शरीयत का प्रचार करने वाली मुस्लिम मौलवियों की सबसे शक्तिशाली संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जो कुछ कहा वह सीधे भारत की संप्रभुता को चुनौती...
अपने दायरे में मुसलमान शौक से शरिया के अनुसार खाएं, पियें, सोयें, सपने देखें, शादी करें, पूजा करें या मरें, कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर वे भारतीय वैध संविधान के खिलाफ और न्यायपालिका के खिलाफ इस प्रकार जिहाद चलाएंगे तो यह एक चुनौती मानी जायेगी, और इसे भारतीय समाज कभी बर्दास्त नहीं करेगा, इस चुनौती का मुंहतोड़ जबाब देगा |

मध्यप्रदेश समाचार
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