कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका का दोहरा चरित्र – राजीव जी दीक्षित

1971 में भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग करवा दिया ! तो अब पाकिस्तान षड़यंत्र करके भारत का जम्मु और कश्मीर अलग करवाना चाहता है ! इसी लिए 1971 के बाद पाकिस्तान में जितने भी शासक हुए उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा दिया हे और आज आतंकवाद वहाँ इतना बढ़ चुका है कि अब तक हमारे एक लाख से ज्यादा जवान उसमे शहीद हो चुके हे ! जम्मु कश्मीर हमारे देश में रहे इसके लिए हमारे देश में संविधान बदल गया है !

संविधान में एक Article 370 दाखिल किया गया उसके तहत जम्मु कश्मीर को एक देश का दर्जा दिया गया है ! भारत का सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला सुनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता !

भारत की संसद जो भी कानून बनाये जम्मु कश्मीर में वो लागु नहीं होता ! हमारी संसद जो कानून बनाती हे उस कानून का जब आप पहला पन्ना पढेंगे उसमे पहले ही वाक्य में कहा जाता हे Except Jammu and Kashmir. मतलब ये कानून बनाया जा रहा हे जम्मु कश्मीर को छोड़कर !

हमारी सरकार ने आज़ादी के 64 साल बाद ऐसे कई कानून बनाये हे जो आप पर लागु है , हम पर लागू है, सारे देश पर लागू  है लेकिन जम्मु कश्मीर के ऊपर लागू नहीं है ! 

उनके कानून उनकी संसद में जिनको वो Assembly कहते है वहाँ बनते है ! भारत की संसद मे नहीं बनते !

आपको शायद मालूम नहीं होगा की आज़ादी के कई सालो बाद तक जम्मु कश्मीर के मुख्यमंत्री को “सदरे रियासत “ कहा जाता था जिसको हिंदी में प्रधानमंत्री कहते है ! उनका झंडा अलग हे भारत का झंडा अलग हे ! उनका कानून अलग है भारत का कानून अलग है ! उनका संविधान अलग हे भारत का संविधान अलग हे ! फिर हमारी सरकार कहती हे की, “Jammu and Kashmir is the INTEGRAL PART OF INDIA (जम्मु कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हे )” यह भारत सरकार हमें मुर्ख बनाने के लिए कह रही है ताकि हम जम्मु कश्मीर को भारत मे विलय के लिए बगावत ना करे !

आपको सुनकर हेरानी होगी की भारत सरकार आपके लिए कोई भी खर्चा करे उसकी पाई पाई का हिसाब CAG (Controller Auditor General of India) रखता है !

लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगो के ऊपर हजारों साल से करोडो रुपये खर्च होता है उसका हिसाब किसी के पास नहीं है ! क्योकि जम्मू कश्मीर का हिसाब दिल्ली में नहीं रखा जाता उनका हिसाब जम्मू कश्मीर की सरकार के पास रखा जाता है ! CAG (Controller Auditor General of India) को जब पूछा गया कि जम्मू कश्मीर कि सरकार ने आजतक कितना पैसा कहाँ खर्च किया है इसका हिसाब दो ? तो जवाब आया हमारे पास नहीं है कश्मीर की सरकार को पूछो ! और जब कश्मीर की सरकार को चिठी लिखी गई ! तब वहाँ से जवाब आया, कि हम किसी भारतवासी को अपना हिसाब बताने के लिए मजबूर नहीं है ! वो मानते ही नहीं की हम भारत का अंग है ! हम जबर दस्ती कहते है कि यह भारत का अंग है !

पाकिस्तान वहा जबरदस्ती आतंकवादी भेजता हे, उनके लिए पैसे उपलब्ध कराता रहता हे ! आपको क्या लगता हे पाकिस्तान (जो खुद भुखमरी के कगार पर खड़ा हे) ! जिसका 95 % बजट विदेशी कर्जे पर बनता है ! जो सुई भी खुद नहीं बना सकता ! उसमे उतनी ताकत हे की वो 60 सालो तक आतंकवादी ओ को पैसा भेज सके ?

आपको शायद पता होगा की पाकिस्तान में इतना दम नहीं हे लेकिन पाकिस्तान को ये सब करने के लिए अमरीका उकसाता रहता है और हर साल उसको साहयता के नाम पर करोडो रूपये उपलब्ध कराता रहता है और पाकिस्तान वो पैसा जम्मू कश्मीर में भेजता है और आखिर वो पैसा लश्करे तैयबा, जैश ए मोहमद, हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठनो को पैसा मिलता है और इस पैसे से वो सारे देश में बम ब्लास्ट करते है !

हमारी आर्मी की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में जो भी सभी आतंकवादी गतिविधि करते हे वो सब विदेशो से घुसाए गए है ! पाकिस्तान से और अफगानिस्तान से रोज आ रहे हैं ! और पेसो की लिए यह सब करते हे ! हमारी सरकार भी कैसी विचित्र है जम्मु कश्मीर में एक संगठन हे उसका नाम हे हुर्रियत कोन्फेरेंस यह छोटी छोटी पार्टियो का एक बड़ा समूह हे ! इस हुर्रियत कोन्फेरेंस में एक आदमी हे उसका नाम हे यासीन मलिक आपने शायद टीवी पर देखा हो ! उस यासीन मलिक को जानबूझ कर भारत सरकार ने सुपर हीरो बनाकर रखा है, क्यों ?

भारत सरकार जब भी बातचीत करती है ! यासीन मालिक से ही करती है ! इन चक्करों में अखबारों में नाम आता है, टीवी की चर्चा में नाम आता है और वो चर्चा में चढ़ता ही चला जाता है वो चर्चा फिर अमरिका तक जाती हे और बाद में अमरीका की सब N.G.O. से सीधा पैसा उसको आना शरू हो जाता है ! आप पूछेंगे की अमरीका को क्या Interest हे ?

भारत का जो जम्मु कश्मीर हे वो अमरीका को चाहिए पाकिस्तान के लिए तो ये कुछ इतना काम का नहीं है ! पाकिस्तान खुद अपने देश को संभाल नहीं पा रहा है ! जो हमारा छीना हुआ कश्मीर उसके पास है ! वही उससे संभाला नहीं जो रहा ! जम्मु और कश्मीर को क्या संभालेगा !

अमरीका को इसलिए चाहिए क्योकि जम्मु कश्मीर की सीमा चीन से लगी हुई है ! अमरीका और चीन का पुरानी दुश्मनी है ! तो अमरीका की योजना हे की एक दिन चीन पर हमला करना हे जैसा इराक पर किया तो हमला करने के लिए अमरीका के जहाजों को एक ऐसा ग्राउंड चाहिए जहाँ से हवाई जहाज उड़े और चीन पर जाकर मिसाइल डाले और वो स्थान जम्मु में है ! आपके मन मे सवाल आएगा, कि राजीव भाई किस आधार पर कहते है ? कि अमेरिका को कश्मीर पर कब्जा कर वहाँ सैनिक अड्डा बनाना है ?


ध्यान से पढे !

कुछ साल पहले अमेरिका कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारत आई और हमारे यहाँ एक tv चैनल जिसका नाम आजतक है ! आजतक के प्रभु चावला ने उसका interview लिया !

और interview मे एक ऐसा सवाल पूछा, जिसके जवाब में गलती से हिलेरी क्लिंटन ने सच बता दिया !! (कई बार ऐसा हो जाता मुह से कोई छुपाने वाली बात सच निकाल जाती है !)

प्रभु चावला ने पूछा कि ‘अमेरिका ने पिछले 50 साल मे united nation मे कश्मीर मुद्दे पर भारत का हमेशा विरोध किया है पाकिस्तान का साथ दिया है क्यूँ ???’
(आप जानते है 1952 -53 से जम्मू कश्मीर का मुद्दा united nation मे है ! युद्ध मे तो भारतीय सेनिकों ने पाकिस्तान को बुरी रोंद दिया था और यदि दो दिन और मिलते तो लाहौर भी भारत मे आ जाता ! तब नेहरू को internationalism याद आ गया ! और बिना मतलब के मुद्दा united nation मे ले जाया गया और तब से अमेरिका उसको दबा कर बैठा है और हमेशा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देता गया !)

तो प्रभु चावला ने पूछा ! एक तरफ आप कहते है भारत से रिश्ते अच्छे बनाने है और आपने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है ! आखिर आप चाहते क्या है ? 

तब हिलेरी क्लिंटन ने गलती से बोल दिया कि हमारी अमेरिका की संसद मे प्रस्ताव पारित हुआ है कि जम्मू कश्मीर पर हमे सेनिक अड्डा बनाना है ! 

हिलेरी क्लिंटन से पूछा प्रस्ताव कब पारित हुआ था ? 

हिलेरी क्लिंटन ने जवाब दिया 1989 मे ! हिलेरी क्लिंटन से पूछा गया प्रस्ताव नंबर ? तब अचानक हिलेरी क्लिंटन को लगा कुछ गलत बोल दिया है, तब उसने बात को घुमा दिया और कहा मुझे ज्यादा नहीं मालूम ! बस ऐसा है वैसा है !

राजीव भाई वो interview सुन रहे थे ! तो उन्होने बिना देरी किए हुये अमेरिका मे अपने कुछ दोस्तो को फोन लगाया और कहा ! पता करो 1989 मे अमेरिका कि संसद मे ऐसा कौन सा प्रस्ताव पारित हुआ ?

जिसने कहा गया अमेरिका को जम्मू कश्मीर चाहिए वहाँ सेनिक अड्डा बनाने के लिए ? तो पता चला प्रस्ताव का नंबर है 657 और 1989 को अमरीकी संसद मे पास हुआ और उसमे कहा गया है कि एक न दिन तो अमेरिका को जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर सैनिक अड्डा बनाना ही है !

क्यूँ ?

कारण एक ही है ! जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा इलाका है ! जहां अमेरिका सैनिक अड्डा बनाकर चीन, भारत और पाकिस्तान तीनों पर नजर रख सकता है और भविष्य मे कभी चीन पर हमला करना पड़े तो उससे बढ़िया को स्थान नहीं ! अतः अमरीका को ये चाहिए ! अमरीका तो बंदूक चला रहा हे पाकिस्तान के कंधे पर रखके और ये बंदूक है कि जम्मु कश्मीर भारत से अलग हो जाये ! अपना खुद देश बना ले (जेसे बांग्लादेश बना ) ! अमरीका उसको सहायता देकर अपने प्रभाव में ले लेगा और वहा सैनिक अड्डा बनाएगा और वो सैनिक अड्डा एक दिन चीन के विरुद्ध काम आयेगा ! ये राजनीती चल रही हे भारत को बर्बाद करने के लिए !

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