शिवपुरी - बाल आयोग जानेगा बच्चों के 'मन की बात'


शिवपुरी- अक्सर देखने में आया है कि बच्चे अपने मन की बात कहने में संकोच करते है इस समस्या के समाधान के लिए बाल संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों के लिए पोस्टकार्ड अभियान और मन की बात कार्यक्रम की शुरूआत इस स्वतंत्रता दिवस से की है इसमें बच्चों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाएगा और हर संभव मदद कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। इसके अलावा मीडिया द्वारा मिलने वाली बाल उत्पीडऩ संबंधी शिकायतों को आयोग प्रमुखता से लेता है जिसका परिणाम है कि अब तक आयोग द्वारा इस तरह के मामले सामने आने पर 100 से अधिक खत लिखे जा चुके है, स्कूली शिक्षा को सुधारने के लिए शिक्षा आयोग गठित हो इसके लिए प्रयास जारी है। उक्त बात कही मप्र बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ.राघवेन्द्र शर्मा ने जो स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे। इस अवसर पर सीब्डल्यूसी अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, सदस्य विनय राहुरीकर, महिला सशक्तिकरण विभाग से लेखापाल नीतेश शर्मा, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य रंजीत गुप्ता प्रमुख रूप से मौजूद थे। 

बाल संप्रेक्षण को बनाया बाल सुधा गृह

प्रेसवार्ता में आयोग अध्यक्ष डॉ.राघवेन्द्र शर्मा ने बताया कि मप्र में अब तक लगभग 23 बाल संप्रेक्षण गृह संचालित है जिन्हें हमन बाल सुधार गृह नाम दिया है ऐसे बाल सुधार गृह शिवपुरी सहित संपूर्ण मप्र के 51 जिलों मे भी खोले जाए इसके लिए निरंतर प्रयास जारी है। इसके साथ ही बच्चों के लिए पोस्टकार्ड अभियान चलाया गया है जिसमें बच्चे अपने स्कूल, परिवार या समाज में अपने आप को किसी प्रकार से प्रताडि़त महसूस करते है तो वह लिखित शिकायत कर आयोग को डाक के माध्यम से भेज सकते है। बाल आयोग में सुधार व समाजसेवी संस्थाओ से भी इन पोस्टकार्ड के माध्यम से सहयोग की अपील की गई है और वह भी बच्चों से संबंधित, निजी व सरकारी स्कूलों में होने वाली समस्याओं को लेकर शिकायत भेज सकते है। 

स्कूली समस्याओ के लिए बने शिक्षा आयोग

निजी स्कूलो की मनमानी, आरटीई का लाभ दिलाने और मिशनरी स्कूलों के हठधर्मिता को रोकने संबंधी सवाल पर बाल आयोग अध्यक्ष डॉ.राघवेन्द्र शर्मा ने कहा कि इसको लेकर विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है और इसके लिए शिक्षा आयोग गठित किया जाए को लेकर काम कर रहे है यहां शिक्षा आयोग से जुड़ी समस्याओं को ही सामने लाया जाएगा। जिसमें निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक लगे, आरटीई का लाभ सभी वर्ग के बच्चों को मिले और मिशनरी स्कूल के नियमों में भी बदलाव आए इसको लेकर हम काम कर रहे है। इसके अलावा निजी व सरकारी स्कूलों में शिकायत पेटी भी लगाई जाएगी और उसे ह ते में एक बार खोला जाएगा जिसमें समस्या आने पर संबंधित से जबाब-तलब किए जाऐंगे और बच्चों को न्याय प्रदान किया जाएगा।

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