व्यभिचार का महिमामंडन



परंपरागत राजनीति से ऊबी हुई दिल्ली की जनता ने बड़ी आशा और विश्वास के साथ आम आदमी पार्टी को विजयश्री प्रदान की थी ! किन्तु एक के बाद एक दिल्ली सरकार के कुल छह मंत्रियों में से तीन को विभिन्न आरोपों के चलते हटाना पड़ा ! किन्तु सबसे ज्यादा चोंकाने वाली विदाई हुई है महिला और बाल विकास विभाग मंत्री संदीपकुमार की ! इन महाशय को एक वीडियो टेप में दो अलग अलग महिलाओं के साथ घोर आपत्तिजनक अवस्था में देश की जनता ने देखा । 

किन्तु उससे भी अधिक हैरत की बात है पत्रकार से आप पार्टी के नेता बने आशुतोष की प्रतिक्रिया ! आशुतोष के अनुसार बंद कमरे में पारस्परिक सहमति से दो बालिगों के शारीरिक संबंधों में कुछ भी गलत नहीं है ! इतना ही नहीं तो आशुतोष ने गांधी नेहरू और अटल बिहारी वाजपेई पर भी तोहमत जड़ दी कि उनके भी विभिन्न महिलाओं के साथ अन्तरंग सम्बन्ध थे !

आशुतोष के इन आरोपों को लेकर जहाँ आप पार्टी मौन है, वहीं अन्य राजनैतिक दलों को भी मानो सांप सूंघ गया है ! बयान के दो दिन बाद भी किसी ने इस घृणित मानसिकता को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दर्शाई है, नही किसी राजनैतिक कार्यकर्ता ने अपने नेताओं की अवमानना को लेकर अदालत की शरण ली है ! मानो सब मूक सहमति दे रहे हों कि आशुतोष की बात सैद्धांतिक रूप से सही है ! बंद कमरे में नेता क्या कर रहे हैं, यह उनका निजी मामला है !

भारत के सत्ता गलियारों की यह मानसिकता ही मूल समस्या है ! पाश्चात्य रंग में रंगा इण्डिया, भारत की आत्मा से कितना दूर चला गया है ! व्यभिचार गैर कानूनी नहीं है, अतः उसे सामाजिक मान्यता दी जाये, शायद आशुतोष का यही अभिमत है, यही इच्छा है ! यह अलग बात हैकि अब वीडियों में दर्शाई गई महिला ने भी सामने आकर और मंत्री पर बलात्कार का आरोप लगाकर आशुतोष को उनकी औकात बता दी है ! हो सकता है अब आशुतोष की कोई नई दलील सामने आये, मसलन महिला को विरोधी दलों ने प्रेरित किया है या वह महिला अपनी इज्जत बचाने के लिए अब झूठी तोहमत लगा रही है आदि आदि !

इन सब बातों से आम आदमी पार्टी का मूल चरित्र तो सामने आ ही रहा है !
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