ग्वालियर - कमिश्नर श्री रूपला ने किए 4 अधिकारियों की विभिन्न आरोपों में एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश पारित

ग्वालियर संभाग के कमिश्नर श्री शिवनारायण रूपला ने अपने न्यायालय से विभिन्न आरोपों में चार अधिकारियों के खिलाफ म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 (क) सहपठित नियम 10 (4) के तहत कार्यवाही करते हुए चारों अधिकारियों की एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश पारित किए हैं। 

जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, उनमें जनपद पंचायत पोहरी जिला शिवपुरी के उपयंत्री राजेन्द्र तिवारी, महिला बाल विकास परियोजना मुरार की परियोजना अधिकारी श्रीमती रेखा दीक्षित, सिविल डिस्पेंसरी ठाठीपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीमती साधना सिंह और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वीरपुर जिला ग्वालियर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. के के गुप्ता शामिल हैं। 

जनपद पंचायत पोहरी के उपयंत्री राजेन्द्र तिवारी पर आरोप था कि इनके द्वारा अंकेक्षण कराने के लिये ग्राम पंचायतों का अभिलेख उपलब्ध कराना था। किंतु उपयंत्री द्वारा मूल अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया। इनके द्वारा सीईओ जनपद पंचायत पोहरी और सहायक यंत्री के आदेशों की अवहेलना की गई। 

इसी तरह महिला बाल विकास परियोजना मुरार की परियोजना अधिकारी श्रीमती रेखा दीक्षित के कार्य क्षेत्र में स्थापित एनआरसी में 10 बेड खाली पाए गए। इनके कार्य क्षेत्र में 100 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इतनी आंगनबाड़ियों में कोई भी बच्चा एनआरसी में भर्ती लायक नहीं है। निरीक्षण के दौरान एनआरसी में 10 बेड खाली रहना सीडीपीओ के पर्यवेक्षण सुपरविजन एवं मॉनीटरिंग में कमी को दर्शाता है। 

सिविल डिस्पेंसरी ठाठीपुर की चिकित्सा अधिकारी साधना सिंह, कलेक्टर डॉ. संजय गोयल के आकस्मिक निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाई गईं थी। जिसका कारण स्वास्थ्य खराब होना बताया था। डॉ. साधना सिंह दूसरे ही दिन अपने कार्य पर उपस्थित हो गईं। स्वास्थ्य खराब होने वाली बात आफ्टर थॉट है। यह बात भी विचारनीय है कि स्वास्थ्य भी निरीक्षण के ही दिन केवल एक दिन के लिये ही खराब हुआ और दूसरे ही दिन स्वास्थ्य ठीक हो गया। कलेक्टर द्वारा इनका जवाब को समाधानप्रद नहीं माना गया। 

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वीरपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. के के गुप्ता ने शिकायतकर्ता श्रीमती संध्या जोशी का जाँच प्रतिवेदन अत्यधिक विलम्ब से पेश किया था। इन चारों अधिकारियों पर लगाए गए आरोप सिद्ध पाए जाने पर कमिश्नर ने इन चारों अधिकारियों के खिलाफ यह कार्यवाही की है।

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