करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मोदी और मैं दोनों सोशल मीडिया में वर्ल्ड लीडर्स हैं। मैंने अपने कैम्पेन के दौरान कहा था कि भारत अमेरिका का सच्चा दोस्त साबित होगा और वही हुआ। मोदी ने मेरी बेटी इवान्का को अमेरिकन डेलिगेशन के साथ भारत आने का न्यौता दिया है, जो कि मुझे लगता है कि उसने स्वीकार कर लिया है।"

4) मेरे और भारत के लिए अपनी भावनाएं जाहिर करने का शुक्रिया

मोदी ने कहा, " प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प, वाइस प्रेसिडेंट, लेडीज एंड जेंटलमैन और मीडिया। सबसे पहले ओपनिंग ट्वीट से लेकर हमारी वार्ता के समापन तक ट्रम्प के मित्रता भरे स्वागत, व्हाइट हाउस में शानदार अतिथि सत्कार के लिए आभार व्यक्त करता हूं। आपने मेरे लिए, भारत के लिए जो भाव व्यक्त किए, उसके लिए आभारी हूं। मैंने ट्रम्प की बेटी इवान्का को न्यौता दिया, उन्होंने स्वीकार किया। मैं उनका स्वागत करने का इंतजार कर रहा हूं। आपने (ट्रम्प) मेरे साथ इतना समय बिताया, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं।"

5) ये यात्रा दोनों देशों के इतिहास का अहम पन्ना

"ये यात्रा और बातचीत दोनों देशों के इतिहास का अहम पन्ना साबित होगी। मेरी और राष्ट्रपति की बातचीत हर तरह से बेहद अहम रही है। क्योंकि, ये विश्वास पर आधारित थी। ये हमारी वैल्यूज, प्राथमिकताओं, चिंताओं और रुचियों में समानता पर आधारित थी। ये भारत और यूएस के बीच परस्पर सहयोग और सहभागिता की चरम सीमाओं की उपलब्धि पर केंद्रित है।"

6) भारत और अमेरिका ग्रोथ के ग्लोबल इंजन

"हम दोनों ग्लोबल इंजन्स ऑफ ग्रोथ हैं। दोनों देशोें और समाजों का चहुंमुखी आर्थिक विकास और साझी प्रगति ट्रम्प और मेरा मुख्य लक्ष्य था और आगे भी रहेगा।"

7) आतंकवाद से सुरक्षा हमारी प्राथमिकता

"आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से हमारे समाजों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। मीटिंग में हमने टेररिज्म, एक्स्ट्रीमिज्म और रेडिकलाइजेशन से विश्व में पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की और अपना सहयोग बनाने पर भी सहमति बनाई। आतंकवाद से लड़ना और आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना हमारी सहभागिता का अहम हिस्सा होगा। इसमें इंटेलिजेंस और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ाएंगे, पॉलिसी कोऑर्डिनेशन को मजबूत करेंगे।"

8) अमेरिका ने भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी बढ़ाई

"सुरक्षा चुनौतियों के मुद्दे पर भी हमने चर्चा की है। अमेरिका द्वारा भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी के सशक्तिकरण की हम सराहना करते हैं। हमने हर प्रकार से अपने बीच मैरीटाइम सिक्युरिटी कोऑपरेशन को बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच डिफेंस टेक्नोलॉजी, ट्रेड तथा मैन्युफैक्चरिंग की सुदृढ़ता दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामरिक हितों पर जोर दिया है। यूनाइटेड स्टेट से मिलते लगातार समर्थन के लिए हम आभारी हैं। ये हम दोनों के हित में है। भारत और मेरे प्रति मित्रभाव के लिए मैं हृदय से धन्यवाद करता हूं। मुझे भरोसा है कि आपके नेतृत्व में हमारी म्यूचुअल बेनिफिशियल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को नई ऊंचाई मिलेगी।"

9) इंडो-पैसेफिक रीजन में शांति और खुशहाली बनाए रखेंगे

"अफगानिस्तान में आतंकवाद के कारण बढ़ती अस्थिरता हमारी समान चिंता का विषय है। हमने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और सुरक्षा में भूमिका निभाई है। हम वहां शांति और स्थिरता के लिए यूएस से क्लोज कंसल्टेशन, कम्युनिकेशन और कोऑर्डिनेशन बनाए रखेंगे। इंडो पैसिफिक रीजन में खुशहाली, शांति और स्थिरता हमारे स्ट्रैटजिक कोऑपरेशन के मुुख्य उद्देश्य हैं।"

10) उम्मीद है आप मुझे भारत में सत्कार का मौका देंगे

"भारत-अमेरिका की इस यात्रा में एक उत्तम नेतृत्व के लिए आपका आभार है। दोनों देशों की साझी विकास की यात्रा में मैं आपका ड्रिवेन, डिटरमिन और डिसाइसिव पार्टनर रहूंगा। आपसे बातचीत फलदायक रही है। मंच छोड़ने से पहले में आपको सपरिवार भारत यात्रा के लिए निमंत्रण देता हूं। उम्मीद है कि आप मुझे भारत में अपने स्वागत सत्कार का मौका देंगे।"

वाल स्ट्रीट जनरल के ओपन एडिटोरियल में मोदी ने लिखा

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाल स्ट्रीट जनरल के ओपन एडिटोरियल में लिखा कि भारत और यूएस मिलकर काम करेंगे तो इसका फायदा पूरी दुनिया को होगा। भारत और अमेरिका के बीच ग्रोइंग गवर्नेंस के बारे में उन्होंने कहा कि GST अमेरिकी बिजनेस के लिए बड़ा रिफॉर्म्स है। पूरे विश्वास के साथ वापस लौटा हूं। उम्मीद है कि आने वाले कई दशकों के दौरान हमारी एक जैसी महत्वाकांक्षाओं, मिलेजुले प्रयास और विकास के लिए नई इबारतें लिखी जाएंगी। पिछली बार जून में यूएस कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन में मैंने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते पुरानी झिझक से उबर आए हैं। एक साल बाद मैं फिर वापस आया हूं, इस विश्वास के साथ कि दोनों देशों के बीच मिलकर चलने की भावना मजबूत होगी। ये विश्वास हमारे साझा मूल्यों और तंत्र के स्थायित्व के चलते पैदा हुआ है। हमारे लोगों और संस्थानों ने मजबूती के साथ लोकतंत्र में बदलाव को पुनरुत्थान और नवीनीकरण के उपकरण के तौर पर देखा है।"

इकोनॉमी को रफ्तार

दोनों देशों के बीच ट्रेड मौजूदा समय में हर साल 115 बिलियन डॉलर यानी करीब 73.16 खरब रुपए का है। ये व्यापार कई गुना ज्यादा बढ़ाने की तैयारी है। भारतीय कंपनियों यूएस के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सैक्टर में योगदान कर रही है। करीब 15 बिलियन डॉलर करीब 9.66 खरब रुपए के इन्वेस्टमेंट के साथ उनकी प्रेजेंस 33 स्टेट्स में है। उन इलाकों में इन कंपनियों की पहुंच है, जहां इंडस्ट्री कमजोर हैं। इसी तरह अमेरिकन इंडस्ट्रीज ने भी भारत में 20 बिलियन डॉलर करीब 12.88 खरब रुपए के इन्वेस्टमेंट के जरिए ग्लोबल ग्रोथ को बढ़ाया है।

भारत के पास आतंक से लड़ने का 40 साल तक का तजुर्बा

रक्षा का क्षेत्र दोनों देशों को फायदा पहुंचाने वाला है। भारत और अमेरिका दोनों समाज और दुनिया को आतंकवाद, कट्टरपंथ से सुरक्षितकरना चाहते हैं। भारत के पास आतंकवाद से लड़ने का चार दशक का अनुभव है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम अमेरिका के साथ हैं।"

जीएसटी

इंडिया में हुए बदलावों ने अमेरिकन कंपनियों को कमर्शियल और इनवेस्टमेंट के बड़े मौके दिए हैं। जुलाई से लागू हो रहे GST ने एक ही बार में भारत को सवा सौ करोड़ लोगों को एकीकृत बाजार में बदल दिया है। 100 स्मार्ट सिटीज, पोर्ट्स का मॉडर्नाइजेशन, एयरपोर्ट्स, रोड और रेल नेटवर्क, 2022 यानी महात्मागांधी की 75वीं जयंती तक सस्ते घरों का निर्माण केवल वादे नहीं हैं। ये योजनाएं यूएस पार्टनर्स के साथ हमारे रिश्तों से होने वाले फायदों को दिखाती हैं। खरबों डॉलर कीमत वाली ये योजनाएं आने वाले दशक में दोनों देशों के लिए फायदेमंद हैं और दोनों ही देशों के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खोलती हैं।

प्रवासी भारतीय

30 लाख भारतीयों का अमेरिकी समाज में बड़ा योगदान है अमेरिका में रह रहे 30 लाख भारतीयों ने दोनों देशों को जोड़ने में अहम रोल अदा किया है। इन्होंने हमारे समाज में विशेष योगदान दिया है। पिछले दो दशक से हमारे बीच परस्पर सुरक्षा तथा विकास को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों की फलदायी यात्रा रही है। अगले कुछ दशक में इसमें और बढ़ोतरी होगी।

भारत की एनर्जी की डिमांड 

भारत की एविएशन की जरूरतें बढ़ रही हैं। गैस, न्यूक्लियर, क्लीन कोल और रिन्यूएबल एनर्जी की डिमांड भी बढ़ रही है। ये दो बड़े सेक्टर्स हैं, जिनमें साझेदारी बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में भारत 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा का एनर्जी एक्सपोर्ट अमेरिका से करेगा। इसके अलावा 200 से ज्यादा अमेरिका मेड प्लेन भारत की प्राइवेट एविएशन फ्लीट से जुड़ेंगे।"


संजय तिवारी 
लेखक भारत संस्कृति न्यास नयी दिल्ली के अध्यक्ष और अपना भारत साप्ताहिक के सम्पादक विचार हैं।

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