फरीदाबाद में दो परिवारों के झगड़े को सवर्ण दलित के बीच का संघर्ष बताने की मुहीम चालू

जानिये फरीदाबाद में क्यों बच्चों समेत जिंदा जला दिया गया दलित परिवार?

फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव में एक दलित परिवार के मकान में रात के समय अज्ञात लोगों ने आग लगा दी | मकान के अन्दर फंस गए दो बच्चों की इस घटना में मौत हो गई जबकि बालिग़ पति-पत्नी घायल हो गए । इसके साथ ही इस दुर्घटना पर राजनीति शुरू हो गई | हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है। गांववालों का कहना है कि यह झगड़ा सिर्फ दो परिवारों का है, जिसके चलते पिछले एक साल से गांव का माहौल खराब हुआ है। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इसके बाद भी मुख्य मंत्री और भाजपा पर निशाना साधना शुरू हो गया |

क्या है सचाई ?

सुनपेड़ गांव में करीब 20 फीसदी आबादी दलितों की है और 60 फीसदी सवर्ण हैं। अक्टूबर 2014 में गांव के सवर्ण और दलित परिवार के कुछ लड़कों के बीच एक मोबाईल को लेकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद 5 अक्टूबर 2014 को दलित जितेन्द्र के परिवार के कुछ लोगों ने तीन सवर्ण लड़कों भरतपाल, मोहन और पप्पी की हत्या कर दी जबकि इस घटना में तीन सवर्ण घायल भी हुए थे। इस मामले में 11 दलितों को गिरफ्तार किया था।
अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि आग कैसे लगी, किसने लगाई | केवल अनुमान को ही प्रमाण मानकर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं | घायल जितेन्द्र का आरोप है कि मंगलवार की सुबह करीब 3 बजे उसके घर में कई सवर्ण जाति के लोग दाखिल हुए और पेट्रोल डालकर उनके परिवार को जिन्दा जला दिया। इस घटना में जितेन्द्र का दो साल का बेटा वैभव और करीब एक साल की बेटी दिव्या की मौत हो गई जबकि पत्नी रेखा और वह खुद घायल है।
वहीं सवर्ण छिद्दा सिंह का परिवार जिस पर जितेन्द्र के परिवार को जिंदा जलाने का आरोप लगा है उनके परिवार का कहना है कि दलित जितेन्द्र के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

छावनी में तब्दील गांव

घटना के बाद पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। घटना की जगह पर फोरेंसिक एक्सपर्ट ने जांच की। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई चश्मदीद नहीं मिला जिसने आरोपियों को देखा हो। चौंकाने वाली बात यह है कि जितेन्द्र के परिवार को एक साल से सुरक्षा में छह पुलिसकर्मी मिले थे, लेकिन उनकी मौजूदगी में कैसे किसी ने इस वारदात को अंजाम दे दिया।

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