71 के युद्ध की शर्मनाक तस्वीर – पाकिस्तान जेलों में अघोषित युद्ध बंदी 54 भारतीय जवान !



आज देश विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई का जश्न मना रहा है। देश का खुश होना स्वाभाविक भी है। लेकिन आज इतिहास के एक काले पन्ने पर भी गौर करना जरूरी है। 1971 के भारत पाक युद्ध में जहाँ बांगलादेश का निर्माण हमारे लिए गौरवपूर्ण प्रसंग था, वहीं पाकिस्तान की जेलों में बन 54 युद्धबंदियों को भूल जाना तत्कालीन कांग्रेसी सरकार की घातक शर्मनाक अनदेखी और आपराधिक लापरवाही थी, जिसके कारण वे आज तक लौटकर अपने घर वापस नहीं आ सके। जिनके विषय में हम आज यह भी नहीं जानते कि उनमें से कितने जिन्दा हैं या कितनों ने क्या क्या नारकीय यंत्रणा सही है ! 

उल्लेखनीय है कि 1971 के भारत पाक युद्ध में बंदी बनाए गए 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों तथा 3800 भारतीय सैनिकों के प्राणों की कीमत चुका कर भारतीय सेना द्वारा कब्ज़ायी गई पाकिस्तानी भूमि को 1972 में बिना शर्त वापस करने की इंदिरा गांधी को इतनी जल्दबाजी थी कि उनको भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर हरसरन सिंह गिल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट वी वी तांबे, फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर त्यागी, भारतीय सेना के कैप्टन गिरिराज सिंह, कैप्टन कमल_बख्शी समेत उन 54 भारतीय युद्धबंदियों की रिहाई की याद तक नहीं आयी जो पाकिस्तानी जेलों में बंद थे और जिनके बंद होने के पुख्ता प्रमाण सार्वजनिक रूप से आए दिन उपलब्ध हो रहे थे। 

फ्लाइट लेफ्टिनेंट वी. वी. तांबे का नाम 5 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के ऑब्जर्वर अखबार में फ्लाइट लेफ्टिनेंट तांबे के नाम से प्रकाशित भी हुआ था। अखबार रिपोर्ट में कहा गया था कि 5 भारतीय पायलट पाकिस्तान के कब्जे में हैं.... पर पाकिस्तान ने युद्ध बंदियों की सूची में इनको नहीं दिखाया और इंदिरा गांधी ने भी उन भारतीय सैनिकों को मुक्त करवाने में कोई रूचि नहीं ली । उल्लेखनीय है कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट वी वी तांबे की पत्नी दमयंती साधारण महिला नहीं थी। 1971 में वो अंतरराष्ट्रीय ख्याति की बैडमिंटन खिलाड़ी थीं तथा बैडमिंटन की राष्ट्रीय महिला चैम्पियन थीं। अतः उन्होंने हर उच्च स्तर तक गुहार लगाई, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा।

इसी तरह युद्ध की समाप्ति के 11 दिन पश्चात 27 दिसम्बर 1971 को भारतीय सेना के मेजर ऐ के घोष का पाकिस्तान की जेल में बंदी अवस्था का चित्र विश्वविख्यात अमेरिकी पत्रिका TIMES ने प्रकाशित भी किया था। पर 93000 पाकिस्तानियों को रिहा करने का समझौता करते हुए इंदिरा गांधी को मेजर घोष याद नहीं आये ।

ज्ञात रहे कि 4 मार्च 1988 को पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत आये दलजीत सिंह ने भी बताया था कि उसने फ्लाइट लेफ्टिनेंट वीवी तांबे को लाहौर के पूछताछ केंद्र में फरवरी 1978 को देखा था। 5 जुलाई 1988 को पाकिस्तानी कैद से रिहा होकर भारत वापस लौटे मुख्तार सिंह ने बताया था कि कैप्टन गिरिराज सिंह कोट लखपत जेल में बंद हैं। मुख्तार ने 1983 में मुल्तान जेल में कैप्टन कमल बख्शी को भी देखा था। उस समय उनके मुताबिक बख्शी मुल्तान या बहावलपुर जेल में हो सकते थे । इसी तरह के कई और चश्मदीद लोगों की रिपोर्ट भी अलग अलग समय पर उन 54 भारतीय युद्धबंदियों के परिजनों के पास लगातार आती रहीं । 

फ्लाइंग ऑफिसर सुधीर त्यागी का विमान भी 4 दिसंबर 1971 को पेशावर में फायरिंग से गिरा दिया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। अगले दिन पाकिस्तान रेडियो ने इस बारे में घोषणा की थी तथा पाकिस्तानी अखबारों ने भी इस खबर को छापा था। इसके बावजूद पाकिस्तान लगातार यही कहता रहा कि ये 54 लोग उसकी जेलों में बंद नहीं हैं, जबकि उनके परिजनों का मानना था कि ये लोग पाकिस्तान की जेलों में कैद हैं।

2011 में तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर ने एक प्रश्न के जबाब में संसद में बताया कि पाकिस्तानी जेलों में 662 भारतीय कैदी बंद हैं, जिनमें से 54 कैदी 1971 के कैदी हैं | दुःख की बात यह है कि आम भारतीय को यह ज्ञात ही नहीं है कि 1971 के युद्ध में देश का भूगोल बदलने वाले कितने रणबाँकुरे पाकिस्तानी जेलों में नारकीय जीवन गुजार रहे हैं या अपनी जीवन यात्रा समाप्त कर चुके हैं | पाकिस्तान के साथ जब भी चर्चा हुई, सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, आतंकवाद या व्यापार ही मुख्य मुद्दे रहे, लेकिन इन फौजियों की याद नहीं की गई | 

मेजर अशोक कुमार सूरी के पिता डॉ. आर. एल. सूरी को 1974 और 1975 में अपने बेटे द्वारा लिखित दो पत्र भी मिले, जिनमें उन्होंने स्वयं को 20 अन्य भारतीय फौजियों के साथ पाकिस्तानी जेल में होने का खुलासा किया | पत्र का बाकायदा हस्तलिपि परीक्षण हुआ, जिसमें सिद्ध हुआ कि वह पत्र स्वयं मेजर सूरी ने ही लिखा था | 1979 में डॉ. सूरी को एक अनजान व्यक्ति ने फोन कर सूचना दी कि उनके पुत्र को उत्तर पश्चिम सीमांत प्रदेश की किसी जेल में भेज दिया गया है | 

बीबीसी संवाददाता विक्टोरिया शोफील्ड ने जुल्फिकार अली भुट्टो की गिरफ्तारी और उनकी फांसी को लेकर एक पुस्तक लिखी है – भुट्टो, ट्रायल एंड एक्जीक्यूशन | इस पुस्तक में वर्णित है कि जब भुट्टो कोटलखपतराय जेल में बंद थे, तब भुट्टो के वकील उनसे मिलने जाया करते थे और उन्हें पडौस की बैरक से ह्रदयविदारक चीखें सुनने को मिलती थीं | वकील ने जब पता करने की कोशिश की तो उसे ज्ञात हुआ कि ये चीखें 1971 के भारतीय युद्ध बंदियों की थीं, जो लगातार उत्पीडन का शिकार हो रहे थे | 

भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मानते रहे हैं कि हमारी फ़ौज के कई जवान पाक जेलों में नारकीय जीवन भोग रहे हैं | उन्हें शारीरिक यातनाएं झेलनी पडी हैं | करनाल के करीम बख्श और पंजाब के जागीर सिंह का पाक जेलों में लंबी बीमारी व पागलपन के कारण निधन हो गया | उस दौरान युद्धबंदी बना सिपाही धर्मवीर 1981 में तब छोड़ा गया, जब उसका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका था | 

जब भी इन फौजियों की बात उठती है, तब पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल दिखाने के नाटक कर दिए जाते हैं, भारतीय प्रतिनिधि मंडल को कभी अनुमति नहीं दी गई | विंग कमांडर अभिनन्दन की वापसी के बाद काश अब उन युद्ध बंदियों की रिहाई के लिए भी कोई आवाज उठे |

प्रस्तुत है उन 54 युद्धबंदियों की पूरी सूची जो सत्ताधीशों की शर्मनाक अनदेखी और आपराधिक लापरवाही के कारण आजतक लौटकर अपने घर वापस नहीं आ सके..... 

Indian Army- 

1. Major SPS Waraich IC-12712 15 Punjab 

2. Major Kanwaljit Singh Sandhu IC-14590 15 Punjab 

3. 2/Lt Sudhir Mohan Sabharwal SS-23957 87 Lt Regiment 

4. Capt Ravinder Kaura SS-20095 39 Med Regiment 

5. Capt Giri Raj Singh IC-23283 5 Assam 

6. Capt Om Prakash Dalal SS-22536 Grenadiers 

7. Maj AK Ghosh IC-18790 15 Rajput 

8. Maj AK Suri SS-19807 5 Assam 

9. Capt Kalyan Singh Rathod IC-28148 5 Assam 

10. Major Jaskiran Singh Malik IC-14457 8 Raj. Rifles 

11. Major SC Guleri IC-20230 9 Jat 

12. Lt Vijay Kumar Azad IC-58589 1/9 G R 

13. Capt Kamal Bakshi IC-19294 5 Sikh 

14. 2/ Lt Paras Ram Sharma SS-22490 5/8 G R 

15. Capt Vashisht Nath 

16. L/Hv. Krishna Lal Sharma 13719585 1 JAK RIF 

17. Subedar Assa Singh JC-41339 5 Sikh 

18. Subedar Kalidas JC-59 8 JAKLI 

19. L/Nk Jagdish Raj 9208735 Mahar Regiment 

20. L/Nk Hazoora Singh 682211303 

21. Gunner Sujan Singh 1146819 14 Fd Regiment 

22. Sepoy Daler Singh 2461830 15 Punjab 

23. Gnr Pal Singh 1239603 181 Lt Regiment 

24. Sepoy Jagir Singh 2459087 16 Punjab 

25. Gnr Madan Mohan 1157419 94 Mountain Regiment 

26. Gnr Gyan Chand Gnr Shyam Singh 

27. L/Nk Balbir Singh S B S Chauhan 

28. Capt DS jamwal 81 Field Regiment 

29. Capt Washisht Nath Attock 

Indian Air Force- 

30. Sq Ldr Mohinder Kumar Jain 5327-F(P) 27 Sqn 

31. Flt Lt Sudhir Kumar Goswami 8956-F(P) 5 Sqn 

32. Flying Officer Sudhir Tyagi 10871-F(P) 27 Sqn 

33. Flt Lt Vijay Vasant Tambay 7662 –F(P) 32 Sqn 

34. Flt Lt Nagaswami Shanker 9773-F(P) 32 Sqn 

35. Flt Lt Ram Metharam Advani 7812-F(P) JBCU 

36. Flt Lt Manohar Purohit 10249(N) 5 Sqn 

37. Flt Lt Tanmaya Singh Dandoss 8160-F(P) 26 Sqn 

38. Wg Cdr Hersern Singh Gill 4657-F(P) 47 Sqn 

39. Flt Lt Babul Guha 5105-F(P) 

40. Flt Lt Suresh Chander Sandal 8659-F(P) 35 Sqn 

41. Sqn. Ldr. Jal Manikshaw Mistry 5006-F(P) 

42. Flt Lt Harvinder Singh 9441-F(P) 222 Sqn 

43. Sqn Ldr Jatinder Das Kumar 4896-F(P) 3 Sqn 

44. Flt Lt LM Sassoon 7419-F(P) JBCU 

45. Flt Lt Kushalpal Singh Nanda 7819-F(N) 35 Sqn 

46. Flg Offr. Krishan L Malkani 10576-F(P) 27 Sqn 

47. Flt Lt Ashok Balwant Dhavale 9030-F(P) 1 Sqn 

48. Flt Lt Shrikant C Mahajan 10239-F(P) 5 Sqn 

49. Flt Lt Gurdev Singh Rai 9015-F(P) 27 Sqn 

50. Flt Lt Ramesh G Kadam 8404-F(P) TACDE 

51. Flg Offr. KP Murlidharan 10575-F(P) 20 Sqn 

52. Naval Pilot Lt. Cdr Ashok Roy 

53. Sqn Ldr Devaprasad Chatterjee 

54. Plt Offr Tejinder Singh Sethi 

पुनश्च - सेना अपने उन लापता सेनानियों को कभी नहीं भूली, यही कारण है कि नेशनल डिफेंस एकेडमी खडकवासला की केडेट मेस में एक टेबिल उनकी याद में हमेशा खाली छोडी जाती है |




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