लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का वास्तविक उद्देश्य - दिवाकर शर्मा



संभवतः आपको स्मरण होगा कि जैसे ही मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को प्रथक प्रथक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की, बैसे ही रोते हुए फारुख अब्दुल्ला सामने आये और बोले - जिस्म से रूह को अलग किया जा रहा है | ऐसा क्यों कहा फारुख अब्दुल्ला ने ?

दरअसल वे इसका कूटनीतिक महत्व जानते हैं | आईये थोड़े विस्तार से इसकी मीमांसा करें !

"वास्तव में जम्मू कश्मीर का सामरिक महत्व जम्मू के कारण नहीं, कश्मीर के कारण नहीं, लद्दाख के कारण नहीं, बल्कि गिलगित-बाल्टिस्तान के कारण है !" गिलगित जो अभी POK में है विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों से जुड़ा हुआ है अफगानिस्तान, तजाकिस्तान(जो कभी Russia का हिस्सा था), पाकिस्तान, भारत और तिब्बत -चाइना !

भारत पर जितने भी आक्रमण हुए यूनानियों से लेकर आज तक (शक , हूण, कुषाण , मुग़ल ) वह सारे गिलगित से हुए | किसी समय इस गिलगित में अमेरिका बैठना चाहता था, ब्रिटेन अपना बेस गिलगित में बनाना चाहता था , रूस भी गिलगित में बैठना चाहता था, यहां तक कि पाकिस्तान ने तो 1965 में गिलगित रूस को देने का वादा तक कर लिया था | आज चाइना गिलगित में बैठना चाहता है और वह अपने पैर पसार भी चुका है |

भारत को अगर सुरक्षित रहना है तो हमें गिलगित-बाल्टिस्तान किसी भी हालत में चाहिए | क्या आपको पता है गिलगित से सड़क मार्ग द्वारा आप विश्व के अधिकांश कोनों में जा सकते हैं गिलगित से दुबई, रूस, सेन्ट्रल एशिया, लंदन यूरेशिया, यूरोप, अफ्रीका सब जगह जा सकते है |

आप हैरान हो जाएंगे वहां बड़ी -बड़ी 50-100 यूरेनियम और सोने की खदाने हैं, और सबसे बड़ी बात गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग जबरदस्त पाक विरोधी हैं |

जम्मू कश्मीर का कुल क्षेत्रफल 79000 वर्ग किलोमीटर है, उसमें कश्मीर का हिस्सा तो सिर्फ 6000 वर्ग किलोमीटर है और 9000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा जम्मू का है, जबकि 64000 वर्ग किलोमीटर हिस्सा लद्दाख का है और उसी का एक हिस्सा है गिलगित-बाल्टिस्तान | यह कभी कश्मीर का हिस्सा नहीं था यह लद्दाख का हिस्सा था, वास्तव में सच्चाई यही है | मोदी यह बात जानते हैं और देश को भी जानना चाहिए कि स्वयं ब्रिटिश संसद ने मार्च 2017 में एक प्रस्ताव पारित कर गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे को अवैध बताया है| 

पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान समेत PoK पर अवैध कब्जा कर रखा है| मजे की बात तो यह है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर तो कवायलियों ने हमला कर कब्जा किया था, किन्तु गिलगित - बाल्टिस्तान तो बैसे ही हमारे हाथ से निकल गया | 1947 में विभाजन के समय यह क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर की तरह न तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का. 1935 में ब्रिटेन ने इस हिस्से को गिलगित एजेंसी को 60 साल के लिए लीज पर दिया था, लेकिन इस लीज को एक अगस्त 1947 को रद्द करके क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया गया |

शायद अब आपकी समझ में आ गया होगा कि लद्दाख को जम्मू कश्मीर से प्रथक क्यों किया गया है | पाकिस्तान में भी गिलगित-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर राज्य का भाग नहीं है, बल्कि वह सीधे तौर पर पाकिस्तान की केंद्र सरकार के ही अधीन है | संभवतः प्रधान,मंत्री श्री नरेंद्र मोदी अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यही स्वर गुंजाने वाले हैं कि कश्मीर विवादस्पद हो सकता है, लेकिन गिलगित-बाल्टिस्तान तो निर्विवाद रूप से भारत का ही भाग है और उस पर से पाकिस्तान को कब्ज़ा छोड़ना चाहिए | वहां के लोग भी यही चाहते हैं | 

तो अब्दुल्ला का रोना समझ में आता है |

गिलगित-बाल्टिस्तान के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ -

गिलगित -बाल्टिस्तान , लद्दाख के रहने वाले लोगो की औसत आयु विश्व में सर्वाधिक है यहाँ के लोग विश्व अन्य लोगो की तुलना में ज्यादा जीते है l

भारत में आयोजित एक सेमिनार में गिलगित-बाल्टिस्तान के एक बड़े नेता को बुलाया गया था उसने कहा कि "we are the forgotten people of forgotten lands of BHARAT" | उसने दुःख जताया कि दुर्भाग्य से हमारा देश हमारी बात ही नहीं जानता | गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की सेना कितने अत्याचार करती है लेकिन आपके किसी भी राष्ट्रीय अखबार में उसका जिक्र तक नहीं आता है |

गिलगित- बाल्टिस्तान में अधिकांश जनसंख्या शिया मुसलमानों की है और वह सभी पाक विरोधी है वह आज भी अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे हैं, वास्तव में पूरे देश में इसकी चर्चा होनी चाहिए | क्योंकि सबसे बड़ी बात यह कि वे भारत को ही अपना देश मानते हैं |

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कभी POK - गिलगित-बाल्टिस्तान को पुनः भारत में लाने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया प्रयास तो बहुत दूर की बात है | आशा है कि मेरे द्वारा व्यक्त प्रमाणों पर आधारित अनुमान सत्य सिद्ध होगा और जल्द ही हम गिलगित - बाल्टिस्तान को चर्चा का केंद्र बिंदु बनते देखेंगे |
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