आँख बंद कर आरएसएस की आलोचना न करें - मार्क टुली


मीडिया और आलोचकों को चाहिए कि वे आँख बंद कर आरएसएस की आलोचना न करें ! श्री राजीव कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “Modi & His Challenges” के लोकार्पण के अवसर पर बोलते हुए बीबीसी के पूर्व दिग्गज मार्क टुली ने यह बात कही ।

स्मरणीय है कि बीबीसी आइकन मार्क टुली की आवाज कई वर्षों तक भारत में विदेशी मीडिया का चेहरा रही है, इसलिए जब वे यह बात कहते हैं कि आलोचकों द्वारा आरएसएस की अंधी आलोचना एक प्रकार से वैचारिक उत्पीड़न है, जिसे बंद कर पहले उसके साथ जुड़कर उसे नजदीक से देखना चाहिए, तो उसका विशेष महत्व है ! श्री राजीव कुमार की यह पुस्तक इसी धरातल पर लिखी गई है, मार्क टुली ने इस विचार का समर्थन किया ।

पुस्तक शुभारंभ के अवसर पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस एकमात्र ऐसा संगठन है जो किसी भी संकट के समय पीड़ितों के पास सबसे पहले पहुंचता है, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संकट के समय समाज के वर्गों में कभी भेद नहीं किया ! उन्होंने कहा कि आरएसएस ने हममें से किसी को कभी नहीं कहा कि हम किसी समुदाय या अन्य धर्मावलम्बियों में किसे पसंद करे या किसे नापसंद करें ।

‘Modi & His Challenges’ पुस्तक में मोदी सरकार के विगत दो वर्षों के कार्यकाल का तथ्यात्मक मूल्यांकन किया गया है । इसमें न केवल मोदी जी के सम्मुख उपस्थित विभिन्न चुनौतियों की मीमांसा की गई है, बल्कि उनको लेकर मोदी के दृष्टिकोण को भी समझा गया है, और कुछ पर सुधार हेतु सुझाव भी दिए गए हैं ।

राजीव कुमार, सीपीआर में वरिष्ठ फेलो और अर्थशास्त्री हैं ! अब तक वे भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कई किताबें लिख चुके हैं । साथ ही डॉ कुमार पुणे के गोखले इंस्टीटयूट ऑफ़ इकोनोमिक्स एंड पोलिटिक्स के चांसलर तथा एक गैर लाभकारी शोध संगठन पहल के संस्थापक निदेशक भी है, जिसे नीति उन्मुख अनुसंधान और विश्लेषण करने में महारत प्राप्त है ।

नरेंद्र मोदी के चारों ओर मिथकों को तोड़ने के प्रयास में, लेखक ने अपनी इस पुस्तक के माध्यम से मोदी जी के दिल्ली में पिछले दो साल से अधिक के कार्यकाल, उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं, पार्टी के भीतर उनके विकास, गुजरात में उनके उल्लेखनीय कार्यकाल और उनके प्रदर्शन की एक प्रकार से रोचक यात्रा ही पाठकों को करा दी है ।

लेखक के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के रूप में श्री नरेंद्र मोदी के सम्मुख कई विकट चुनौतियों हैं, देश एक जटिल संक्रमण काल से गुजर रहा है । लेखक ने सुझाव दिया है कि श्री मोदी सक्षम भारत निर्माण के अपने वादे को पूरा करें, जिससे भारत अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कर सके ।

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